Site icon The Better India – Hindi

अब दोपहिया वाहन पर 4 साल से कम उम्र के बच्चे को बैठाना है, तो फॉलो करने होंगे ये नियम

New traffic rules for motor bikes

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों में एक तिहाई (37 प्रतिशत) से अधिक लोग दोपहिया सवार थे।

दोपहिया वाहन चलाने वालों के लिए सड़क को सुरक्षित बनाने का प्रयास करते हुए, केंद्र सरकार ने मोटरसाइकिल पर एक बच्चे को ले जाने के लिए सुरक्षा प्रावधानों के लिए मसौदा नियमों (Draft Rules) को अधिसूचित किया है, जिसमें बच्चे को चालक से जोड़ने के लिए सेफ्टी हार्नेस के इस्तेमाल की सिफारिश की गई है।

मसौदा प्रस्ताव नियम के तहत, मोटरसाइकिल सवारों के लिए, पीछे बैठे बच्चे को सेफ्टी हार्नेस के जरिए सुरक्षित करना अनिवार्य होगा। दरअसल, सेफ्टी हार्नेस बच्चे द्वारा पहना जाने वाला एक जैकेट होता है। इस हार्नेस को इससे जुड़ी पट्टियों से एडजस्ट किया जा सकता है और यह हार्नेस चालक द्वारा पहने गए शोल्डर लूप से जुड़ा रहता है। इस तरह, बच्चे का ऊपरी धड़, ड्राइवर से सुरक्षित रूप से जुड़ा होता है।

मसौदा प्रस्ताव के बारे में जानने योग्य बातें:

Safety Harness
  1. ये हार्नेस, हल्के वजन, एडजस्टेबल, जलरोधक (Water Proof) और टिकाऊ होंगे।
  2. ये उच्च घनत्व फोम के साथ हेवी नायलॉन/मल्टीफिलामेंट नायलॉन मटेरियल के होंगे।
  3. इन्हें 30 किलो तक वजन संभालने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा।

इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी मोटरसाइकिल के चालक की होगी कि पीछे बैठने वाले यात्री ने क्रैश हेलमेट पहना है या नहीं और अगर पहना है, तो वह उनके सिर पर फिट बैठता है या नहीं। अगर मोटरसाइकिल पर 4 साल का बच्चा बैठा है, तो गति 40 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए।

इस नियम को लेकर अगर आपको कोई आपत्ति या सुझाव हो, तो: संयुक्त सचिव (एमवीएल, परिवहन और टोल), सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, परिवहन भवन, संसद मार्ग, नई दिल्ली-110001 को लिख सकते हैं या फिर आप comments-morth@gov.in. पर मेल भी कर सकते हैं।

इन नियमों के संबंध में 20 नवंबर 2021 से पहले भेजी गईं आपत्तियों या सुझाव पर केंद्र सरकार द्वारा विचार किया जाएगा।

आधिकारिक अधिसूचना पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

(Featured Image)

मूल लेखः विद्या राजा

संपादन – मानबी कटोच

यह भी पढ़ेंः पूर्वोत्तर भारत की पांच महिलाएं, जिनका इतिहास में है अहम योगदान

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।

Exit mobile version