केरल के रहने वाले मुस्तफा दंपत्ति व उनका बेटा शम्मा इन दिनों चर्चा में हैं। इन तीनों ने इसी साल 12वीं की परीक्षा पास की है।
43 वर्षीय मुस्तफा पेशे से एक व्यवसायी हैं। नौकरी की तलाश में वह अपनी दसवीं की पढ़ाई खत्म करने के तुरंत बाद अबू धाबी चले गए थे और वहाँ एक पशु चिकित्सालय में वर्षों तक काम किया। इसी बीच उनकी शादी नुसेबा से हुई। मुस्तफा की पत्नी नुसेबा भी अपनी 12वीं की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाईं और अपने पति के साथ अबू धाबी चली गईं।
पांच साल पहले मुस्तफा दंपत्ति केरल स्थित अपने घर वापस लौट आये और यहीं पर अपना काम शुरू किया। इस बीच मुस्तफा की पत्नी नुसेबा की हमेशा यह इच्छा रही कि वह किसी तरह 12वीं पास कर लें। पत्नी की इच्छा को पति का सहारा मिला और मुस्तफा 12वीं की परीक्षा देने के तरीकों के बारे में कई केंद्रों पर पूछताछ करने लगे। उन्होंने मंगला पंचायत कार्यालय में केरल साक्षरता मिशन का एक नोटिस बोर्ड देखा। उन्होंने और नुसेबा दोनों ने रविवार की कक्षाओं के लिए नामांकन कराने का फैसला किया, जिससे उन्हें छुट्टी के दिन में और शाम को जब उनका काम करने का समय नहीं होता, तो पढ़ाई करने का समय मिल जाता।
मुस्तफा कहते हैं “हम दोनों एक साथ व्यवसाय में काम करते हैं, ताकि हम पढ़ाई के लिए समय निकाल सकें। हमारा बेटा हमारे नामांकन के बारे में जानने के लिए उत्साहित था। चूँकि वह भी 12वीं में था इसलिए वह हमारी शंकाओं को दूर करने में हमारी मदद करता और सवाल भी पूछता। वह हमेशा पढ़ाई में अच्छा रहा है। 10वीं और 11वीं की दोनों ही परीक्षाओं में सभी विषयों में उसने A+ ग्रेड प्राप्त किया है।”
मुस्तफा दंपत्ति की मेहनत रंग लाई और अंततः उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास कर ली। नुसेबा को 80% से अधिक अंक मिले और मुस्तफा ने भी प्रथम श्रेणी से परीक्षा पास की।
नुसेबा, मुस्तफा और उनके बेटे शम्मा ने आगे की पढ़ाई के लिए कॉमर्स स्ट्रीम को चुना है। उनके बेटे शम्मा ने पहले ही चार्टर्ड अकाउंटेंसी के लिए आवेदन किया है। नुसीबा और मुस्तफा इसके बाद बी कॉम करना चाहते हैं। इस दंपति के दो और बच्चे हैं। एक बेटा कक्षा 8 में व एक बेटी कक्षा 4 में है।
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