भारतीय थल सेना ने एक दिल को छुने वाली मुहीम की शुरुआत की है। इस मुहीम के तहत सेना के जवान कश्मीर के बच्चो को पढाई तथा खेल कूद के लिए प्रेरित करते है। ‘स्कूल चलो’ नामक इस मुहीम में बच्चो को मुफ्त शिक्षा दी जाती है।
हाल के दिनों में जिस तरह घाटी में स्कूलों को निशाना बनाकर जलाया जा रहा है, ऐसे में सेना का यह कदम बेहद प्रशंसनीय है। पिछले 4 महीनों में करीब 32 स्कूलों को आग के हवाले कर दिया गया है।
स्कूल चलो अभियान में सेना के अधिकारी बच्चों को एक पिता की हैसियत से शिक्षा दे रहे हैं। जवानों का कहना है यह अभियान रुकने वाला नहीं है, चाहे इसके लिए बंद पड़े स्कूलों को क्यों न खुलवाना पड़े। वहीं मेजर जनरल अशोक नरूला के मुताबिक पहलगाम में सेना के गुडविल स्कूल में 292 बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।
इस मुहीम को शुरू करने का ख्याल मेजर जनरल अशोक नरूला को तब आया जब उन्होंने स्थानीय लोगो से बात की और जाना कि वे अपने बच्चो की शिक्षा को लेकर सबसे ज्यादा परेशान है।
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“छयम न जरूरत दौलत-ओ-रुआब, फकत गौच्छुम स्कूल ते किताब”- इन कश्मीरी शब्दों का मतलब है- “न मुझे दौलत चाहिए, न शोहरत, मुझे सिर्फ मेरा स्कूल और किताब चाहिए।” इस नारे के साथ भारतीय सेना के जवान अपने इस मिशन पर आगे बढ़ रहे हैं।