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67th BPSC Exam: दो महीने में हो सकती है प्रीलिम्स की तैयारी, टॉपर से जानें टिप्स!

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 67वीं संयुक्त प्रतियोगिता की प्रारंभिक परीक्षा अगले साल 23 जनवरी को होने की संभावना है। ऐसे में, यदि आपने इस भर्ती के लिए आवेदन किया है, तो आपके पास इसके लिए करीब दो महीने बचे हुए हैं। 

63वीं बीपीएससी भर्ती परीक्षा में 23वां रैंक हासिल करने वाले आशीष सौरभ आशुतोष आज हमें बताएंगे कि, इस कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए आपको क्या रणनीति अपनानी चाहिए। 

आशीष फिलहाल मुजफ्फरपुर में राज्य वाणिज्य कर विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर पद पर नियुक्त हैं। उन्होंने 2019 में, BPSC को अपने दूसरे प्रयास में क्रैक किया था। 

वह बताते हैं, “BPSC में हर साल 5 लाख से अधिक आवेदन आते हैं। यह काफी मुश्किल परीक्षा है। इसमें आपको प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू – तीन चरणों से गुजरना पड़ता है। हर चरण के लिए, आपको रणनीतिबद्ध तरीके से आगे बढ़ना होगा।”

आशीष सौरभ आशुतोष

अपनी तैयारियों को लेकर वह कहते हैं, “मैंने इंटरव्यू के लिए सबसे पहले तैयारी की। इससे मैं मानसिक रूप से तैयार हो पाया कि यदि मैं सफल होता हूं, तो अपनी जिम्मेदारियों को कैसे संभालूंगा। इससे मुझे पर्सनालिटी डेवलपमेंट में मदद मिली।”

इसके बाद, आशीष ने मेन्स और फिर प्रीलिम्स की तैयारी की। वह बताते हैं कि मेन्स में सब्जेक्टिव और प्रीलिम्स में ऑब्जेक्टिव सवालों के जरिए आपको एकेडमिकली परखा जाता है। 

प्रीलिम्स की तैयारी कैसे करें (BPSC Strategy Tips For Prelims)

आशीष बताते हैं कि यदि आपका मैट्रिक तक का बेसिक अच्छा है, तो आप BPSC Prelims की तैयारी दो महीने में कर सकते हैं। प्रीलिम्स में एक अंक के 150 सवाल पूछे जाते हैं और इसमें कोई निगेटिव मार्किंग नहीं होती है। इसलिए यह काफी स्कोरिंग होता है। 

वह कहते हैं, “किसी के लिए भी सबकुछ याद करना मुश्किल है। लेकिन, यदि वह दो महीने भी ठीक से रिवाइज करते हैं, तो परीक्षा के दौरान आप सवालों को आसानी से रीकनेक्ट कर सकते हैं, बशर्ते आपका बेसिक अच्छा हो।”

वह कहते हैं कि प्रीलिम्स में हिस्ट्री, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, इकोनॉमी, ज्योग्राफी, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय करंट अफेयर्स के साथ-साथ, बिहार के ऐतिहासिक, राजनीतिक, सामाजिक और भौगोलिक घटनाओं से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं। इसलिए पूरे सिलेबस को सात-आठ हिस्सों में बांट लें। इससे आपको प्रैक्टिस करने में आसानी होगी। केन्द्र और बिहार सरकार की योजनाओं पर खास ध्यान दें। 

आशीष बताते हैं कि हर दिन 3-4 प्रैक्टिस सेट को हल करें और उन टॉपिक्स पर अधिक ध्यान दें, जिसमें आप कमजोर हैं। परीक्षा के दौरान सभी सवालों को हल करें, क्योंकि यह क्वालीफाइंग नेचर का होता है। 

मेन्स की तैयारी (BPSC Preparation Tips For Mains)

मेन्स में कुल तीन पेपर होते हैं –

  1. सामान्य अध्ययन (GS) – 1
  2. सामान्य अध्ययन (GS) – 2
  3. वैकल्पिक विषय

हर पेपर 300-300 अंक के होते हैं। 

आशीष बताते हैं कि जीसए पेपर – 1 के पहले पार्ट में हिस्ट्री, दूसरे पार्ट में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय करंट अफेयर्स, जबकि तीसरे पार्ट में डेटा इंटरप्रिटेशन से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं। 

