तेलांगना के विकाराबाद में रहने वाले मोहम्मद मोइज़ और उनका परिवार पिछले कई सालों से गार्डनिंग कर रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि उनके घर में जो भी प्लांटर्स हैं उनमें से लगभग 90% प्लांटर्स बेकार पड़ी चीजों से बनाए गए हैं। उनका पूरा गार्डन ‘बेस्ट आउट ऑफ़ वेस्ट’ के सिद्धांत पर है। मोहम्मद बताते हैं कि उन्हें यह तो याद नहीं कि उनके घर में पेड़-पौधे कब से हैं। लेकिन पिछले 4-5 सालों से उन्होंने अपने गार्डन में तरह-तरह के प्रयोग करना शुरू किये हैं।
“सबसे पहले तो हमने ठाना कि हम किसी भी तरह के रसायन का प्रयोग अपने पेड़ों में नहीं करेंगे। फिर हमने अपने पूरे गार्डन को ‘बेस्ट आउट ऑफ़ वेस्ट’ का उदाहरण बनाया है। हमारे यहाँ गिने-चुने ही गमले होंगे। बाकी सभी प्लांटर्स पुरानी-बेकार पड़ी चीजों से बने हैं,” उन्होंने आगे कहा।
आज मोहम्मद के घर में 400 से भी ज्यादा किस्म के पेड़-पौधे हैं, जिनके प्लांटर्स के लिए उन्होंने पुराने जूतों से लेकर टूटे टी-पॉट और खराब मिक्सर तक का उपयोग किया है। उनके घर का कोई भी ऐसा कचरा, जिसे गार्डनिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, उनके घर से बाहर नहीं जाता। बूट्स, पुरानी जींस, पुराने बर्तन, टूटी क्रोकरी, प्लास्टिक की बोतलें, डिब्बे आदि सभी में मिट्टी भरकर, वह अपने घर की हरियाली बढ़ाते हैं। उनका गार्डन इलाके में अच्छा खासा मशहूर है और उन्हें देखकर उनके पड़ोसी भी बागवानी करने के लिए प्रेरित हुए हैं।
उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उनके बगीचे को देखने के लिए खास तौर पर इलाके की रेवेन्यु डेवलपमेंट अफसर और म्युनिसिपल अफसर भी आ चुकी हैं। उन्होंने भी मोहम्मद और उनके परिवार के प्रयासों की काफी सराहना की। वह कहते हैं कि उनकी ज़िंदगी को गार्डनिंग ने काफी सुकून भरा बनाया है और अब हर दिन लगभग 2 घंटे उनका परिवार पेड़-पौधों के साथ बिताता है।
द बेटर इंडिया ने मोहम्मद के अनुभव को जानने और समझने के लिए उनसे खास बातचीत की, जिसका एक अंश आप यहाँ पढ़ सकते हैं!
1. अगर कोई अपना गार्डन/बगीचा लगाना चाहता है तो उसे सबसे पहले क्या करना चाहिए?
मोहम्मद: ज़रूरी नहीं कि आप एकदम से बड़ा-सा बगीचा लगाने का सोचें। आप छोटे-छोटे कदम उठाएं और फिर इन्हें धीरे-धीरे बड़ा होने दें। सबसे पहले प्लांटर्स के लिए अपने घर में ही ढूंढिए और जो भी बेकार पड़ी चीज़ – खाली डिब्बे या फिर कोई कैन मिले, उसे साफ़ करें और इसमें मिट्टी भरकर पेड़-पौधे लगा दें।
2. अगर कोई पहली बार गार्डनिंग कर रहा है तो उन्हें किस तरह के पेड़-पौधे लगाने चाहिए?
मोहम्मद: शुरूआत में आप पुदीना, मिर्च, धनिया, मेथी और पालक जैसी चीजें लगा सकते हैं।
3. गार्डनिंग के लिए मिट्टी कैसे तैयार करें?
मोहम्मद: मिट्टी तैयार करना बहुत ही ज़रूरी है गार्डनिंग के लिए। वसंत ऋतू के शुरू में मिट्टी तैयार करें। यह सबसे अच्छा समय होता है इस काम के लिए। पेड़-पौधों के लिए सबसे अच्छी दोमट मिट्टी होती है। इसमें चिकनी मिट्टी, सिल्ट और बालू होती है। इस मिट्टी में आप वर्मीकंपोस्ट मिला लें और आपका पॉटिंग मिक्स तैयार है।
4. अगर हम छत पर पेड़-पौधे लगा रहे हैं तो क्या इससे हमारी छत में लीकेज हो सकता है या फिर किसी भी तरह से यह खराब हो सकती है?
