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Grow Sugarcane: गमलों, पुरानी बाल्टियों या ड्रम में भी उगा सकते हैं गन्ना, जानिए कैसे

Sugarcane

गर्मियों में दिन भर की थकान के बाद, अगर एक ग्लास गन्ने का ताजा जूस मिल जाये तो सारी थकान चुटकी में मिट जाती है। यही वजह है कि गर्मी के मौसम में, गन्ने के जूस वालों की फेरियां गली-मोहल्लों में दिखने लगती हैं। गन्ने का रस जितना स्वादिष्ट होता है, उतना ही पोषण से भरपूर भी। इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नेशियम और फॉस्फोरस जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बहुत गुणकारी होते हैं। 

वैसे तो लंबे-लंबे गन्नों को देखकर यही लगता है कि इन्हें उगाने के लिए काफी ज्यादा जमीन की जरूरत होगी। लेकिन, आज हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह आप गमले में भी गन्ने को उगा सकते हैं। 

आंध्र-प्रदेश के विशाखापट्टनम में रहने वाली माधवी गुत्तिकोंडा गमले में ही गन्ने उगा लेती हैं।

माधवी ने द बेटर इंडिया को बताया, “ऐसा नहीं है कि आप गार्डन में बहुत ज्यादा मात्रा में गन्ने उगा सकते हैं। उसके लिए आपको बहुत सारे गमले या ग्रो बैग चाहिए। लेकिन अपने घर-परिवार की जरूरत के हिसाब से आप गन्ने उगाने की योजना बना सकते हैं। क्योंकि, गन्ना उगाना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है।”

माधवी आगे कहती हैं कि गन्ने को आप अपने बगीच में, दूसरी फल-सब्जियों की तरह ही लगा सकते हैं। बस इसे तैयार होने में ज्यादा समय लगता है। गन्ना 9-12 महीने के समय के बीच कटाई के लिए तैयार होता है। इसलिए आप बहुत ही धैर्य से गन्ना लगाएं और इसकी देखभाल करते रहें। गन्ना साल में दो बार फरवरी-मार्च और अक्टूबर-नवंबर में लगाया जा सकता है।

Sugarcane (Rep Image)

क्या-क्या चाहिए: 

आप अपने घर पर लाए हुए गन्नों से भी नए गन्ने के पौधे लगा सकते हैं। माधवी कहती हैं कि इसके दो तरीके हैं। पहला कि आप गन्ने को दो-तीन दिन पानी में रखिये। इसके बाद, आप देखेंगे कि गन्ने में जहाँ-जहाँ बड (गन्ने की आँख/ बीज) हैं, उसमें से छोटे-छोटे पौधे निकल रहे हैं। अब आप इन गन्नों केइस तरह से टुकड़े करें कि बड और पौधे वाले हिस्से को कोई नुकसान न हो। इन पौधों को आप गमलों में लगा सकते हैं। 

दूसरा तरीका है कि आप गन्ने का बड वाला हिस्सा काट लीजिए और इन्हें गमलों में लगाइए। 

मिट्टी तैयार करने के लिए आप सामान्य बगीचे की मिट्टी में बराबर मात्रा में रेत और गोबर की खाद या केंचुआ खाद मिला लें। गन्ना उगाने के लिए आप जो भी चीज ले रहे हैं, गमला, ग्रो बैग या कोई अन्य कंटेनर, उसकी चौड़ाई और गहराई ज्यादा होनी चाहिए ताकि गन्नों को पनपने के लिए पर्याप्त जगह मिले। 

अब कंटेनर में मिट्टी भरने के बाद, आप गन्ने के पौधों को एक-दूसरे से बराबर दूरी पर लगा दें। एक कंटेनर में ज्यादा पौधे न लगाएं। इसके अलावा, अगर आप गन्ने की बड लगा रहे हैं तो ध्यान रहे कि मिट्टी में लगाते समय बड वाला हिस्सा ऊपर की तरफ हो। इसे आप मिट्टी में दबा दें और फिर गमलों में पानी दें। 

माधवी कहतीं हैं कि गन्ने को पानी की ज्यादा आवश्यकता होती है, इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी देते रहें। 

लगभग एक महीने बाद, जब आपके पौधे बढ़ने लगें तो आप इनमें खाद या तरल पोषक तत्व दे सकते हैं। इसके लिए आप गोबर की खाद, जीवामृत या केंचुआ खाद भी उपयोग में ले सकते हैं। 

गन्ने के पौधों को नियम से पोषण मिलना चाहिए। इसलिए हफ्ते में एक बार अवश्य जैविक खाद या जैविक तरल खाद देते रहें।  

पौधों को कीटों और बीमारी से बचाने के लिए भी शुरू से ही एहतियात बरतें। समय-समय पर आप नीम के तेल का छिड़काव कर सकते हैं। 

गन्ने को अच्छी तरह से विकसित होने में कितना समय लगता है, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप किस किस्म का गन्ना लगा रहे हैं। इसलिए आप धैर्य रखें और अपने पौधों की देखभाल करते रहें। 

लगभग नौ-दस महीने बाद आपकी गन्ने की फसल तैयार हो जाती है और तब आप इसकी कटाई कर सकते हैं। 

माधवी कहती हैं, “आप अपने घर के आँगन, छत या बालकनी, कहीं भी इस तरीके से गन्ना उगा सकते हैं। बस ध्यान रहे कि उस जगह ताजा हवा और धूप अच्छी आती हो और साथ ही, पानी का इंतजाम भी अच्छा हो।”

तो देर किस बात की, आज ही बाजार से ले आइए एक गन्ना और ट्राय कीजिए यह तरीका। क्या पता आपकी मेहनत रंग लाये और अगले मौसम आप अपने घर में उगाये गन्ने का आनंद ले सकें। 

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संपादन- जी एन झा

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