इतनी प्रलय और आपदा के बीच भी अगर आज केरल अडिग खड़ा है, तो उसकी वजह है राज्य के हर एक कोने से मिल रही मानवता की सच्ची कहानियां। लोगों का वह हौंसला जिसके चलते वे हर जरूरतमंद की मदद कर रहे हैं।
पिछले 100 सालों में केरल में यह सबसे भयंकर बाढ़ है। जहां आये दिन मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन साथ ही हमें खबरें भी मिल रही है कि कैसे न केवल अधिकारी बल्कि आम लोग भी दिन-रात एक कर जरूरतमन्दों की मदद में जुटे हैं।
इस लेख में हम आपको ऐसे 11 वाकये बताएंगे, जिन्हें जानकर आपका मानवता पर विश्वास और अटूट हो जायेगा।
1 पी एम मनोज, रेजिडेंट एडिटर, देशभिमानी
19 अगस्त को मनोज की बेटी की सगाई होनी थी। लेकिन केरल में आयी आपदा की वजह से मनोज ने सगाई रद्द कर दी और साथ ही सगाई पर खर्च होने वाला सारा पैसा मुख्यमंत्री आपदा राहत फण्ड में जमा करवा दिया।
एक फेसबुक पोस्ट में मनोज ने लिखा कि जब उनके राज्य में अनेकों लोग आपदा से जूझ रहे हैं ऐसे में इस उत्सव का कोई मतलब नहीं।
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2. केरल डोनेशन चैलेंज- सिद्धार्थ
आखिरकार एक बदलाव के लिए सोशल मीडिया चैलेंज किसी अच्छी बात के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। कीकी चैलेंज के लिए लोगों को कार से कूदने देखने से बेहतर है यह चैलेंज।
तमिल अभिनेता सिद्धार्थ जो की चेन्नई बाढ़ और अन्य आपदायों के समय भी हमेशा मदद के लिए आगे रहे, आज केरल के लिए भी वे आगे आये हैं।
17 अगस्त को उन्होंने ट्विटर पर लोगों से आगे बढ़कर केरल की मदद करने की अपील की और #केरल डोनेशन चैलेंज लेने के लिए कहा।
“मैं चुनौती देता हूँ। मैं प्रार्थना करता हूँ! आपसे इस पोस्ट को पढ़वने और शेयर करवाने के लिए मुझे क्या करना होगा? मैंने #केरलडोनेशनचैलेंज लिया और यह बहुत मजेदार था। क्या आप यह चैलेंज लेंगे? प्लीज? #केरलफल्ड्स #सेवकेरल,” उन्होंने ट्वीट में लिखा।
ट्वीट के साथ उन्होंने एक भावनात्मक सन्देश भी दिया कि कैसे अभी दान किया हुआ एक-एक रुपया फिर से केरल के निर्माण में सहायक होगा।
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3. हर्रों और दिया
कोच्ची निवासी इन दोनों बच्चों ने दयालुता का उदाहरण दिया। आपको दयालू होने के लिए किसी विशेष उम्र की जरूरत नहीं होती, यह इन बच्चों ने साबित किया।
ये दोनों बच्चे अपने लिए एके स्टडी टेबल लेने ले लिए पिग्गी बैंक में पैसे इकट्ठा कर रहे थे। लेकिन इन स्थिति में इन्होंने इन पैसों को मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में जमा कराने का फैसला किया है।
हालांकि, केवल 2,210 रूपये ही हैं उनके पिग्गी बैंक में पर उनका दिल बहुत लोगों से बड़ा है। उन्होंने अपने माता-पिता को भी बिना जरूरत का कोई सामान खरीदने की बजाय लोगों की मदद करने की बात कही।
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4. विष्णु कच्छावा
मध्य प्रदेश का एक कम्बल व्यापारी जो मानवता में आपका विश्वास और मजबूत कर देगा। केरल के इरिटी में रहने वाला विष्णु राज्य से बाहर जाता रहता है ताकि कम्बल लाकर यहां बेच सके।
अपनी पिछली यात्रा के दौरान विष्णु को घर वापिस आने तक केरल में बाढ़ के बारे में कुछ नही पता था।
और इस आपदा की गंभीरता उसे इरिटी तालुक ऑफिस जाने पर पता चली। तब उसने हाल ही में खरीदे हुए सभी कम्बलों का स्टॉक मंगद के आदिचुकूटी सरकारी स्कूल में लगे राहत शिविर में बाँट दिया।
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5. कनैया कुमार
यकीनन बहुत से लोगों ने एक रेस्क्यू अफसर द्वारा एक बच्चे को गोद में उठाकर पुल पर से भागकर बचाने वाली वीडियो तो देखी ही होगी।
इस पुरे वाकया को वीडियो में कैद कर लिया गया था और इनके पुल पार करने के चंद सेकेंड बाद ही पुल ढह गया था।
