पक्षियों को पिंजड़े या किसी बर्ड सैंक्चुअरी से ज़्यादा खुले आसमान में उड़ते देखने की खुशी अलग ही है। लेकिन जहाँ पेड़ और प्रकृति ही नहीं, वहाँ ये पक्षी कैसे दिखेंगे? इस कड़वी सच्चाई से परे आज हम आपको एक ऐसे घर की कहानी सुनाने वाले हैं जहाँ पौधे भी हैं, और ढेरों पक्षी भी।
यह घर है पुणे की रहनेवाली स्मिता पासलकर का। उनके अपार्टमेंट की बालकनी में हर दिन एक या दो नहीं, बल्कि हज़ारों पक्षी आते हैं। इसमें 40-50 तोते, सनबर्ड, गिलहरी, चिड़ियाँ, वीवर्स जैसी कई बर्ड्स शामिल हैं।
स्मिता ने इन सभी पक्षियों के लिए यहाँ बर्ड फीडर्स तो लगाएं ही हैं, साथ में इनके लिए प्राकृतिक माहौल बनाने के लिए ढेरों पौधे भी उगाएं हैं। द बेटर इंडिया से बात करते हुए वह बताती हैं, “मैं हर दिन घर का ज़रूरी काम करने के बाद दो घण्टे इन पक्षियों के लिए काम करती हूँ। यह मेरे हर दिन के रूटीन का एक अहम हिस्सा बन गया है।”
ऐसा नहीं है कि उन्हें यह शौक़ हाल में हुआ है, बल्कि स्मिता को बचपन से ही पक्षियों और पेड़-पौधों से काफ़ी लगाव रहा है।
पिता से मिली पक्षी प्रेम की प्रेरणा
स्मिता पुणे के चंदन नगर की रहनेवाली हैं। उनके घर में बड़ा गार्डन है, जहाँ उनके पिता गार्डनिंग किया करते थे। वह बताती हैं, “मेरे पिता हमेशा पक्षियों के लिए दाना और पानी भरकर रखते थे। उन्हें देखकर ही मेरे मन में भी पंछियों के लिए विशेष प्यार रहा है। इसके बाद मैं जहाँ भी रही, इसी तरह से पौधे लगाना और पक्षियों को दाना देने का काम करती रही हूँ।”
स्मिता फैशन डिज़ाइनिंग पढ़ाती हैं, हालांकि अभी उन्होंने अपने काम से ब्रेक लिया है और घर पर ही रहती हैं। वह अपने कॉलेज में भी लंच ब्रेक के दौरान वहाँ के स्टूडेंट्स के साथ मिलकर गार्डनिंग और पक्षियों के लिए फीडर्स लगाने का काम किया करती थीं।
लेकिन, अपने घर पर पक्षियों के लिए विशेष आशियाना बनाने का काम उन्होंने छह साल पहले शुरू किया था, जब वह यहाँ रहने आई थीं।
पक्षियों की पसंद का ख़्याल रखती हैं स्मिता
कर्वे नगर के जिस घर में वह अभी रहती हैं, वहाँ पहले तोते या दूसरे पक्षी बिल्कुल नहीं आते थे। उन्होंने अपनी बालकनी में कुछ पौधे लगाने से शुरुआत की। धीरे-धीरे यहाँ कुछ चिड़ियाँ आने लगीं। स्मिता ने इन चिड़ियों के लिए पानी और एक कटोरे में दाना रखना शुरू किया।
जिसके बाद चिड़ियों की संख्या में इजाफ़ा होने लगा। स्मिता ने देखा कि अब तीन-चार तोते भी आने लगे हैं, लेकिन कोई दाना खाने नहीं आता था। उन्होंने विशेषकर तोतों के लिए फीडर बनाकर दाना रखना शुरू किया। इस तरह से और तोते उनकी बालकनी में आने लगे।
