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एक क्लिक में पानी की डिलीवरी कर, कमा रहे लाखों का मुनाफा

go paani (1)

पानी का सफल बिज़नेस

पूरे देश में डिजिटल क्रांति के तहत कई बदलाव किए जा रहे हैं। लेकिन आज भी कई ऐसे बिज़नेस हैं, जो पेन पेपर के भरोसे ही चल रहे हैं। हमारे घर के पास की किराना दुकान, न्यूज़ पेपरवाला , आयरन वाले या पानी डिलीवरी(Water Delivery) करने वाले भैया आज भी फ़ोन कॉल के ज़रिए ही ऑर्डर लेते हैं और अपनी एक डायरी में अपना लेखा-जोखा रखते हैं। हालांकि, उनके ग्राहकों की संख्या सैकड़ों और हजारों में होती है और ये सारे बिज़नेस हमारे रोज़मर्रा की ज़रूरतों से जुड़े हैं।  

ऐसा ही बिज़नेस है पीने के पानी की डिलीवरी का भी। पानी डिलीवरी (Water Delivery) करने के दौरान कई बार जार खो जाने या समय पर डिलीवरी न होने से डिस्ट्रीब्यूटर और ग्राहक दोनों को ही कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।   

देशभर के लाखों डिस्ट्रीब्यूटर्स की ऐसी ही समस्या को ध्यान में रखकर इंदौर के दो दोस्तों ने एक बेहतरीन ऐप ‘Gopaani’ डिज़ाइन(Mobile Application) किया है।  यह ऐप छोटे शहरों में पीने के पाने के डिस्ट्रीब्यूटर्स की तक़रीबन सभी समस्याओं का समाधान है।  

साल 2019 में इंदौर के अंकित रांका और अर्पित शारदा ने अपनी-अपनी नौकरी छोड़कर एक समाधान के रूप में इस काम की शुरुआत की थी और आज वह देश के हजारों छोटे-छोटे वॉटर डिस्ट्रीब्यूटर्स को ऑनलाइन काम करने में मदद कर रहे हैं और इसके ज़रिए लाखों का टर्नओवर भी कमा रहे हैं।  

Ankit And Arpit

कैसे आया ऐप का आईडिया?

अंकित और अर्पित बचपन के दोस्त हैं, लेकिन अंकित पढ़ाई के लिए US  गए थे और वह वहां पढ़ाई के बाद एक खुद की IT कंपनी चला रहे थे। अंकित कहते हैं, “पढ़ाई के बाद मैंने कुछ समय नौकरी की और फिर बाद में मैंने अपने स्टार्टअप की शुरुआत की थी। विदेश में वर्क वीसा पर काम करना मेरे लिए काफी महंगा था। इसलिए मैंने साल 2014 में भारत आकर काम करने का फैसला किया। भारत आकर भी मैं विदेशों की IT कम्पनियों के लिए ही काम कर रहा था और उस दौरान अर्पित एक प्लास्टिक के वॉटर जार बनाने वाली कंपनी के साथ काम कर रहे थे।”

अंकित को आईटी का अच्छा ज्ञान था, जबकि बिज़नेस की जानकारी अर्पित को थी। साल 2019 में अर्पित ने अंकित को पानी सप्लाई बिज़नेस के बारे में बताया। उसी समय अंकित को पता चला कि कैसे छोटे-छोटे डिस्ट्रीब्यूटर्स आज भी पेन और पेपर पर काम कर रहे हैं, जिससे कभी कभी उनके वॉटर जार में गड़बड़ी भी हो जाती थी और उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ता था। 

करीब सात साल US में बिताते के बाद, भारत आए अंकित को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि कैसे आज भी लोग पेन और पेपर के सहारे बिज़नेस कर रहे हैं।  

उन्हें यह काफी गंभीर समस्या लगी और इसी से उन्हें अपने बिज़नेस का ख्याल भी आया।  

Water Delivery Application

कैसे शुरू हुआ Go Paani?

