सालों तक कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करने के बाद, बेंगलुरु में रहने वाले वासुकी आयंगर कुछ अलग करना चाहते थे। कुछ अलग करने की चाह ने उन्हें कचरा-प्रबन्धन की दिशा दी। हम सभी जानते हैं कि हमारे देश में गरीबी, भुखमरी, अशिक्षा जैसे मुद्दों के साथ-साथ प्रदुषण, गंदगी और कचरे के ढेर भी एक बड़ी समस्या है। इसलिए वासुकी ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर इस सेक्टर में काम करना शुरू किया। लेकिन फिर साल 2016 में उन्होंने अपनी सोशल एंटरप्राइज ‘सॉइल एंड हेल्थ’ की नींव रखी।
अपनी एंटरप्राइज के ज़रिए वह बेंगलुरु में लोगों को घरेलु कम्पोस्टिंग से लेकर सामुदायिक स्तर की कम्पोस्टिंग तक के विकल्प दे रहे हैं। साथ ही, उनके यहाँ से कोई भी इको-फ्रेंडली और सस्टेनेबल कटलरी किराए पर ले जा सकता है।
इसके अलावा वह बताते हैं कि उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर कम्पोस्टिंग के जो तरीके बनाए हैं, उन पर कोई कॉपीराईट नहीं है बल्कि वह खुद लोगों को इसे घर पर ही बनाना (DIY) सिखाते हैं। बहुत से लोग उनसे होम कम्पोस्टिंग किट और कम्युनिटी कम्पोस्टिंग किट खरीदते और इनस्टॉल कराते हैं तो वहीं काफी लोग उनके DIY फॉलो करते हैं।
वासुकी ने द बेटर इंडिया को बताया कि वह कई तरह के कम्पोस्टिंग बिन और तरीके इस्तेमाल करते हैं। जिनमें बाल्टी, गमला, पाइप और ड्रम तक शामिल हैं और सबसे अच्छी बात है कि इन तरीकों में कोई खास लागत भी नहीं है आप अपने घर में बेकार पड़ी पुरानी चीजों को इस्तेमाल कर सकते हैं।
पाइप कम्पोस्टिंग:
हमारे घर में जब भी पानी की फिटिंग से संबंधित कोई काम होता है तो अक्सर पीवीसी पाइप के टुकड़े बच जाते हैं। उन्हीं टुकड़ों से आप अपने घर में ही पाइप कोम्पोस्टर बना सकते हैं। एक-दो लोगों के परिवार के लिए यह सबसे अच्छा तरीका है। यह पाइप आपको आपके घर के गीले कचरे को पोषक खाद में बदल देगा जिसे आप अपने पेड़-पौधों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्या-क्या चाहिए:
पीवीसी पाइप (6 इंच चौड़ा और 5 फीट लम्बाई का)
पाइप को बंद करने के लिए ढक्कन
ड्रिलिंग मशीन
कैसे बनाएं:
पाइप में चारों तरफ बराबर की दूरी पर छेद करें।
ढक्कन में भी छेद करें।
अब अपने बगीचे या फिर किसी गमले में मिट्टी में एक फुट का गड्ढा करें और इसमें इस पाइप को लगा दें और इसके चारों तरफ मिट्टी हो।
अब इस पाइप में सबसे पहले सूखे पत्ते, कोकोपीट आदि डालें ताकि सबसे नीचे एक सूखी परत रहे।
अब इसके बाद गीले कचरे जैसे सब्जी-फलों के छिलकों को छोटे-छोटे टुकड़ों में करके इसमें डालें।
इसके बाद, तीसरी परत फिर से सूखे पत्तों या कोकोपीट की होने चाहिए और फिर उस पर गीला कचरा डालें।
इस तरह से, एक के बाद एक परत डालें और साथ में, थोड़ी दही या फिर गोबर भी मिलाए।
गीले कचरे में लगभग 60-70 प्रतिशत नमी होती है जिसे सूखे पत्ते या फिर कोकोपीट सोख लेता है।
गोबर या दही में मौजूद सूक्ष्म जीव, इस पूरे कचरे को खाद में परिवर्तित करते हैं।
जब एक पाइप भर जाए तो आप किसी दूसरे पाइप में यह प्रकिया शुरू कर सकते हैं और जब खाद बन जाए तो पाइप को खाली करके फिर से इसमें कचरा डालना शुरू कर दें!
