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मम्मी ने फिर बनाये हैं ‘टिंडे’? तो नाक न सिकोड़ें, इन्हें मिला है ‘सुपरफूड’ का दर्जा

Health Benefits of Tinda

घर में टिंडे की सब्जी का नाम सुनते ही बच्चे तो क्या कई बड़े भी नाक-मुंह सिकोड़ने लगते हैं। अगर गलती से किसी दिन यह सब्जी बन जाये तो बच्चों को लगता है कि उन्हें बाहर से कुछ खाने का बहाना मिल गया। लेकिन घर में कोई न कोई बड़ा-बुजुर्ग होता ही है जो शौक से टिंडे बनवाकर बच्चों को खिलाते हैं। इसकी वजह यह नहीं है कि वे बच्चों को परेशान करना चाहते हैं बल्कि इसकी वजह है टिंडे में छिपे पोषक तत्व और स्वास्थ्य के गुण। टिंडा भी लौकी या घीया के परिवार से ही संबंध रखता है। बेल में लगने वाले टिंडे को भी हरी सब्जियों की सूची में शामिल किया जाता है। 

कई जगह ‘एप्पल गॉर्ड’ के नाम से जाना जाने वाले टिंडे का वैज्ञानिक नाम Praecitrullus fistulosus है। यह गर्मियों की सब्जी है, जिसे कई तरह से पका कर खाया जा सकता है। बहुत से लोगों को टिंडे का स्वाद पसंद नहीं आता है लेकिन शोध के मुताबिक टिंडे के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी गुणों का जिक्र आयुर्वेद में भी मिलता है। साथ ही, बहुत से डायटीशियन भी लोगों को कई परेशानियों से निजात पाने के लिए टिंडा खाने की सलाह देते हैं। पिछले 12 सालों से बतौर डायटीशियन और डायबिटीज एजुकेटर काम कर रहीं अर्चना बत्रा कहती हैं कि पाचन तंत्र को ठीक रखने के साथ-साथ टिंडा त्वचा के लिए भी अच्छा होता है। 

अर्चना बत्रा ने द बेटर इंडिया को बताया, “टिंडा ऐसी सब्जी है, जिसमें पानी की मात्रा काफी ज्यादा है। साथ ही, यह फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा साधन है। पानी की मात्रा ज्यादा होने के कारण इसमें कैलोरी कम होती है। इसलिए यह सभी उम्र के लोगों के लिए खाना ठीक रहता है।” 

Dietician Archna Batra

एक रिसर्च के मुताबिक, टिंडे में 93.5 ग्राम पानी की मात्रा होती है, जबकि फैट मात्र 0.2 ग्राम होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटासियम, जिंक, कैरोटीन, थाइमिन और नियासिन जैसे तत्व भी होते हैं। इसलिए यह हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ हमारी त्वचा और बालों के लिए भी अच्छा है। 

टिंडे के स्वास्थ्य के लिए फायदे 

डायटीशियन अर्चना कहतीं हैं कि अगर कोई व्यक्ति वजन कम करने के लिए मेहनत कर रहा है तो वे अपनी डाइट में टिंडा शामिल कर सकते हैं। क्योंकि इसमें नाममात्र फैट होता है। इसलिए इसे खाने में शामिल करने से उनकी मदद ही होगी। “साथ ही, यह जूस के लिए भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। फलों के जूस की तुलना में सब्जियों का जूस बेहतर रहता है क्योंकि इनमें शुगर की मात्रा ज्यादा नहीं होती है। इसलिए अगर कोई एक्सरसाइज के साथ जूस लेना चाहता है तो वे टिंडे का जूस बनाकर पी सकते हैं। यह आपकी पाचन क्रिया को सही करने के साथ-साथ आपके शरीर को ‘डीटॉक्स’ भी करता है मतलब हानिकारक तत्वों को बाहर निकालता है,” उन्होंने आगे कहा। 

टिंडे पर प्रकाशित हुए एक शोधपत्र के मुताबिक, टिंडा लोगों के ब्लड प्रेशर (रक्त चाप) और कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में मदद करता है। इसमें उपलब्ध अलग-अलग पोषक तत्व इसे ब्रैस्ट और प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों के लिए भी बेहतर बनाते हैं। 

पोषक तत्वों से भरपूर टिंडे के फायदे

टिंडे में कैरोटीन होने के कारण यह ‘एंटी-एजिंग’ पर काम करता है। साथ ही, यह भी बताया जाता है कि जॉन्डिस की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए भी टिंडा बहुत गुणकारी है। क्योंकि टिंडे के पत्तों में विटामिन सी और कुकुरबिटासिंस होने के कारण, ये शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती हैं। इससे मरीज का लिवर अच्छे से काम करने लगता है।  

अर्चना कहती हैं कि अगर कोई टिंडे की सब्जी नहीं खा सकता है तो वे इसका अचार बनाकर भी इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। टिंडे का स्वास्थ्य के लिए इतना गुणकारी होने के बावजूद लोग इसे ज्यादा नहीं लगाते हैं और न ही ज्यादा खाते हैं। जबकि यह ऐसी सब्जी है जिसे इसके मौसम में हफ्ते में दो-तीन बार खाया जा सकता है।

इस तरह से बनाए टिंडे का अचार 

सामग्री: 

विधि 

आशा है कि इस स्टोरी को पढ़ने के बाद आप पोषक तत्वों से भरपूर टिंडे को जरूर अपने डाइट में शामिल करेंगे। वैसे तो टिंडा सभी के लिए अच्छा होता है लेकिन अगर किसी को टिंडा खाने के बाद किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

संपादन- जी एन झा

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