गमले में कैसे उगाएं अनार? अगर यह सवाल आपके मन भी है, तो हमारे पास है इसका जवाब। लाल मोती जैसे सुन्दर दानों वाला फल, अनार किसे पसंद नहीं! यह न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि बेहद पौष्टिक भी होता है। यह एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर और विटामिन का खज़ाना होता है।
ज़्यादातर लोग इस पौष्टिक फल को उगाना एक मुश्किल काम समझते हैं। चमकदार पत्तियों और लाल ट्यूब के आकार के फूलों वाला यह फलदार पेड़ ज़्यादातर गर्म जगहों में अच्छी तरह से फलता-फूलता है।
बेंगलुरु के एक शहरी गार्डनर, लिज़ी जॉन की मानें तो अनार के पेड़ भारतीय जलवायु में आसानी से उगते हैं। साथ ही, इसमें दूसरे फल देने वाले पेड़ों की तरह बहुत ज़्यादा रख-रखाव की ज़रूरत नहीं होती है।
वह बताती हैं, “अनार झाड़ी वाला पेड़ होता है, जो छोटी जगह में भी उगाया जा सकता है। बस इन्हें पर्याप्त धूप मिलनी चाहिए।”
लिज़ी पिछले नौ सालों से अपने टेरेस गार्डन में 100 तरह के फल और सब्जियां उगा रही हैं। उनका कहना है कि इन आठ स्टेप्स को अगर ध्यान में रखा जाए, तो गमले में अनार का पौधा उगाना बेहद आसान होगा।
चलिए जानें कैसे उगाएं अनार
1. कैसे उगाएं अनार: नर्सरी से एक स्वस्थ पौधा ख़रीदें
उनका कहना है कि बीज से उगाने से अच्छा होगा कि इसे सैपलिंग के ज़रिए उगाया जाए। अगर आप इसे पहली बार लगा रहे हैं, तो नर्सरी से एक हेल्दी सैपलिंग ही लेकर आएं।
2. अच्छी ड्रेनेज वाली मिट्टी का इस्तेमाल करें
क्योंकि यह एक फलदार पौधा है, जिसकी जड़ें काफ़ी बड़ी होती हैं, तो इसे किसी बड़े गमले या ड्रम में ही लगाएं। लिज़ी, फलों के पेड़ लगाने के लिए एक बड़ी प्लास्टिक की बाल्टी या ड्रम का इस्तेमाल करने का सुझाव देती हैं।
इसके अलावा, पानी निकलता रहे, इसके लिए बर्तन या ड्रम के नीचे कुछ छेद कर दें, जिससे पानी मिट्टी में जमा न रहे।
3. कैसे उगाएं अनार: सही पॉटिंग मिक्स चुनना है बेहद ज़रूरी
उनका कहना है कि वह किसी भी फल को उगाने के लिए एक बाल्टी मिट्टी में एक मुट्ठी चूना मिलाती हैं। फिर उसमें आधा बाल्टी कोकोपीट, वर्मीकम्पोस्ट और गोबर मिलाकर पौधे लगाती हैं।
4. गमले में मिट्टी भरने के तरीक़े
पहले सूखे पत्तों को गमले की नीचे की परत पर लगाएं और फिर मिट्टी के मिश्रण की एक परत डालें। सूखे पत्तों और पॉटिंग मिक्स की कम से कम तीन ऐसी परतों से बर्तन को भर दें। इस तरह तैयार गमले को कम से कम एक सप्ताह तक रखें और फिर पौधा लगाएं।
5. सूरज की रोशनी का रखें ख़्याल
किसी भी फल के पौधे को अच्छी सूरज की रोशनी की ज़रूरत पड़ती है। अनार के पौधे तो गर्म वातावरण में ही अच्छे बढ़ते हैं, इसलिए इसे ऐसी जगह रखें, जहाँ अच्छी धूप आती हो।
6. पानी और खाद देने से जुड़ी बातें
पौधा रोपने के बाद उसे दिन में एक बार पानी दें। महीने में एक या दो बार घर की खाद या गाय के गोबर जैसी जैविक खाद भी डालें।
“मैं पिछले कई सालों से एक तकनीक का पालन कर रही हूँ। एक प्लास्टिक की बोतल लें और उसका नीचे का हिस्सा काट लें। फिर खुले मुंह को गमले की मिट्टी में दबा दें। बोतल में रोज़ रसोई का कचरा, सूखे पत्ते वगैरह भरें और उसमें थोड़ा सा गुड़, छाछ या गाय का गोबर डालें। फिर नारियल के खोल का इस्तेमाल करके बोतल के निचले हिस्से को बंद कर दें। बोतल के अंदर बनने वाला घोल पौधे को पोषण देते हुए मिट्टी में मिलता जाएगा।”
लिज़ी बताती हैं कि यह तकनीक किसी भी फल के पेड़ पर लागू की जा सकती है।
7. कीड़ों से बचाव के लिए रखें इन बातों का ध्यान
कीट के हमले से बचने के लिए 5 मिलीलीटर नीम के तेल को एक लीटर पानी में मिलाएं और कुछ साबुन या डिटर्जेंट मिलाएं। फिर इसे पौधे पर स्प्रे करें।
8. कटिंग और प्रूनिंग का रखें ध्यान
गमले या ड्रम में फलों के पेड़ को एक छोटी सी जगह में रखते समय, यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि यह ज़्यादा लम्बा-चौड़ा पौधा न बन जाए। इसलिए 2-3 फ़ीट तक बढ़ने पर इसकी छंटाई करें। यह अच्छी तरह बढ़ने में मदद करता है।
अंत में उन्होंने बताया कि आमतौर पर बेंगलुरु के मौसम में अनार के पौधे पांच या छह महीने के अंदर फल देने लगते हैं। एक स्वस्थ और फल देने वाले पेड़ को उगाने के बाद आप एयर लेयरिंग या कटिंग जैसे प्रॉसेस के ज़रिए कई नए पौधे आसानी से उगा सकते हैं।
आशा है आपको इस जानकारी से पौधा लगाने में मदद मिलेगी।
हैप्पी गार्डनिंग !
संपादन- भावना श्रीवास्तव
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