Site icon The Better India – Hindi

ड्रैगन फ्रूट से लेकर एवोकाडो तक, छत पर करती हैं 600+ पौधों की बागवानी

Hyderabad Woman

45 वर्षीय दर्शा साई लीला हैदराबाद की रहने वाली हैं। वह अपना बुटीक चलाती हैं, लेकिन उनके ‘व्यस्त’ दिन की शुरुआत अपने टेरेस से ही होती है। दर्शा अपने 2000 वर्ग फीट के छत पर कई सब्जियों, फलों और औषधीय पौधों की बागवानी करती हैं, जिससे इन चीजों के लिए, बाजार पर उनकी निर्भरता 70 फीसदी तक कम हो गई है।

इस कड़ी में, उन्होंने द बेटर इंडिया को बताया, “मुझे बागवानी की प्रेरणा अपने पिता जी से मिली। वह एक स्कूल शिक्षक थे, और हर पर्व-त्योहार के अवसर पर, वह एक पेड़ लगाया करते थे। इस कारण ‘बागवानी’ से मेरा बचपन से ही लगाव रहा है।”

वह आगे बताती हैं, “हम पहले किराए के घर में रहते थे। इस कारण, मुझे बागवानी करने का मौका नहीं मिल पाया। लेकिन, 7 साल पहले हमने अपना घर लिया और अपने छत पर गेंदा और अड़हुल के फूल लगाए।”

लेकिन, इसके एक साल बाद, उनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि, उन्हें अपने छत पर बड़े पैमाने पर बागवानी करने की प्रेरणा मिली।

दर्शा साई

वह कहती हैं, “मुझमें थायरॉइड के लक्षण आ रहे थे। जिससे मैं हैरान थी, क्योंकि मैं अपने खान-पान को लेकर काफी सतर्क हूँ। इस बीमारी के लक्षण दिखने के बाद, मुझे एहसास हुआ कि, आज खेती में, बड़े पैमाने पर रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल हो रहा है। इससे मुझे अपने छत पर, बड़े पैमाने पर बागवानी करने की प्रेरणा मिली।”

अब दर्शा, अपने छत पर 600 से अधिक पौधों की बागवानी करती हैं। जिसमें आम, नारंगी, लीची, अमरूद, ड्रैगन फ्रूट, ऐवोकाडो जैसे 30 प्रकार के फलों के साथ-साथ टमाटर, मिर्च, बैंगन, भिंडी, लौकी, बीन्स जैसे कई तरह की सब्जियाँ भी शामिल हैं। इसके अलावा, उनके पास तुलसी, अश्वागंधा, नीम जैसे कई औषधीय पौधे भी हैं।

लिया प्रशिक्षण

वह बताती हैं, “मुझे टेरेस गार्डनिंग का कोई खास अनुभव नहीं था। इसलिए मैंने ‘यूट्यूब’ का सहारा लिया। इस दौरान मुझे ‘तेलंगाना सरकार’ द्वारा शहरी क्षेत्रों में ‘आर्गेनिक टेरेस गार्डेनिंग’ को बढ़ावा देने के प्रयासों के बारे में पता चला। इसके तहत मैंने कई प्रशिक्षण शिविरों में हिस्सा लिया।” दर्शा को बागवानी के सभी संसाधनों को जुटाने के लिए, हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट द्वारा सब्सिडी भी दी गई। 

अपने छत पर बागवानी करतीं दर्शा

उन्होंने बताया कि, बागवानी शुरू करने से पहले उन्होंने, इंजीनियर से बात कर सुनिश्चित कर लिया कि, ऐसा करना उनके छत के लिए सुरक्षित है या नहीं। इसके बाद इंजीनियर ने उन्हें, सिर्फ ‘वॉटरप्रूफिंग’ करने की सलाह दी।

कैसे करती हैं बागवानी

दर्शा अब पूर्णतः जैविक बागवानी करती हैं। उर्वरक के तौर पर वह गाय के अपशिष्टों से बने जीवामृत, पंचगव्य का इस्तेमाल करती हैं। इसके अलावा, किचन वेस्ट, अंडे के छिलके, सरसों की खली और ‘वर्मी कम्पोस्ट’ का भी उपयोग किया जाता है। वहीं, कीटनाशक के तौर पर वह, नीम ऑयल का इस्तेमाल करने के साथ ही, छाछ, अदरक, लहसुन और मिर्च के पेस्ट का भी इस्तेमाल करती हैं।

लॉकडाउन के दौरान मिली बड़ी राहत 

दर्शा बताती हैं, “लॉकडाउन के दौरान बाजार में अफरा-तफरी का माहौल था, और फल-सब्जियाँ काफी महंगे बिक रहे थे। साथ ही, उस वक्त घर से बाहर निकलना भी काफी मुश्किल था। लेकिन, हमें अपने ‘टेरेस गार्डन’के कारण काफी राहत मिली। आज की परिस्थितियों को देखते हुए, जितना संभव हो, हर किसी को अपनी फल-सब्जियां खुद से उगाने चाहिए।”

‘यूट्यूब चैनल’ की शुरुआत

अधिकाधिक लोगों को बागवानी के प्रति, प्रेरित करने के लिए, दर्शा ने मार्च, 2020 में अपना एक ‘यूट्यूब चैनल’ भी शुरू किया। आज जिसके, 71 हजार से अधिक सब्सक्राइबर और 8 लाख से अधिक व्यूअर्स हैं। इसके अलावा, उन्होंने तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में कई कार्यक्रमों में अतिथि के रूप में भी हिस्सा लिया है।

उपराष्ट्रपति से भी मिल चुका है सम्मान

दर्शा को हाल ही में, भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा ‘बेस्ट टेरेस गार्डनर अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार उन्हें टेरेस गार्डनिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए दिया गया था।

दूसरों को भी बाँटते हैं अपने उत्पाद

दर्शा अपने फलों तथा सब्जियों को, अपने आस-पास के लोगों में भी बाँटती हैं। इसके बदले, वह किसी से पैसे नहीं लेतीं। उन्होंने अपने यूट्यूब के 1000 सब्सक्राइबरों को, ‘जैविक तरीकों से संरक्षित बीज’ भी बाँटे हैं।

क्या देती हैं सलाह

दर्शा ‘टेरेस गार्डनिंग’ शुरू करने की चाहत रखने वाले, सभी पाठकों को सलाह देती हैं कि, छत पर बागवानी शुरू करने के लिए कुछ मूलभूत चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे – 

        संपादन- प्रीति महावर

यह भी पढ़ें – Grow Guldaudi: गमले में गुलदाउदी उगाना है आसान, बस अपनाएं ये तरीके

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।

Hyderabad Woman, Hyderabad Woman, Hyderabad Woman, Hyderabad Woman

Exit mobile version