Site icon The Better India – Hindi

इस छोटे से गाँव की 18 लड़कियों के हुनर को ओलिंपिक की राह दिखा रहे है आजमगढ़ के कोच अवधेश यादव !

आँखों में कुछ सपने , दिल में एक जूनून और हुनर हम सभी में होता है पर सही मार्गदर्शन के अभाव में हमारे ख्वाब अधूरे ही रह जाते हैं। पर उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव निबि में एक शख़्स ऐसा भी है जो अपने दिशानिर्देशन और लगन से कुछ ऐसे ही ख्वाबों को एक मुक़म्मल परवाज़ देने की कोशिश में जुटा हुआ है।

त्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले के एक छोटे से गाँव निबी में साल 2010 से कोच अवधेश यादव 18 लड़कियों के सपनों को साकार करने की कोशिश में जुटे हुए है। ये लड़कियां रियो ओलेम्पिक्स में साक्षी मलिक के शानदार प्रदर्शन से प्रेरित हैं और एक दिन इसी तरह खुद भी भारत के लिए मैडल लाना चाहती हैं।

लाल्सा कृषक इंटर कॉलेज , निबी जो कि आज़मगढ़ से 1.5 Km दूर है, में ये लड़कियाँ कुश्ती के दांव-पेंच सीख रही हैं और उनमें से कुछ तो राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग भी ले चुकी हैं।

Image source: YouTube

कोच अवधेश यादव ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि,“जब मैंने इन लड़कियों को कुश्ती का प्रशिक्षण देना शुरू किया था तो कुछ स्थानीय लोगों ने मेरा मज़ाक तक बनाया , पर मैंने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और अपने आप को इस काम में लगाये रखा। मेरा संकल्प रंग लाया और अब अखाड़े में 18 लड़कियाँ हैं ।“

नेहा यादव जो कि 10वीं की छात्रा हैं कहती हैं कि, “ मैं एक कुश्तीबाज की तरह प्रसिद्धि पाना चाहती हूँ। इस खेल में अनंत संभावनाएं हैं। मैं ओलेम्पिक्स में भारत के लिए पदक लाना चाहती हूँ। मैं जानती हूँ कि ये इतना आसान नहीं है। इसके लिए प्रतिबद्धता की ज़रुरत है, इसलिये मैं कभी भी अभ्यास करना नहीं छोड़ती।“
“सुषमा यादव ने कई कुश्ती प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन किया था। उन्हें स्पोर्ट्स कोटे में BSF के अधीन नौकरी भी मिल गयी है। वो अब BSF कांस्टेबल के पद पर हैं,“ संगीता सिंह बताती हैं, जिन्होंने3 साल पहले कुश्ती सीखनी शुरू की।
संगीता ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भी भाग लिया हैं और वो भारतीय रेलवे में अधिकारी बनना चाहती हैं। वर्त्तमान में वो हिंदी विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन (स्नातकोत्तर) कर रही हैं।

 

मूल लेख – निशि मल्होत्रा


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें contact@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter (@thebetterindia) पर संपर्क करे।

Exit mobile version