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सौ साल पुराने घरों की मिट्टी और पत्थरों से बना सस्टेनेबल होमस्टे

‘स्वर्ग का सुंदर घर!” यह कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन तमिलनाडु राज्य के कन्याकुमारी के मारुंधुवाज़ मलाई पर्वत की वादियों में स्थित मुथु नंदिनी पैलेस होमस्टे को देखकर आपको यह कहावत बिलकुल सार्थक लगेगी। लेकिन सिर्फ़ बाहर की सुंदरता ही नहीं.. मुथु नंदिनी पैलेस के अंदर कदम रखते ही आपको पारंपरिक संस्कृति का खूबसूरत नज़ारा भी देखने को मिलता है।

बचपन की यादों और प्राचीन संस्कृति को सहेजता मुथु नंदिनी पैलेस

पारंपरिक वास्तुकलाओं पर बना मुथु नंदिनी होमस्टे

इस होमस्टे को कन्याकुमारी के ही रहनेवाले राजचंदर पद्मनाबन ने अपनी दादी के; करीब सौ साल पुराने घर के मटेरियल्स को रीसायकल करके बनाया है। यह होमस्टे अपने मेहमानों को बचपन की याद और तमिलनाडु की प्राचीन संस्कृति की याद दिलाता है।

रीयूज़्ड लकड़ी, पत्थर और मिट्टी के ईंटों की वजह से यह पूरी तरह सस्टेनेबल और ईको-फ्रेंडली है। यह घर एक नहीं, बल्कि तीन आर्किटेक्चरल तकनीकों से बनाया गया है। यह तमिल, वेनाड और चेट्टीनाड वास्तुकला का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो तमिलनाडु की समृद्ध और ऐतिहासिक विरासत को दर्शाता है।

सस्टेनेबल लिविंग को बढ़ावा देता यह होमस्टे

सस्टेनेबल और स्थानीय मटेरियल्स की वजह से यह होमस्टे पूरी तरह ईको-फ्रेंडली है। चूना, लाल मिट्टी, गाय के गोबर और भूसे जैसी चीज़ों से किए गए प्लास्टर और पुरानी मिट्टी से बनी छत इस घर को एक अलग लुक और एहसास देते हैं।

ईको-फ्रेंडली होमस्टे

काफ़ी गर्मी में भी बिना पंखे और एसी के इस होमस्टे का तापमान अंदर से ठंडा और हर मौसम में अनुकूल बना रहता है। यहाँ लगे रंग-बिरंगे, सस्टेनेबल और हैंडमेड अथंगुडी टाइल मुथु नंदिनी पैलेस की सुंदरता को और भी बढ़ा देते हैं और इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाते हैं। 

मुथु नंदिनी पैलेस होमस्टे में 100 से ज़्यादा पिलर्स और 50 से ज़्यादा खिड़कियां हैं जो इसे प्रकृति के करीब रखते हैं। इसके अलावा, यह होमस्टे सदियों पुराने एंटीक कलेक्शंस का खज़ाना है। यहाँ मौजूद हर चीज़ संस्कृति और प्रकृति से जुड़ी हुई है।सस्टेनेबल लिविंग को बढ़ावा देने के अलावा यह होमस्टे तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत को भी संजोने का काम कर रहा है।

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