Site icon The Better India – Hindi

छत पर ऑर्नामेंटल पौधे उगाकर हर महीने 30,000 रुपये कमातीं हैं यह गृहिणी

जब भी बात खेती की होती है तो ज़्यादातर लोगों को लगता है कि इस पेशे में लाभ तभी होगा जब अधिक जमीन पर खेती की जाए। अधिकांश लोगों की यही राय होती है कि कम जगह में खेती करके या फिर बागवानी करके कोई मुनाफा नहीं कमाया जा सकता है। लेकिन यह सोच बिल्कुल गलत है क्योंकि आज बहुत से लोग आँगन, छत और बालकनी में बागवानी कर रहे हैं। वह न सिर्फ अपने घर के लिए साग-सब्ज़ियाँ उगा रहे हैं बल्कि इससे अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं।

आज द बेटर इंडिया आपको एक ऐसी ही कहानी सुनाने जा रहा है। यह कहानी है केरल के एर्नाकुलम में रहने वाली एक गृहिणी सुमी श्यामराज की। सुमी अपने घर की छत पर ओरनामेंटल पौधे उगाती हैं और इसी से वह महीने में 30 हज़ार रुपये से ज्यादा कमा रहीं हैं।

सुमी ने द बेटर इंडिया को बताया, “लॉकडाउन के शुरूआती दिनों में, मेरा ओरनामेंटल प्लांट्स का बिज़नेस करने का कोई इरादा नहीं था। लेकिन जिस दुकान पर मेरे पति काम करते थे जब वह बंद हो गई तो मुझे पौधे बेचने का ख्याल आया।”

सुमी के पास थाईलैंड से मंगवाई हुई ओरनामेंटल पौधों की दुर्लभ किस्में हैं। इन्हीं ओरनामेंटल पौधों में से एक एपिसिया ने सुमी को कमर्शियल तौर पर आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया।

 

She has a number of variety of plants

 

32 वर्षीया सुमी कहतीं हैं, “मुझे अभी भी वह दिन याद है जब मैंने अपने फेसबुक पेज – सुमीज़ गार्डन में एपिसिया पौधे की तस्वीर साझा की थी। भारत के विभिन्न हिस्सों के लोगों ने पौधे के बारे में पूछताछ करना शुरू कर दिया और कई लोगों ने मेरी पोस्ट के एक सप्ताह के भीतर ही इसके लिए ऑर्डर कर दिए। मुझे उत्तर प्रदेश से ज्यादा ऑर्डर मिले और फिर कुछ कर्नाटक में बेंगलुरु, और बाकी कोयम्बटूर से आए।”

वह कहतीं हैं कि उन्हें अभी भी विश्वास नहीं होता है कि वह ओरनामेंटल पौधों से महीने के 30 हज़ार रुपये कमा लेती हैं।

उनके गार्डन में 30 रुपये से लेकर 1,000 रुपये तक के पौधे हैं जिनमें से उन्हें एपिसिया के सबसे ज्यादा ऑर्डर मिलते हैं। उनके पास इसकी 80 किस्में हैं। एपिसिया के अलावा, लोग बेगोनिया, फिलोडेंड्रोन और पेपेरोमिया के ऑर्डर देते हैं।

इस साल मार्च में अपना व्यवसाय शुरू करने के बाद, सुमी कहतीं हैं कि उन्हें खुद पर गर्व है। उन्होंने अपने पति श्यामराज को भी उनके सपोर्ट के लिए धन्यवाद दिया। “तीन महीने के लिए मेरे पति के पास नौकरी नहीं थी, लेकिन उन्होंने मेरी हर तरह से मदद की। हमारे 2 साल के बच्चे की देखभाल करने से लेकर मेरे टैरेस गार्डन के काम में मदद करने तक, वह हमेशा मेरे साथ रहते थे,” उन्होंने बताया।

आगे वह कहतीं हैं कि सालों पहले उनके पास घर पर गाय, बकरियां और मुर्गियां थीं लेकिन तब उन्हें सफलता नहीं मिली। बाढ़ और अन्य परिस्थितियों के कारण उन्हें अपना पशुधन बेचना पड़ा।

सुमी को ऑर्डर फेसबुक के माध्यम से मिलते हैं। एक बार जब उन्हें ऑर्डर मिल जाता है तो वह पौधे पैक करतीं हैं और ग्राहकों को पौधे भेजती हैं।

 

A view of her home

 

“पौधों को भेजने से पहले छोटे कप में पोषित किया जाता है, और मैं एक दिन में लगभग 10 नए पौधे लगाती हूँ। मैं अपने ग्राहकों को फंगल स्प्रे खरीदने की सलाह भी देती हूँ,” सुमी बतातीं हैं।

वह ओरनामेंटल पौधों के ग्राहकों को सलाह देतीं हैं कि पौधों को शुरूआत में कम से कम एक घंटा खुले में रखें ताकि ये सामान्य तापमान पर सहज हो जाएं। इसके बाद इन्हें लगाया जा सकता है और इसमें नियमित तौर पर पानी दें।

“हर किसी को जीवन में कुछ करने का सपना होता है। मुझे पौधों से संबंधित कुछ करना था। अब मैं वही कर रही हूँ जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद है। मैं सभी गृहिणियों से कहना चाहूँगी कि अपने आप को या अपनी प्रतिभा को कम मत समझिए,” उन्होंने कहा।

वह अपने टैरेस गार्डन को और बढ़ाना चाहतीं हैं और ज्यादा किस्म के बेगोनिया, लेमन वाइन और क्रीपर लगाना चाहतीं हैं।

लॉकडाउन से पहले भी सुमी अपने छोटे से गार्डन में उगायीं सब्जियों से कुछ पैसे कमातीं थीं। वह बतातीं हैं कि उनके एक पड़ोसी ने बागवानी के प्रति उनकी रूचि देखकर उन्हें अपनी ज़मीन खेती के लिए दी थी। मात्र 30 सेंट की इस ज़मीन पर टमाटर, गोभी, गाजर, भिंडी सहित सब्जियों की अलग-अलग किस्में वह उगातीं थीं। सब्जियां तैयार होने के बाद वह व्हाट्सएप ग्रुप में इन्हें पोस्ट करतीं थीं और फिर उन्हें ऑर्डर मिलते थे।

सुमी को एडथला कृषि भवन से कृषकश्री पुरस्कार भी मिला है और वह अन्य गृहिणियों को भी घर पर ओरनामेंटल पौधे उगाने के लिए प्रेरित करतीं हैं!

सुमी श्यामराज से पौधे आर्डर करने के लिए आप उनका फेसबुक ग्रुप- Sumi’s Garden देख सकते हैं!

 

मूल लेख: संजना संतोष

संपादन – जी. एन झा 

यह भी पढ़ें: इंदौर ने बनाया देश का पहला Zero Waste वार्ड, कचरे से होती है अब वार्ड-वासियों की कमाई

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।

Ornamental Plants on Terrace, Ornamental Plants on Terrace, Ornamental Plants on Terrace

Exit mobile version