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कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के वेतन को कैसे प्रभावित करेगा ‘आत्मनिर्भर पैकेज’

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 मई 2020 को अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए, COVID-19 पैकेज के हिस्से के रूप में प्रमुख कर रियायत की घोषणा की है। उन्होंने जिन छह सुधारों के बारे में बात की, उनमें से एक गैर-वेतनभोगी तबके के लिए TDS में 25% की कटौती शामिल है।

TDS कटौती किसके लिए लागू होती है:

टीडीएस कटौती पेशेवरों, गिग इकॉनमी वर्कर्स (खुदरा काम करने वाले), कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों और स्वतंत्र सेवा प्रदाताओं पर लागू होती है। यह कंपनी के वेतन पर वेतनभोगी कर्मचारियों पर लागू नहीं होती है।

आपको जाननी चाहिए ये ज़रूरी बातें

  1. इस बदलाव को तत्काल प्रभाव यानी 14 मई 2020 से लागू किया जायेगा।
  2. नए TDS कटौती से कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों और गैर-वेतनभोगी कर्मचारियों को लाभ होने की संभावना है।
  3. TDS की इस नए दर के तहत कॉन्ट्रैक्ट, प्रोफेश्नल फीस, ब्याज, किराया, लाभांश, कमीशन, ब्रोक्रेज आदि के लिए भुगतान उपयुक्त होंगे।
  4. यह कटौती 31 मार्च 2021 तक लागू रहेगी।

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आर्थिक प्रभाव क्या है?

इस बदलाव से पहले TDS उस स्रोत पर 10 प्रतिशत की कटौती थी, जो भुगतान करने वाला, किए गए भुगतान से काटता है और इसे कर विभाग में दायर करता है। 

रिसीवर को वर्ष के अंत में रिटर्न दाखिल करते समय रिफंड का दावा करना होता है।

इस बदलाव के साथ, लागू  TDS में 25% की कमी की गई है, यानी लागू टीडीएस दर अब 7.5% होगी, जो पहले 10% थी।

यदि एक प्रोफेशनल कनसल्टेशन के लिए आपने 1,00,000 रुपये का इनवॉइस बनाया है, तो पहले के नियम के तहत आपको भुगतानकर्ता से केवल 90,000 रूपए मिलते और 10,000 रूपए टीडीएस के रूप में काटे जाते।

हालांकि, अब आपको भुगतानकर्ता से 92,500 रूपए मिलेंगे, जिससे आपके हाथ में आने वाली तत्काल आय में वृद्धि होगी।

वित्त मंत्री के अनुसार, इस कदम से अर्थव्यवस्था में लगभग 50,000 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी की संभावना है।

मूल लेख – विद्या राजा 

संपादन – मानबी कटोच 

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