इसके अलावा, वासुकी ने आगे बताया कि सामुदायिक स्तर पर वह ‘मैश कम्पोस्टिंग बिन’ और ‘ड्रम कम्पोस्टिंग बिन’ लोगों को देते हैं। उन्होंने बेंगलुरु के कई सामुदायिक जगहों जैसे बनशंकरी मंदिर, लालबाग, शक्ति महा गणपति मंदिर, सैंट एंड्रू चर्च आदि में कम्युनिटी कोम्पोस्टर लगाए हैं। सामुदायिक स्तर पर वह लीफ.मैश कोम्पोस्टर इनस्टॉल करते हैं।
वह बताते हैं, “अगर किसी जगह 8 लीफ कोम्पोस्टर की ज़रूरत है तो हम दो उन्हें खुद देते हैं और बाकी छह उस जगह के लोगों को खुद बनाने के लिए प्रेरित करते हैं। हम उन्हें सब कुछ सिखाते हैं कि कोम्पोस्टर बनाना कैसे है और फिर कैसे वह इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।”
मैश कम्पोस्टिंग:
कैसे बनाएं:
सबसे पहले तो आप 5 फीट डायामीटर और 5 फीट लम्बाई वाली एक मैश चाहिए।
बाँधने के लिए मेटल वायर
मैश के दोनों सिरों को वायर से बाँध दें और यह अब गोल आकार में आएगा।
इसके बाद इस पर पेंट कर दें ताकि इसमें जंग न लगे।
अब इस पर बाहर से एक और शीट लगाएं जिसमें छोटे-छोटे छेद हों।
इस शीट को लगाने के बाद, मैश के निचले भाग में दो छोटे-छोटे चौकोर आकार में छेद करें ताकि इन्हें हैंडल की तरह इस्तेमाल किया जा सके।
इसके बाद, इसे किसी सीमेंट के ब्लॉक या फिर इंटरलॉकिंग टाइल्स के ऊपर रख दें और इसे ढकने के लिए भी मैश से बने ढक्कन का ही प्रयोग करें।
खाद बनाने के लिए इसमें भी वही तरीका इस्तेमाल होगा। पहले सूखे पत्ते या फिर कोकोपीट की परत फिर गीले कचरे की और एक के बाद एक परत लगाकर, बीच-बीच में इसमें दही या गोबर भी मिलाएं। कुछ दिनों में आपकी जैविक खाद तैयार हो जाएगी।
वासुकी कहते हैं कि यदि हर एक गली-मोहल्ले में इस तरह की कम्पोस्टिंग बिन लगी हो तो किसी भी घर का कचरा लैंडफिल में नहीं पहुंचेगा। इसके लिए उन्होंने अपनी टीम के साथ मिल कर अभियान भी चलाया। इस अभियान के ज़रिए वह लोगों को अपनी गली को साफ़ रखने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। सबसे पहले लोगों को जागरूक किया जाता है और उनमें से कोई वॉलंटियर चुना जाता है। उस वॉलंटियर के घर के आगे यह कम्पोस्टिंग बिन लगाया जाता है औए उसकी ज़िम्मेदारी होती है कि हर कोई इस कम्पोस्टिंग बिन में अपने घर का कचरा डाले।
वासुकी आयंगर, बेंगलुरु के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट राउंड टेबल के वॉलंटियर हैं और वह अपने सेमिनार और वर्कशॉप के लिए चीन भी जा चुके हैं। खाद के साथ-साथ वासुकी घर में ही बायो-एंजाइम बनाना भी सिखा रहे हैं। जिसके आप उनकी यह वीडियो देख सकते हैं!
वासुकी आयंगर से संपर्क करने के लिए आप उन्हें vasuki@soilandhealth.in पर ईमेल कर सकते हैं!
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