वहीं, जीएस पेपर – 2 में पॉलीटिकल साइंस, इकोनॉमी और साइंस और टेक्नोलॉजी से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं।

वहीं, वैकल्पिक विषय के तौर पर आप कृषि विज्ञान, गणित, समाजशास्त्र, हिन्दी, अंग्रेजी जैसे कई विषयों में से किसी एक को चुन सकते हैं।

आशीष बताते हैं, “मेन्स कुल 900 अंकों का होता है। इसमें सब्जेक्टिव सवाल पूछे जाते हैं। इसलिए खूब लिखने की कोशिश करें। इसके लिए बीते साल के सवालों को हल करें।”

वह बताते हैं, “आप अपने उत्तर को बिना किसी मदद के खुद लिखने की कोशिश करें। जरूरत हो, तो किताब या गूगल पर पढ़ लें। अपने जवाबों को आप मॉडल आंसर सेट से खुद तुलना कीजिए और देखिए की राइटिंग स्टाइल में और तथ्यों में कहां कमी है और लगातार लिखते रखने की कोशिश कीजिए।”

आशीष के अनुसार, आपको एक साथ चार-पांच सवालों का उत्तर लिखना चाहिए। इससे आपको रियल टाइम में उत्तर लिखने में आसानी होगी। दो से तीन महीने की लगातार प्रैक्टिस के जरिए आप, बीपीएससी मेन्स को क्लियर कर सकते हैं।

इंटरव्यू की तैयारी  (BPSC Preparation Tips For Interviews)

यह चयन प्रक्रिया का आखिरी पड़ाव है। यह 120 अंकों का होता है। इंटरव्यू के दौरान आपके पर्सनालिटी और कम्यूनिकेशन स्किल को परखा जाता है। इंटरव्यू के सवालों को का पहले ही आंकलन करना मुश्किल है। इसलिए हर सवाल को पहले समझें और एक सिस्टमेटिक तरीके से जवाब दें। इसके लिए आप इंटरव्यू ट्यूटोरियल भी ज्वॉइन कर सकते हैं।

इस तरह, फाइनल मेरिट लिस्ट मेन्स के 900 और इंटरव्यू के 120 अंकों को मिलाकर बनता है। 

तैयारी एक प्रक्रिया है

आशीष बताते हैं, “इस परीक्षा को सेल्फ स्टडी के जरिए निकाला जा सकता है। तैयारी के हर चरण में खुद का मूल्यांकन करते रहें।”

वह आगे कहते हैं, “परीक्षा में पास होना या न होना अलग बात है। आप एक रियलिस्टिक अप्रोच के साथ एक-दो साल तैयारी करें। यह एक इवेंट होने के बजाय एक प्रक्रिया है, इसमें आपका विकास एक करैक्टर के रूप में होता है।”

आशीष कहते हैं कि परीक्षाओं में असफलता से निराश नहीं होना चाहिए, अगर कोई छात्र कुछ अंकों से चूक जाए, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह पढ़ने में खराब है या वह अपने जीवन में कुछ नहीं कर सकता है। इसलिए हमेशा हौसला बनाए रखना जरूरी है।

आशीष कहते हैं, “मैंने 62वीं बीपीएससी भर्ती में भी हाथ आजमाया था। उस समय मैं यूपीएससी की तैयारी करता था। लेकिन, बिहार से जुड़े मुद्दों की ठीक से तैयारी नहीं करने के कारण मैं पास नहीं कर पाया। इसलिए इस परीक्षा के लिए बिहार से संबंधित सवालों की तैयारी प्राथमिकता के तौर पर करनी जरूरी है।”

आशीष द्वारा सुझायी गई कुछ जरूरी किताबें – 

लुसेंट जीके/जीएस, बिहार आर्थिक सर्वेक्षण का सार, इम्तियाज अहमद की बिहार एक परिचय, अरिहंत, प्रतियोगिता दर्पण।

संपादन- जी एन झा

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