पहले तो आस-पास के लोग भी उनके घर में पक्षियों को आता देख हैरान होते थे। वह कहती हैं, “यहाँ 20 साल से लोग रह रहे थे। सब मुझे कहते कि तोते ऊपर उड़ते तो दिखाई देते थे लेकिन कोई तोता बालकनी में आकर नहीं बैठता था। लेकिन मेरे यहाँ आने के बाद तोतों की संख्या भी काफ़ी बढ़ गई।”
उन्होंने पक्षियों के लिए ढेरों फूल के पौधे लगाए हैं। वह बताती हैं, “मेरे पास जगह काफ़ी कम है इसलिए मैं ज़्यादा फल नहीं लगा सकती। लेकिन सनबर्ड के लिए मैंने बहुत सारे फूल लगाए हैं।”
उन्होंने पक्षियों के लिए अपने घर की दोनों बालकनी में सात-सात फीडर्स लगाए हैं। उनके गाँव में बैम्बू की खेती की जाती है इसलिए वह गाँव से बैम्बू लाकर खुद ही फीडर्स बनाती हैं और प्लास्टिक के कुछ फीडर्स वह बाज़ार से खरीदकर इस्तेमाल करती हैं।
वह इन पक्षियों के लिए सूरजमुखी के बीज, चावल, मूंगफली वग़ैरह स्टोर करके रखती हैं, ताकि एक दिन भी पक्षियों को दाना देने में चूक न हो।
उन्होंने बताया कि महीने के 50 किलो चावल पक्षियों को खिलाने के लिए लगता है। साथ ही वह नियमित रूप से कुछ फल भी लाती रहती हैं।
सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों को सिखा रहीं पक्षी से दोस्ती करना
आज उनके घर के साथ-साथ, आस-पास की जगहों में भी इन पक्षियों की मीठी आवाज़ सुनाई देती है। कई लोग उनके घर विशेष रूप से इन पक्षियों से मिलने के लिए आते हैं। स्मिता कहती हैं कि उनकी बिल्डिंग में कई और लोगों ने भी बर्ड फीडर्स रखना शुरू कर दिया है।
स्मिता अपने घर में आने वाले इन सुन्दर मेहमानों के वीडियोज़ सोशल मीडिया पर भी शेयर करती हैं। लोगों को उनका पक्षी प्रेम देखना इतना अच्छा लगने लगा कि कई लोग उनसे पक्षियों से जुड़े सवाल पूछते हैं और जानकारियां भी मांगते हैं।
लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि कई लोगों ने उनको देखकर पक्षियों को पिंजड़े में रखना छोड़ दिया है। एक घटना के बारे में बात करते हुए स्मिता ने बताया, “कुछ समय पहले मुझे सोशल मीडिया पर किसी ने संपर्क किया था। उनके घर में पिंजड़े में बंद कुछ तोते थे, जिनको उन्होंने सालों से पाला था। लेकिन मेरे वीडियोज़ में पक्षियों को खुला और आज़ाद देखकर उन्हें एहसास हुआ कि ऐसा करना सही नहीं है। जिसके बाद वह अपने तोते मेरे पास लेकर आईं और हमने उन्हें आज़ाद कर दिया।”
ऐसे ही कई और लोग अपने घरों में फीडर्स लगाकर या पक्षियों को आज़ाद करके, स्मिता के साथ फोटोज़ और वीडियोज़ शेयर करते रहते हैं।
स्मिता बेहद खुश हैं कि आज उनका शौक़ लोगों को एक नेक संदेश देने का काम कर रहा है। इसी बहाने पक्षियों के संरक्षण के लिए लोग जागरूक भी हो रहे हैं।
आप उनके पक्षी प्रेम से जुड़े सुंदर वीडियोज़ देखने के लिए उन्हें इंस्टाग्राम पर फॉलो कर सकते हैं।
संपादन – भावना श्रीवास्तव
यह भी पढ़ें- एक नहीं, दो नहीं, रोज़ आते हैं 70-80 पक्षी, जोधपुर की सना के छोटे-से घर में