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कुल्हड़ की छत और पुराने घरों की बची हुई मिट्टी से बना इको-फ्रेंडली घर

ऐसा माना जाता है कि वास्तुकला ही सभी कलाओं की जननी है। यह एक ऐसी कला है जिसमें हमें किसी भी समाज की जीवनशैली, तकनीक और प्रथाओं की झलक देखने को मिलती है। हालांकि समय के साथ इसमें भी ढेर सारे बदलाव आए हैं, जिस वजह से अब ऐसे घर बन रहे हैं जो प्रकृति के अनुरूप नहीं हैं। इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए सेंटर ऑफ़ साइंस फॉर विलेजेज़ ने एक अनोखी शुरूआत की, जिसका उदेश्य प्रकृति के अनुरूप निर्माण कार्य करना है। 

महाराष्ट्र के वर्धा शहर में 1976 में शुरू किए गए इस सेंटर का उद्देश्य निर्माण के साथ-साथ कई और ज़रियों से सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देना है। यह भारत के पारंपरिक तरीकों व संस्कृति को आज के वैज्ञानिक व आधुनिक तकनीकों के साथ मिलाकर गाँव के लोगों को रोज़गार उपलब्ध कराने और उन्हें आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में CSV ने अनोखी ‘वॉल्ट रूफ टेक्नोलॉजी’ से मिट्टी का ऐसा घर बनाया है जिसमें पुराने घरों की बची मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है और इसकी छत कुल्हड़ से बनी है। 

मज़बूत, आरामदायक और किफ़ायती है कुल्हड़ से बना घर 

जिस कुल्हड़ में हम आम तौर पर चाय-पानी पीते हैं; मिट्टी से बने उन्हीं कुल्हड़ को एक-दूसरे के साथ जोड़कर आर्क का आकार दिया गया है और इन्हीं से CSV होम की मज़बूत छत बनाई है। इसके नीचे टूटे हुए चीनी टाइलों के टुकड़े भी डाले गए हैं, जिससे छत वॉटरप्रूफ बनी रहती है और ज़्यादा धूप को अंदर आने से रोकती है। और इस तरह घर अंदर से ठंडा रहता है।

इस तरह छत बनाने के लिए सीमेंट, मेटल और स्टील जैसी चीज़ों की ज़रूरत नहीं पड़ती। यह तकनीक बाढ़ और भूकंप जैसे आपदा प्रवण क्षेत्रों के लिए सबसे बढ़िया है, क्योंकि इससे घर बनने में ज़्यादा समय नहीं लगता, मकान तेज़ी से बनता है, रहने के लिए आरामदायक और कम लागत वाला है।

गाँव की संस्कृति के करीब है यह घर 

घर बनाने का यह तरीका सेंटर के लिए काम करने वाले समीर कुर्वेने ने काफ़ी समय पहले अपनी रिसर्च से ईजाद किया था। समीर आज इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन सेंटर उनके इस काम को आगे बढ़ा रहा है। दरअसल, CSV गाँव की संस्कृति और तकनीक को बढ़ावा देने का काम करते हैं। इसके अलावा, वह गाँव के ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को रोज़गार भी दे रहे हैं।

CSV घर की कुल्हड़ से बनी छत

यहाँ काम करने वाले प्रतिभाशाली कुम्हारों ने CSV घर के लिए कुल्हड़ बनाए हैं, जिनका इस्तेमाल घर की वॉल्ट रूफ को बनाने के लिए किया गया है। इसके अलावा, यहाँ की दीवारें और फ़र्श भी सिर्फ़ मिट्टी के ईंटों और लोकल मटेरियल्स से बनाई गई हैं, जिससे यह घर पूरी तरह इको-फ्रेंडली है। कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होने वाले इन्हीं प्राकृतिक चीज़ों की वजह से ही कुल्हड़ का यह CSV घर गर्मीं में अंदर से ठंडा और सर्दियों में गर्म रहता है। 

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