सालों से नौकरी करते आ रहे लोगों के लिए अक्सर रिटायरमेंट के बाद, घर बैठना बड़ा मुश्किल हो जाता है। लोगों को आर्थिक आज़ादी की चिंता सताने लगती है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या करें? सबसे पहले तो टेंशन ना लें, एनपीएस यानी नेशनल पेंशन सिस्टम है न!
भारत में रिटायरमेंट के बाद, आय का एक स्थिर स्रोत खोजना एक बड़ा टास्क है, तो क्यों न रिटायरमेंट प्लानिंग को ध्यान में रखते हुए, निवेश के एक बेहतरीन विकल्प के तौर पर नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को अपनाया जाए। यह स्कीम, जनवरी 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए, सरकार ने ही शुरू की थी। बाद में 2009 से इसे सभी कैटेगरी के लोगों के लिए खोल दिया गया।
नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत, कर्मचारी अपने वेतन का 10 प्रतिशत मासिक योगदान करते हैं और कुछ योगदान कंपनी (जहां भी आप काम कर रहे हों) की ओर से किया जाता है। कॉरपोरेट इकाई के लिए काम कर रहा 18 से 60 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक (जिसे कंपनी ने नामांकित किया हो) इस योजना का लाभ उठा सकता है।
फाइनेंशियल प्लानर निशांत बत्रा ने आठ पॉइंट्स में एनपीएस के बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने कुछ बातों पर ज़ोर देते हुए बताया कि युवा पीढ़ी को इस योजना के प्रावधानों पर ध्यान देना चाहिए-
1. नेशनल पेंशन सिस्टम के ज़रिए टैक्स सेविंग
निशांत के मुताबिक, नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश करने के लिए टैक्स सेविंग सबसे पहला और अहम कारण होना चाहिए। वह कहते हैं, “अगर आप इसे किसी और मकसद से कर रहे हैं, तो आप गलत कर रहे हैं।”
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— Nishant Batra CWM® 🇮🇳 (@stepbystep888) August 15, 2022
First and foremost, sole reason for investing in National Pension Scheme:
💡tax saving and there by a place in retirement portfolio.
If you are investing in NPS for any other purpose, you are doing it wrong.
2. टियर 1 अकाउंट चुनें
दो तरह के नेशनल पेंशन सिस्टम अकाउंट होते हैं – टीयर 1 और टीयर 2। निशांत कहते हैं, “पहले तरह के अकाउंट में सभी टैक्स कटौती लागू होती है, “वहीं दूसरी तरफ, टियर 2 कहीं भी फायदेमंद नहीं होता। उन्होंने यह भी बताया कि टियर 2 के तहत, यूज़र्स को टैक्स बेनिफिट, क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड आदि नहीं मिलते।
3. नेशनल पेंशन सिस्टम के ज़रिए तीन सेक्शन में टैक्स बचत
टैक्स सेविंग के तीन सेक्शन हैं – 80CCD (1), 80CCD (1B), और 80CCD (2)।
80CCD (1) के तहत, खाताधारक टियर 1 खाते में जो पैसा जमा करता है, उस पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है। टियर 1 नेशनल पेंशन सिस्टम अकाउंट में जमा राशि पर एक साल में 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स लाभ लिया जा सकता है। टियर 1 खाते में जमा 1.5 लाख रुपये पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
80CCD (1B) के तहत, 50,000 रुपये के अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन का प्रावधान है। यह सैलरीड और सेल्फ-इम्प्लॉयड दोनों के लिए है। इस तरह, सेक्शन 80CCD में मैक्सिमम 2 लाख रुपये का टैक्स डिडक्शन लिया जा सकता है। इसमें सेक्शन 80CCD (1) के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये और सेक्शन 80CCD(1B) में अतिरिक्त 50,000 का डिडक्शन शामिल है।
80CCD(2) के तहत, टैक्स डिडक्शन, सेक्शन 80CCD (1) के अलावा मिलता है। सेक्शन 80CCD (2) में सैलरीड व्यक्ति अपनी सैलरी का 10 फीसदी तक डिडक्शन क्लेम कर सकता है, जिसमें मूल वेतन और महंगाई भत्ता, या फिर नेशनल पेंशन सिस्टम में एम्प्लॉयर का कॉन्ट्रीब्यूशन शामिल है।
4. चुनने के लिए दो विकल्प
दो विकल्प हैं, एक्टिव और ऑटो। इस तरह, उपयोगकर्ताओं के पास चार ऐसेट क्लास – इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड, गवर्नमेंट सेक. और वैकल्पिक निवेश फंड के भीतर निवेश के ऐसेट आवंटन को चुनने का विकल्प होता है।
एक्टिव विकल्प के तहत, कोई व्यक्ति निम्नलिखित सीमा के साथ ऐसेट एलोकेशन चुन सकता है:
- इक्विटी, 75 प्रतिशत से कम या उसके बराबर होनी चाहिए।
- एसेट एलोकेशन, 5 फीसदी से कम या उसके बराबर होना चाहिए।
50 वर्ष की आयु तक के लोंगो के लिए, अधिकतम इक्विटी आवंटन 75 प्रतिशत है। बाद में, यह हर साल 2.5 प्रतिशत कम हो जाता है, जब तक कि यह 60 वर्ष का हो जाने पर 50 प्रतिशत तक नहीं पहुंच जाता।
निशांत सलाह देते हैं, “अधिकतम इक्विटी के साथ और बाकी कॉरपोरेट बॉन्ड या सरकारी बॉन्ड में रहने के साथ, हमेशा एक्टिव विकल्प चुनें।” वह वैकल्पिक निवेश को नज़र अंदाज़ करने के लिए भी कहते हैं।
Auto Choice:
Three Lifecycle funds, in all three equity starts tapering down at the age of 36.
