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70 की उम्र में बागवानी करके जवां हैं यह रिटायर्ड इंजीनियर, घर पर लगाए 8000 पौधे

gardening by sureshchandra
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साल 2011 में नौकरी से रिटायर होने के बाद, जब सुरेशचंद्र पटेल एक स्थायी घर बनाना चाहते थे, तब उन्होंने अपने पुश्तैनी गांव में मिली ज़मीन पर घर बनाने का विचार किया। सुरेश को लगा था कि सालों शहर में रहने के बाद, उनकी पत्नी और बेटी गांव में रहने के लिए नहीं मानेंगे। लेकिन सुरेशचंद्र की तरह ही उनके पूरे परिवार को गार्डनिंग से बेहद लगाव है, और इसी के चलते उन्होंने भी सुरेश के इस फैसले का पूरा साथ दिया।

किसान का बेटा होने के कारण, सुरेशचंद्र को हमेशा से खेती में रुचि थी। लेकिन पढ़ाई और नौकरी के कारण उनका शौक पीछे छूट गया था। इसलिए जैसे ही उन्हें गांव में जाकर रहने का मौका मिला, वह तुरंत तैयार हो गए और अब पिछले 10 सालों से वह गांव में एक किसान की तरह ही जी रहे हैं। उनकी पत्नी हर्षा पटेल और बेटी डॉ. बिनीता पटेल भी गांव में रहकर, उनके साथ फल सब्जियों की गार्डनिंग में उनकी मदद करते हैं।  

द बेटर इंडिया से बात करते हुए सुरेशचंद्र कहते हैं, “बचपन में तो स्कूल जाने से पहले गाय के लिए चारा काटना और खेत में छोटा-मोटा काम मुझे करना ही पड़ता था। आज मैं जिस तरह का जीवन जी रहा हूँ, वह मुझे अपने बचपन की याद दिला देता है।” 

Sureshchandra at his Garden

8000 पेड़ों के बीच रहता है यह परिवार 

सुरेशचंद्र ने अपने पुश्तैनी गांव की जिस जमीन पर घर बनाया है, वहां पहले से ही कुछ आम के पेड़ लगे हुए थे। ज़मीन के बीचों-बीच करीबन आधे बीघा ज़मीन में उनका घर बना है और आगे भी तक़रीबन इतना ही बड़ा गार्डन है।

उन्होंने यहां आते ही कुछ और आम के पेड़ कलम से उगाए थे और आज उनके घर के पीछे दो बीघा जमीन में आम सहित कई फलों के पेड़ लगे हैं। उनके घर में चीकू, अमरूद, अनार, आंवला, चार किस्म के केले, सीताफल, स्टारफ्रुट सहित कई फलों के पेड़ लगे हैं। वहीं, घर के सामने उन्होंने सजावटी पौधे लगाए हैं। उनके घर में गुलाब, बोगनवेलिया और अडेनियम की कई किस्म लगी हैं। उन्हें अडेनियम का बेहद शौक है, उनके पास मात्र अडेनियम की ही 500 किस्में हैं।  

उनकी बेटी बिनीता कहती हैं, “मेरे माता-पिता दोनों को ही गार्डनिंग का शौक है, इसलिए हम बचपन से ही उन्हें पौधे उगाते हुए देखते आ रहे हैं। जहां-जहां भी हम क्वार्टर में रहे, वहां तो उन्होंने काफी पेड़-पौधे उगाए ही है और आज हमारे घर में भी तक़रीबन सभी प्रकार के पौधे हैं।”

Dr. Binita And Harsha Patel

उनके घर में औषधीय पौधों से लेकर मौसमी सब्जियां तक, सब कुछ मिल जाएगा। गार्डन को सजाने में सुरेशचंद्र की पत्नी हर्षा भी खूब मेहनत करती हैं। गार्डनिंग में उन दोनों का समय बड़े आराम से कट जाता है और उनकी सेहत भी काफी अच्छी रहती है। सुरेशचंद्र कहते हैं, “मुझे रिटायर हुए 11 साल हो गए हैं, फिर भी कई लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं कब रिटायर हो रहा हूं। मेरी इतनी अच्छी सेहत का पूरा श्रेय मैं गार्डनिंग को ही देता हूं।”

इंजीनियर दिमाग के साथ बखूबी सजाया गार्डन 

Home Garden

चूंकि वह एक इंजीनियर हैं, इसलिए उन्होंने बड़े सलीके से दिमाग लगाकर पौधे लगाए हैं। उनके घर से मेन गेट तक एक रोड बनी है, जिसके आस-पास उन्होंने ऐसे पौधे लगाए हैं, जिसे कटिंग करके एक अच्छा शेप दे सकें। कहीं उन्होंने मेहंदी के पेड़ को ग्रीन वॉल की तरह डिज़ाइन करके लगाया है, तो कहीं एरिका पाम जैसे सजावटी पौधों से सजाया है। 

उनके घर में एक छोटा पॉलीहाउस भी बना है, जिसमें उन्होंने अपने अडेनियम के पौधे रखने के लिए खुद ही एक स्टैंड डिज़ाइन किया है। अपने गार्डन के साथ-साथ, उन्होंने अपने घर के पास भी सफाई और पौधरोपण का पूरा ध्यान रखा है। वह हर मौसम में अपने गार्डन को अलग-अलग तरीके से सजाते रहते हैं। 

Adenium Collection in Garden

प्रकृति से इस परिवार का लगाव देखकर,  उनके आस-पास भी कई लोगों ने अपने घर में सुंदर गार्डन बनाना शुरू कर दिया है। उनकी बेटी डॉ. बिनीता भी अपने क्लिनिक में ढेरों पौधे लगाती हैं। 

यानी यह कहना गलत नहीं होगा कि सुरेशचंद्र और उनका पूरा परिवार खुद तो हरियाली फैला ही रहा है, साथ ही अपने साथ कई लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रहा है। 

Sureshchandra Enjoying Gardening

आशा है आपको भी उनका यह सुन्दर गार्डन पसंद आया होगा। अगर आपके घर में भी ऐसा ही सुन्दर गार्डन बना है, तो आप अपनी कहानी हमसे ज़रूर शेयर करें।   

संपादनः अर्चना दुबे

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