भारत के पूर्व राष्ट्पति डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम आजाद एक महान वैज्ञानिक होने के साथ साथ एक शिक्षक भी थे। वो बच्चो से बेहद प्यार करते थे। स्कूल और कॉलेज में पढाना उन्हें बहुत अच्छा लगता था।
इसी कारण २७ जुलाई २०१५ को जब डॉ कलाम की मृत्यु हुयी तब महाराष्ट्र राज्य के शिक्षा मंत्री श्री विनोद तावडे ने ये ऐलान किया कि हर साल डॉ. कलाम के जन्मदिवस १५ अक्टूबर को ‘वाचन प्रेरणा दिवस’ मनाया जायेगा।
मुंबई सरकार ने यह आदेश दिया है कि मुंबई और आसपास के सभी स्कूलो में १५ अक्टूबर को वाचन प्रेरणा दिवस मनाया जायेगा। उस दिन सभी विद्यार्थी स्कूल में बिना बैग के आ सकते है।
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सरकार ने मुंबई के सभी स्कूल और शिक्षक गण से निवेदन किया है, कि हर साल तीसरी कक्षा से लेकर आठवी कक्षा के विद्यार्थी १५ अक्टूबर के दिन शैक्षणिक पाठ्यक्रम के अलावा अन्य किताबे पढ़े।
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स्कूल में पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन करे, विद्यार्थीयों को पुस्तके भेट स्वरुप दे। मश्हूर लेखको के बारे में जानकारी देना तथा प्रसिद्ध पुस्तकों पर चर्चा करना इस तरह के कार्यकर्मो का आयोजन करे। इन सारे उपक्रमों के लिये सरकार ने ६ लाख रूपये तक का खर्च करने के लिये अनुमति दी है।
इस तरह के उपक्रम से विद्यार्थी अन्य किताबे पढने में दिलचस्पी लेने लगेंगे। सरकार ने स्कूल के सभी शिक्षको से विनती की है कि वो ऐसा कार्यक्रम महीने में एक दिन करे जिससे बच्चो को डॉ कलाम के बारे में पता चले।