LC75 – Aggressive Life Cycle Fund: up to 35 years – 75% equity thereafter, equity starts coming down and reach 15% by the age of 55 years.— Nishant Batra CWM® 🇮🇳 (@stepbystep888) August 15, 2022
5. EEE स्टेट्स
इस योजना का स्टेटस है छूट-छूट-छूट (Exempt-Exempt-Exempt)। इसका मतलब है कि निवेश की गई राशि पर, पूंजी की वृद्धि और परिपक्वता आय के लिए टैक्स में छूट मिलती है। निशांत कहते हैं, लेकिन मैच्योरिटी से होने वाली रकम का 40 फीसदी, पेंशन वाले एन्युटी में निवेश करने की ज़रूरत है।
6. किस उम्र में नेशनल पेंशन सिस्टम में जमा किए पैसे करें विड्रॉ?
नेशनल पेंशन सिस्टम से पैसा 60 साल की उम्र में निकालें या फिर रिटायरमेंट के समय, यानी कि 58 और 60 के बीच। निशांत पैसे निकालने के तीन विकल्प सुझाते हैं।
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— Nishant Batra CWM® 🇮🇳 (@stepbystep888) August 15, 2022
You can withdraw the money from NPS at the age of 60 or superannuation (means: retirement age, mostly 58 or 60).
You have three options:
1) At 60, exit full.
take 60% lumpsum and invest the 40% in annuity
2) Continuation
— Nishant Batra CWM® 🇮🇳 (@stepbystep888) August 15, 2022
You can invest till 70 years of age and extend till 75. Need to make minimum contribution of ₹ 6000 every year.
3) Deferment
You can defer the withdrawal and withdraw anytime before 75.
You can defer only the annuity withdrawal or lumpsum withdrawal.
हालांकि निशांत सलाह देते हैं, “कोशिश करें कि NPS में जमा की गई राशि को 75 साल की उम्र तक बढ़ने दें।”
7. सभी के लिए एनपीएस
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— Nishant Batra CWM® 🇮🇳 (@stepbystep888) August 15, 2022
👉 If you are in 50s, there is a trick.
If total accumulated corpus is less than or equal to ₹ 5 Lakh, one can withdraw 100% lumpsum
Start Contributing in NPS, choose 100% G as asset class, save taxes, withdraw everything at 60
You can use this option for 80CCD(1) as well pic.twitter.com/0hT9yKIuoP
नेशनल पेंशन सिस्टम, देश के सभी कर्मचारियों और नियोक्ताओं के लिए सही है। अगर आपकी उम्र 50 साल के आसपास है और आपने अभी तक इनवेस्ट नहीं किया है, तो निशांत सलाह देते हैं कि अगर आपके पास 5 लाख रुपये से कम या उसके बराबर की बचत है, तो 100 प्रतिशत एकमुश्त निकालें और नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश करें।
8. क्या न करें?
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— Nishant Batra CWM® 🇮🇳 (@stepbystep888) August 15, 2022
You need to maintain balance between liquidity, tax saving, long term goals and loan repayments.
This is more of a personal finance thing but it is important that I say it here.
निशांत सलाह देते हैं कि अगर आप 27 साल के हैं और परिवार में कमाने वाले इकलौते शख्स हैं, घर और भाई-बहनों की पढ़ाई का खर्च आपकी ज़िम्मेदारी है, अपनी शादी भी करनी है, तो NPS आपके लिए नहीं है।
आपका फोकस फिलहाल, बीमा, अपने भाई-बहनों की शिक्षा, खुद की शादी, परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य आदि के लिए पैसे बचाने पर होना चाहिए। आपके पास हमेशा एक अच्छा इमरजेंसी फंड होना चाहिए। एक बार जब परिवार में कोई और व्यक्ति भी कमाना शुरू कर दे, तब नेशनल पेंशन सिस्टम की शुरुआत करनी चाहिए।
मूल लेखः अनाघा आर मनोज
संपादनः अर्चना दुबे
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