6. मछुआरा समुदाय
मछुआरे समुदाय के लिए, समुद्र उनकी आजीविका और दैनिक रोटी का स्रोत है। इसलिए उन सभी का बचाव अभियान में शामिल होना आश्चर्य की बात नहीं है।
कोल्लम, आलप्पुषा, एर्नाकुलम और तिरुवनंतपुरम की पानी से भरी सड़कों और गलियों में लगभग 100 मछुआरे अपनी नाव लेकर आये। वे इन क्षेत्रों में हर जरूरतमंद की मदद कर उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचना चाहते थे।
इनकी नाव की डिज़ाइन के चलते इनका बचाव कार्यों में शामिल होना महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे इन नावों को हर तरह के बहाव में ले जा सकते हैं।
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7. रॉकी
हालांकि यहां मानवता और बचाव अभियान की कई कहानियां हैं, पर यह बिल्कुल अलग है। रॉकी, एक कुत्ता, उसने न सिर्फ खुद को बचाया बल्कि पी मोहनान और उनके परिवार को भी बचाया।
इड्डुकी जिले के कंजिकुझी गांव में, मोहनन और उनका परिवार अपने घर में सो रहे थे, जब 3 बजे उन्हें अपने कुत्ते के भोंकने की आवाज ने उठाया।
रॉकी को देखने के लिए जब वे बाहर निकले तो उन्हें इस आपदा का पता चला। रॉकी की वजह से ही वे समय रहते घर से निकल पाए क्योंकि चंद पलों में ही उनका घर भूस्सखलन में नष्ट हो गया था। रॉकी समेत परिवार को सरकार द्वारा संचालित राहत शिविर में ले जाया गया है।
बेशक, कुत्तों को आदमी का सबसे अच्छा दोस्त कहा जाता है।
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8. भारतीय नेवी
अलुवा के पास चेंगमांद में एक गर्भवती महिला सजिता जाबिल अपने घर की छत पर फंसी हुई थी। मुसीबत तब और बढ़ गयी जब सजिता को प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी। उन्हें लग ही रहा था कि अब कोई भी उनकी या उनके अजन्मे बच्चे की जान नहीं बचा सकता।
ऐसे में भारतीय नेवी के जवान हेलीकॉप्टर में एक डॉक्टर के साथ उनके बचाव के लिए पहुंचे। उन्हें समय रहते हेलीकॉप्टर से कोच्ची पहुंचाया गया। कोच्चि के आईएनएचएस संजीवनी अस्पताल में सजिता ने एक बेटे को जन्म दिया है। हालांकि, नेवी के समय रहते ना पहुंचने से स्थिति गंभीर हो सकती थी लेकिन अभी माँ और बच्चे दोनों की हालत सामान्य है।
9. हाथी की जान बचायी गयी
केरल के लोगों में दयालुता की कोई कमी नहीं है। यह कहानी है कि एक हाथी को कैसे बचाया गया था जो कि वास्तव में उल्लेखनीय है।
नदी के बीच में एक चट्टान पर एक फंसे हुए जंगली हाथी को देख कुछ स्थानीय लोग आश्चर्यचकित हुए। यह जानवर संभवतः एक अलग स्थान से बह कर वहां पहुंच गया था।
हाथी किसी भी तरह चट्टान पर चढ़ने में कामयाब रहा था, लेकिन बाहर निकलने में असमर्थ था क्योंकि सभी तरफ पानी था। स्थानीय लोगों ने अधिकारियों को सतर्क किया और 4 घंटे के अथक प्रयास के बाद हाथी को बचा लिया गया।
आप वीडियो देख सकते हैं और इस कहानी को यहां पढ़ सकते हैं।
10. आईएएस अधिकारी – जी राजमानिक्यम और एन एस के उमेश
इन दोनों अधिकारियों ने व्यक्तिगत रूप से बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत कार्यों की देखरेख की है।
केवल बैठे रहने या फिर आदेश देने की बजाय ये दोनों अन्य कर्मचारियों के साथ कलेक्ट्रेट में वाहनों से चावलों के बोरे उतारते नजर आये। कुछ नागरिकों के मुताबिक ये दोनों अफसर बिना ब्रेक लिए काम कर रहे हैं।
आप यहां इस कहानी को पढ़ सकते हैं।
11. सोशल मीडिया
केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद करने के लिए आज जो भी आगे आ रहा है वह हर एक इंसान हीरो है। बहुत से लोग एक तरफ जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं तो बहुत से लोग दूर बैठकर भी मदद पहुंच रहे हैं। सोशल मीडिया अकाउंट लोगों की मदद की पोस्ट से भरे पड़े हैं।
यदि आप मदद करना चाहते हैं तो आप यहां इस बारे में पढ़ सकते हैं।