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गाय के गोबर से बना है पंजाब में बसा यह ऑर्गेनिक व इको-फ्रेंडली घर

आपने कंक्रीट के बने हुए मकान बहुत देखे होंगे, शायद मिट्टी और बांस के घर भी देखे हों.. लेकिन क्या कभी देसी गाय के गोबर से बना हुआ घर देखा है? ऐसा माना जाता है कि कई प्राकृतिक चीज़ों की तरह ही शुद्ध गाय के गोबर में भी कई गुण होते हैं। यही वजह है कि पुराने ज़माने में हमारे बड़े-बुज़ुर्ग इसका कई तरह से इस्तेमाल किया करते थे।

गाँवों में घरों की दीवारों और फ़र्श को आज भी गोबर से लीपा जाता है और रसोईघर में इसका पोछा लगाया जाता है; लेकिन सोचिए गोबर से शहर में एक पक्का, बड़ा और मज़बूत घर खड़ा कर देना कितना अनोखा है न! यह अद्भुत काम किया है पंजाब के लुधियाना शहर में रहने वाले डॉ. वीरेंदर सिंह भुल्लर ने। 

सीमेंट या कंक्रीट से नहीं, गाय के गोबर से बना है यह जैविक घर!

द बेटर इंडिया से बात करते हुए डॉ. वीरेंदर बताते हैं, “कार्बन और केमिकल के इस ज़माने में भी नेचर ने हमें कई अच्छे साधन दे रखें हैं, हमे बस उन्हें पहचानने की ज़रूरत है। नेचुरल सब्सटैंस के बारे में अपनी रिसर्च के दौरान हम गौक्रीट तक पहुंचे। गाय के गोबर में बहुत से गुण होते हैं और यह प्रकृति की ओर से हमारे लिए एक वरदान है।” 

देसी गाय के गोबर से बना उनका घर पूरी तरह सस्टेनेबल और इको-फ्रेंडली होने के साथ-साथ केमिकल फ्री भी है। इस बेहद खूबसूरत और देसी घर को गौक्रीट, मिट्टी, पत्थर और वेस्ट मटेरियल के इस्तेमाल से बनाया गया है; जिसकी वजह से यहाँ की ‘दीवारें साँस ले सकती हैं!’ यहाँ का तापमान प्राकृतिक रूप से सर्दी में गरम और गर्मी में ठंडा रहता है। साथ ही यह घर वॉटर रेसिस्टेंट भी है।

देसी गाय के गोबर के हैं कई फ़ायदे

एक वेलबीइंग डॉक्टर होने के नाते वीरेंदर कहते हैं, “इंसान को जैविक उगाने और खाने के अलावा, अच्छे और ऑर्गेनिक माहौल में रहना भी बहुत ज़रूरी है। इससे हमारी उम्र कई साल बढ़ जाती है।” वह आगे कहते हैं कि गोबर से बना यह घर बीमारियों से दूर, सेहतमंद रहने का भी एक अहम ज़रिया है।

देसी गाय के गोबर से बने ईंटों का इको-फ्रेंडली घर

देसी गाय के गोबर से बने प्लास्टर और ईंटों की यह खासियत है कि इनसे बना यह घर भूकंप के झटके कंक्रीट की तरह ही झेलने में समर्थ है। साथ ही यह प्रदूषण और कीटाणुओं से घर को मुक्त रखता है; इसमें दीमक लगने की भी आशंका काफ़ी कम होती है। इसके अलावा, यह कंक्रीट से सस्ता पड़ता है यानी गोबर से घर बनाया सिर्फ़ पर्यावरण के लिए ही अच्छा नहीं है, बल्कि किफ़ायती भी है।

इस ख़ास घर को बनाने में डॉ. वीरेंदर के पिता सरदार हरदीप सिंह भुल्लर का भी काफ़ी योगदान और समर्थन रहा। कई आम घरों के बीच बना उनका यह ख़ास घर आज समाज के लिए एक उदहारण है और आस-पास के इलाकों से लोग इसे देखने भी आते हैं।

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