अंकित ने वॉटर डिस्ट्रीब्यूटर्स की सभी समस्याओं को ध्यान में रखकर एक ऐप बनाने का फैसला किया। चूंकि अर्पित पहले से ही प्लास्टिक बोतल बनाने वाली कंपनी के साथ जुड़े हुए थे, इसलिए वह इंदौर के कई वॉटर सप्लाई बिज़नेस वालों को भी जानते थे। देश के कुछ मुख्य ब्रांड्स के अलावा, हमारे देश में कई लोकल ब्रांड्स भी हैं, जो अपने-अपने शहरों में पानी सप्लाई का काम कर रहे हैं। 

अंकित कहते हैं कि हमारे देश में 14 से 15 लाख वॉटर सप्लायर्स हैं, जो एक अव्यवस्थित बिज़नेस के रूप में काम कर रहे थे। ज्यादातर लोग वॉट्स्ऐप या एक्सेल शीट से काम कर रहे थे।  

अंकित ने उसी एक्सेल शीट का एक ऑनलाइन प्लेटफार्म बनाया। शुरुआत उन्होंने इंदौर के चार वॉटर डिस्ट्रीब्यूटर्स ग्राहकों के साथ काम करने से की और उन्हें अपने ऐप के ज़रिए काम करने को कहा। अंकित बड़ी ख़ुशी के साथ बताते हैं कि कई ग्राहक उन्हें ऐप को और अच्छा बनाने में मदद करते थे। वे अपनी समस्या उनके साथ शेयर करते थे, ताकि Go Panni को और बेहतर बनाया जा सके। 

Team Go Paani

 इस तरह से उन्होंने शुरुआती दो सालों में अपनी सेविंग से करीब 10 लाख रुपये निवेश करके काम करने की शुरुआत की थी। साल 2020 में उन्हें अपना पहला पेड ग्राहक मिला और एक महीने के बाद ही ग्राहकों की संख्या 20 हो गई।

 इसी साल अप्रैल में उनके स्टार्टअप को एक इन्वेस्टर भी मिला है, जिसके ज़रिए वह अपने बिज़नेस को और आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा डिलीवरी बिज़नेस सेक्टर के ग्राहकों तक पहुंच सकें। 

वॉटर डिस्ट्रीब्यूटर्स  के काम को आसान बनाता है यह ऐप 

अपने ग्राहकों की समस्याओं को समझते हुए,  समय के साथ उन्होंने ऐप में कई तरह के बदलाव भी किए और उनके बिज़नेस की सफलता यह साबित करती है कि भारत में छोटे-छोटे व्यापारी भी डिजिटल तरीके से काम करना चाहते हैं, लेकिन सही जानकारी के आभाव में वह बदलाव से जुड़ नहीं पाते। अंकित और अर्पित का यह ऐप बिज़नेस को डिजिटल होने का मौका दे रहा है।

एक उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि गुना (मध्यप्रदेश) में Ice Valley नाम की एक ड्रिंकिंग वॉटर बनाने वाली कंपनी है, जो तक़रीबन 2000 ग्राहकों तक पानी पहुंचा रही है। हाल में यह कंपनी Go Panni  के ऐप के जरिए बड़े आराम से अपने बिज़नेस का हिसाब किताब देख रही है। इस ऐप में ग्राहक, डिस्ट्रीब्यूटर्स से लेकर स्टॉक आदि की सारी जानकारी रहती है, जो कंपनी के लिए पानी की डिलीवरी और ग्राहकों के लिए ऑर्डर और पेमेंट का काम आसान बना देती है। 

हालांकि इस काम में उन्हें कुछ दिक्क़तें भी आईं। पहले कई डिलीवरी बॉय ऐप अपडेट के लिए अपने इंटरनेट डाटा का इस्तेमाल नहीं करना चाहते थे। इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने ऑफलाइन ऑप्शन की सुविधा भी शुरू की, जिससे डिलीवरी बॉय बिना इंटरनेट के भी अपने ऐप में अपडेट कर सकते हैं।    

मौजूदा समय में 15 राज्यों की 25 हजार वॉटर डिलीवरी कंपनियां GoPaani  ऐप का इस्तेमाल कर रही हैं, जिसके ज़रिए उन्होंने पिछले साल करीब 50 लाख का टर्नओवर भी कमाया था।  

अर्पित और अंकित अपने शहर में रहकर ही 60 से ज्यादा लोगों को काम दे रहे हैं और देश को डिजिटल बनाने की कोशिश में भी लगे हैं। आप उनके इस स्टार्टअप के बारे में ज्यादा जानने के लिए उन्हे यहां सम्पर्क कर सकते हैं।  

संपादनः अर्चना दुबे

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