Site icon The Better India – Hindi

कभी खेती करने के लिए मना करते थे दादाजी, अब उसी खेती से पोती कमा रही सालाना 10 लाख रूपये

ऐसा माना जाता है कि खेती गुजरे हुए कल की बात है और इसमें संभावनाएं नहीं हैं, लेकिन कर्नाटक के मैसूर की रहने वाली महिला किसान सनिहा हरिश ने इन विचारों को गलत साबित करते हुए कृषि के क्षेत्र में एक नई पहचान बनाई है।

सनिहा पिछले 5 वर्षों से अपने शहर में जैविक खेती कर रही हैं, जिससे उन्हें हर साल लाखों रुपए की आमदनी होती है। सनिहा की राह आसान नहीं थी, क्योंकि उनके दादाजी जी को लगता था कि वह कभी खेती नहीं कर सकती हैं।

सानिहा हरिश

सनिहा ने द बेटर इंडिया को बताया, “हमारे पास काफी जमीन थी और मैं बचपन से ही खेती करना चाहती थी, लेकिन मेरे दादाजी को लगता था कि मैं इसमें सक्षम नहीं हूँ। मैंने उनकी इस चुनौती को स्वीकार किया और स्कूल खत्म होते ही जेएसएस कॉलेज, मैसूर में बी.एससी. (एग्रीकल्चर) में दाखिला ले लिया। इसके बाद मैंने छोटे पैमाने पर आधुनिक खेती शुरू की।”

वह आगे कहती हैं, “शुरुआती दिनों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि उपज की उचित कीमत नहीं मिल रही थी। लेकिन, हमने हार नहीं मानी। अब मैं 11 एकड़ जमीन में मिश्रित खेती करती हूं। इसके अलावा, हमारा 1000 वर्ग फीट का एक टेरेस गार्डन है, जहाँ सब्जी और औषधीय पौधों की खेती होती है।”

सनिहा गोभी, टमाटर, मिर्च, स्ट्रॉबेरी, बीन्स, प्याज, लहसुन, नींबू, केला, लेमन ग्रास, मशरूम, अदरक, आदि जैसे 100 से अधिक फलों, सब्जियों और औषधीय पौधों की खेती करती हैं। जिससे उन्हें हर साल 10 लाख रुपए से अधिक की आय होती है।

बगीचे से काटा हुआ ताजा स्ट्रॉबेरी

सनिहा के इन कार्यों में उनके पति मदद करते हैं और पिछले साल नवंबर में उन्होंने एक मशरूम ट्रेनिंग सेंटर की भी स्थापना की। जिसमें फिलहाल, 35 किसान प्रशिक्षण लेते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने एक इंस्टाग्राम पेज भी शुरू किया है, जहाँ लोग बागवानी से संबंधित कई अहम सवाल पूछते हैं। सनिहा के इन कृषि कार्यों से प्रेरित होकर उनके कई पड़ोसियों ने भी खेती शुरू की है।

छत पर बागवानी के लिए पौधे तैयार करती सनिहा

द बेटर इंडिया ने सनिहा से खास बातचीत की और उनसे बागवानी के बारे में जाना और समझा। हमारी बातचीत का अंश आप यहाँ पढ़ सकते हैं।

प्रश्न – शुरुआत कैसे करें?

सनिहा – शुरुआत हमेशा कम बजट और कम समय में तैयार होने वाले पौधों से करें। इससे आपको एक आइडिया मिलेगा कि खेती कैसे करनी चाहिए। शुरुआती 1-2 साल चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन बाद में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

प्रश्न – यदि कोई पहली बार बागवानी कर रहा है, तो उसे किस तरह के पेड़-पौधों की खेती करनी चाहिए?

सनिहा – गोभी, टमाटर, मिर्च, बीन्स जैसी चीजों से शुरुआत करनी चाहिए।

सनिहा के खेत में उगी काली गोभी

प्रश्न – बागवानी के लिए मिट्टी कैसे तैयार करें?

सनिहा – हर फसल के बाद गोबर, किचन वेस्ट आदि से निर्मित जैविक उर्वरकों का उपयोग करें। इससे मिट्टी में लगे कीटों को खत्म करने में मदद मिलती है। इसके बाद मिट्टी को बैग में डालकर खेती शुरू करें।

प्रश्न – क्या छत पर बागवानी करने का कोई नुकसान है?

सनिहा – नहीं, छत पर बागवानी करने का कोई नुकसान नहीं है। बस ध्यान रखें कि कहीं सिंचाई के पानी का रिसाव ना हो।

प्रश्न – बागवानी के लिए कम लागत में संसाधनों की पूर्ति कैसे करें?

सनिहा – आप पौधों को लगाने के लिए घर के बेकार बर्तनों, डिब्बों आदि का उपयोग करें, जबकि खाद के लिए किचन वेस्ट जैसे कि सब्जियों के छिलके, दाल-चावल का धुला पानी आदि।

प्लास्टिक के बोतल में पौधों को तैयार करती सनिहा

प्रश्न – सिंचाई के लिए किस विधि का उपयोग करें?

सनिहा – आप छत पर लगे पौधों की सिंचाई बाल्टी और मग से कर सकते हैं। जबकि, जमीन पर अपने फसल की सिंचाई ड्रिप इरिगेशन सिस्टम के तहत करें।

प्रश्न – बागवानी करने के लिए उचित समय क्या है?

सनिहा – बागवानी के लिए जून-जुलाई का महीना सबसे अच्छा है, क्योंकि इस दौरान सिंचाई की कोई चिंता नहीं होती है। इसके साथ ही, अभी मिट्टी में गर्मी के मौसम की तुलना में कीड़े भी कम लगते हैं।

प्रश्न – पेड़-पौधों की देख-भाल कैसे करें? कितनी धूप उनके लिए जरूरी है?

सनिहा – पौधों की देख-भाल के लिए जैविक उर्वरकों का उपयोग करें। यदि पौधे में कीट लग रहे हैं तो नीम के तेल का स्प्रे करें। साथ ही पौधों को 4-5 घंटे की धूप नियमित रूप से लगने दें।

सनिहा के खेत में जैविक विधि से उगाई सब्जियां

प्रश्न – पेड़-पौधों के पोषण के लिए घरेलू नुस्खे क्या हैं?

सनिहा – पौधों के पोषण के लिए वर्मी कम्पोस्ट, गाय के गोबर से निर्मित जैविक उर्वरकों का उपयोग करें। यदि आप खाद नहीं बना सकते हैं तो किचन वेस्ट को मिक्सर में पीस कर सीधे मिट्टी में मिला दें, इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी।

प्रश्न – हमारे पाठकों के लिए कुछ जरूरी सुझाव?

सनिहा –जैविक खेती जरूर करें। आजकल हम रसायन युक्त खाद्य पदार्थों का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे हमारे स्वास्थ्य को काफी नुकसान होता है। इसलिए जितना संभव हो सके घर में खेती करें। जैसे – टमाटर, मिर्च, लहसुन आदि जैसी रोजमर्रा की चीजें।

अगर आपको भी है बागवानी का शौक और आपने भी अपने घर की बालकनी, किचन या फिर छत को बना रखा है पेड़-पौधों का ठिकाना, तो हमारे साथ साझा करें अपनी #गार्डनगिरी की कहानी। तस्वीरों और सम्पर्क सूत्र केसाथ हमें लिख भेजिए अपनी कहानी hindi@thebetterindia.com पर!

यह भी पढ़ें…और ऐसे सीखा मैंने घर पर सब्जियाँ उगाना, शुक्रिया ‘द बेटर इंडिया’!

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं

Exit mobile version