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राजू श्रीवास्तव: ऑटो चलाने से लेकर बर्थडे पार्टी तक में काम किया, ऐसा था कॉमेडी किंग का सफर

raju Shrivastava

अपने मस्ती भरे अंदाज़ से सबको हंसाने वाले मशहूर हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव ने 21 सितम्बर 2022 के दिन दुनिया को अलविदा कह दिया। दिल का दौरा पड़ने के बाद वह क़रीबन 42 दिनों से अस्पताल में थे। उनके परिवार के साथ-साथ, दुनियाभर में उनके फैंस उनकी घर वापसी और अच्छे स्वास्थ्य की दुआ कर रहे थे। लेकिन सबको हंसाने वाले राजू श्रीवास्तव उर्फ़ गजोधर भैया, सभी को ग़मज़दा कर इस दुनिया से चले गए। आज वह खुद भले इस दुनिया में न हों, लेकिन उनका निभाया हर किरदार, हर शो, सदियों तक लोगों को हंसाने और गुदगुदाने का काम करता रहेगा।

वह कहते हैं न अगर हुनर साथ है तो सफलता किसी न किसी रूप में मिल ही जाती है। लोगों को हंसाने का शौक लिए, साल 1982 में कानपुर से एक लड़का मुंबई आया था, जिसे आज उनके हुनर ने ही एक नई पहचान दिलाई। आज हम सभी उस लड़के को कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्तव के नाम से जानते हैं।

मुंबई में सालों तक किए संघर्ष के बाद, राजू ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ नाम के शो में उपविजेता बने थे। इस शो में उन्होंने गजोधर भैया का किरदार निभाया था, जिसके बाद से वह घर-घर में इसी नाम से पहचाने जाने लगे थे। 

हालांकि गजोधर भैया ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए जिन कठिनाइयों का सामना किया है, वह शायद ही कोई जानता है। लेकिन तमाम मुश्किलों के बावजूद, लोगों को हंसाने का उनका हुनर आख़िरकार उनके काम आया और इसी ने उन्हें सफलता का स्वाद भी चखाया। 

बड़े कम लोग जानते हैं कि उनका असल नाम सत्यप्रकाश श्रीवास्तव है। लेकिन वह हमेशा से राजू के नाम से ही जाने जाते रहे हैं। उनके पिता बलई काका के नाम से कानपुर में काफी मशहूर कवि थे। लेकिन राजू को कविताओं से ज्यादा लोगों के हाव-भाव पढ़कर उनकी नकल उतारना पसंद आता था।  

बर्थडे पार्टी में स्टैंडअप करके की थी शुरुआत 

Raju Shrivastava

बचपन से ही वह अपने टीचर्स और दोस्तों की नकल उतारा करते थे, जिसके बाद उन्हें अपने स्कूल के एक क्रिकेट मैच में कमेंट्री और दोस्तों के बर्थडे में स्टैंडअप करने का मौका मिला। हालांकि उनकी माँ चाहती थीं कि वह एक सरकारी असफर बनें, लेकिन उनके पिता, राजू का हुनर समझते थे।  

समय के साथ वह कानपुर में स्टैंडअप कॉमेडी के लिए मशहूर हो गए। लेकिन अपने हुनर को एक नया नाम देने के लिए उन्होंने मुंबई का रुख किया। यहां आकर वह लोकल ऑर्केस्ट्रा के साथ जुड़े। हमेशा से शोले फिल्म और अमिताभ बच्चन के फैन रहे राजू, अमिताभ बच्चन की मिमिक्री इतनी अच्छी करते थे कि खुद अमिताभ बच्चन ने भी उनकी कई बार तारीफ की है।    

लेकिन उस दौरान ऑर्केस्ट्रा आर्टिस्ट को ज्यादा पैसे नहीं मिलते थे। इसलिए वह खर्च निकालने के लिए हर तरह का काम किया करते थे। कभी ऑटो चलाते, तो कभी किसी पार्टी में कॉमेडी करते। लोग उनके चुटकुलों पर खूब हंसते थे। 

इसी तरह एक लम्बे संघर्ष के बाद, उन्हें फिल्मों में छोटे-छोटे रोल मिलने लगे। लेकिन उन छोटे-मोटे रोल के बाद, उनके जीवन में टर्निंग पॉइंट तब आया, जब उन्होंने एक टीवी रियलिटी शो में अपना हुनर दिखाया।  

उन्होंने भले वह शो जीता नहीं, लेकिन लोगों के दिलों को जीत लिया, जिसके बाद हर टीवी चैनल पर एक कॉमेडी शो बनने लगा और राजू उसका हिस्सा होते ही होते थे।  

राजू श्रीवास्तव आज भी जब भी टीवी पर आते हैं, तो लोगों को गुदगुदा कर हंसा देते हैं। हुनर के किंग को द बेटर इंडिया का सलाम।


विनम्र श्रद्धांजलि!

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