मोहम्मद: अगर आपकी छत का निर्माण कमजोर नहीं है तो कोई समस्या नहीं होती। अक्सर छतों को 15 किमी/स्क्वायर सेंटीमीटर के हिसाब से भार झेलने की क्षमता वाला बनाया जाता है। इस पर आप आसानी से गमलों और अन्य प्लांटर्स में बागवानी कर सकते हैं। छत पर भार को कम करने के लिए आप मिट्टी की जगह कॉकोपीट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
5. गार्डनिंग करने के कुछ आसान और कम लागत के तरीके क्या हैं?
मोहम्मद: * बीज खरीदने की बजाय आप पौधे की कलम का उपयोग करें।
* बेकार चीजों से प्लांटर्स बनाएं।
* खुद अपने गार्डन को डिजाईन करने पर काम करें।
* घर पर खाद बनाने की कोशिश करें।
* बिना ज़रूरत की कोई चीज़ न खरीदें।
6. पौधों को पानी देने के कुछ ऐसे तरीके, जिससे कि पानी बर्बाद न हो?’
मोहम्मद: * सबसे पहले छोटे पेड़-पौधों से शुरू करें।
* बहुत ज्यादा पानी न दें, पानी सिर्फ मिट्टी को नमी देने के लिए होना चहिए।
* ज़रूरत के हिसाब से पानी दें।
* दिन में जब थोड़ी ठंडक हो तब पानी दें।
7. गार्डनिंग शुरू करने का सबसे बेहतर समय कौन-सा है?
मोहम्मद: अगर आप गार्डनिंग में नौसिखिए हैं, तो जून के महीने से पेड़-पौधे लगाना शुरू कीजिये।
8. पेड़-पौधों की देखभाल कैसे करें, कब पानी दें और कितनी धूप उनके लिए ज़रूरी है?
मोहम्मद: गर्मियों में पेड़-पौधों की देखभाल बच्चों की तरह करनी होती है। सुबह 8 बजे से पहले या फिर शाम में पानी दें। इसके अलावा, घर में रखे जाने वाले पेड़-पौधों को कम से कम 2 घंटे अप्रत्यक्ष धूप की ज़रूरत होती है तो वहीं बाकी पेड़ों को 4 से 5 घंटे।
9. कोई घरेलू नुस्खा बताइए जिससे पेड़-पौधों को पोषण दिया जा सकता है?
मोहम्मद: बहुत से घरेलू तरीकें हैं पेड़ों को पोषण देने के। जैसे कि आप केले के पत्तों को पानी में दो दिन के लिए भिगोकर रखें और फिर इस पानी को पेड़ों में डालें। इसके अलावा आप साग-सब्जियों और फलों के छिलकों को भी पेड़ की जड़ों में डाल सकते हैं। यह डीकम्पोज होकर अच्छी खाद का काम करेंगे।
10. अंत में, हमारे पाठकों के लिए कुछ ज़रूरी टिप्स!
मोहम्मद: मैं सबको ‘बेस्ट आउट ऑफ़ वेस्ट’ की सलाह देता हूँ। सबसे अच्छा यही है कि आप पुरानी चीजों में पेड़-पौधे उगाएं। यह किफायती भी है और इससे आपके घर का कूड़ा-कचरा बाहर भी नहीं जाएगा। साथ ही, मैं यही कहूँगा कि किचन और टेरेस गार्डन हमारे आनेवाले कल की ज़रूरत हैं और हम सभी को इससे जुड़ना चाहिए।
यह भी पढ़ें: #गार्डनगिरी: ‘खुद उगाएं, स्वस्थ खाएं’: घर की छत को वकील ने बनाया अर्बन जंगल!
यदि आप मोहम्मद से संपर्क करना चाहते हैं, तो उन्हें md_moiez@yahoo.com पर ईमेल कर सकते हैं!
अगर आपको भी है बागवानी का शौक और आपने भी अपने घर की बालकनी, किचन या फिर छत को बना रखा है पेड़-पौधों का ठिकाना, तो हमारे साथ साझा करें अपनी #गार्डनगिरी की कहानी। तस्वीरों और सम्पर्क सूत्र के साथ हमें लिख भेजिए अपनी कहानी hindi@thebetterindia.com पर!
संपादन – मानबी कटोच