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Growing Stevia: चीनी का प्राकृतिक विकल्प ‘स्टीविया’ का पौधा उगाएं इस तरह

स्टीविया एक ऐसा औषधीय पौधा है जो डायबिटीज और मोटापे जैसी खतरनाक बीमारी से राहत दिलाने में अहम भूमिका निभा रहा है। पिछले कुछ समय में इस पौधे को लेकर जागरूकता काफी बढ़ी है। इसलिए कई किसान आज इसकी खेती कर रहे हैं तो बहुत से लोग गमले में भी स्टीविया उगा रहे हैं।

स्टीविया को कुछ लोग ‘शुगर प्लांट’ भी कहते हैं। स्थानीय बोलचाल में इसे कई जगह ‘मीठी तुलसी’ भी कहा जाता है। यह चीनी का अच्छा प्राकृतिक विकल्प है। खासकर कि डायबिटीज के मरीजों के लिए यह काफी गुणकारी है। इसके सेवन से शुगर लेवल नहीं बढ़ता है। 

बताया जाता है कि स्टीविया हाई ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन और एसिडिटी में भी काफी फायदेमंद साबित होता है। इसका उपयोग शुगर फ्री चीजें बनाने के लिए भी किया जाता है। इस पौधे में कैलोरी बिल्कुल नहीं होने के कारण इसके सेवन से शरीर में शुगर नहीं बढ़ पाती है, जिससे वजन नियंत्रित रहता है। पिछले लगभग छह-सात महीने से चाय-कॉफ़ी में चीनी की जगह स्टीविया की पत्तियों का प्रयोग कर रहे सुप्रीत रायचूरकर कहते हैं कि स्टीविया को घर में लगाना बहुत ही आसान है। 

महाराष्ट्र में सोलापुर के रहने वाले सुप्रीत पेशे से ऑटोमोबाइल इंजीनियर हैं, साथ ही वह गार्डनिंग भी कर रहे हैं। वह भविष्य में स्टीविया की खेती करना चाहते हैं। वह इन दिनों अपने गार्डन में जैविक तरीके से स्टीविया के पौधे उगा रहे हैं। 

सुप्रीत ने द बेटर इंडिया को बताया, “स्टीविया को लगाना बहुत ही आसान है। आप इसे बीज या फिर कटिंग से लगा सकते हैं। बीजों से भी यह आसानी से लग जाता है और विकसित होने में ज्यादा समय भी नहीं लेता है। इसलिए आप अपने आसपास किसी बीज भंडार दुकान से स्टीविया के बीजों के बारे में पता कर सकते हैं। इसके अलावा, आप स्टीविया को गमलों में भी लगा सकते हैं और इसे अपने आंगन, बालकनी या छत पर रख सकते हैं।” 

इस तरह लगाएं स्टीविया का पौधा  

Stevia Seeds (Source)

सुप्रीत ने बताया कि सबसे पहले आप किसी दुकान या ऑनलाइन प्लेटफार्म से स्टीविया के बीज खरीद लें। इसके बाद, बीजों से पौध तैयार करने के लिए आप सीडलिंग ट्रे या कोई छोटा गमला इस्तेमाल करें। लेकिन जब आपकी पौध तैयार हो जाए तो आप इसे किसी बड़े आकार के गमले में ट्रांसप्लांट कर दें ताकि इसे विकसित होने के लिए पर्याप्त जगह मिले। 

*सबसे पहले मिट्टी तैयार करने के लिए आप सामान्य बगीचे की मिट्टी में गोबर की खाद या केंचुआ खाद और रेत मिला सकते हैं। 

*इस मिट्टी को सीडलिंग ट्रे या छोटे गमले में भरें और ऊपर से पानी छिड़कें। 

*अब मिट्टी में आप स्टीविया के बीजों को लगा दें और ऊपर से थोड़ी मिट्टी से ढक दें। 

*बीज बोने के बाद आप एक बार फिर पानी दें और अब गमले या सीडलिंग ट्रे के ऊपर चाहें तो कोई कपड़ा ढक सकते हैं। 

*ध्यान रहे कि जब तक बीज अंकुरित न हो जाए, आप गमले या ट्रे को धूप में न रखें। 

*नियमित रूप से पानी स्प्रे करते रहें। 

*बीजों को अंकुरित होने में 10 से 15 दिन का समय लग सकता है। 

Saplings (Source)

उन्होंने आगे बताया कि जब आपके बीज अंकुरित हो जाएं और पौधा बढ़ने लगे तो आप इन्हें धूप में रख सकते हैं। लेकिन नियमित पानी देना न भूलें। लगभग एक महीने में आपके पौधे इतने बड़े हो जाएंगे कि आप इन्हें बड़े गमले में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं। पौधों को ट्रांसप्लांट करने के बाद गमले को एक बार फिर तीन-चार दिन के लिए छांव में रखें और नियमित रूप से पानी देते रहें। 

कुछ दिन बाद आप पौधों को फिर से धूप में रख सकते हैं। ध्यान रहे कि स्टीविया के पौधों को बढ़ने के लिए धूप चाहिए होती है। इसके अलावा, आप पौधों में जैविक तरल खाद या जीवामृत दे सकते हैं। अगर आपको पौधों को कीटों से बचाना है तो बीच-बीच में नीम के तेल का स्प्रे कर सकते हैं। छह-सात महीनों में पौधे इतने बड़े हो जाते हैं कि इनकी पत्तियों का आप इस्तेमाल कर सकते हैं। तो देर किस बात की, आज ही खोजें अपने आसपास स्टीविया के बीज और लगाएं अपने घर में यह औषधीय पौधा। 

हैप्पी गार्डनिंग। 

संपादन- जी एन झा

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