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इंडियाज़ वॉटर वॉरियर्स! देश के असल हिरोज़ को द बेटर इंडिया करेगा सम्मानित, अभी करें नॉमिनेट

India’s Water Warriors award by The Better India

दुनिया की 18 प्रतिशत आबादी भारत में रहती है, जबकि देश के पास वैश्विक जल संसाधनों का केवल 4 प्रतिशत भाग उपलब्ध है। निश्चित रूप से भारत, दुनिया के सबसे ज्यादा जल-तनाव वाले देशों में से एक है। ऐसे में जल सरंक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे जल योद्धाओं के लिए द बेटर इंडिया, ‘इंडियाज़ वॉटर वॉरियर्स अवॉर्ड’ लेकर आया है।

वर्ल्ड वाइल्डलाइफ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक दुनिया की दो-तिहाई आबादी को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है।

जब आंकड़े इतने चिंताजनक हों, तो जल संरक्षण की दिशा में किए गए हर छोटे-बड़े प्रयास बहुत मायने रखते हैं। प्रत्येक वर्ष 23 से 27 अगस्त तक विश्व जल सप्ताह (World Water Week) मनाया जाता है और इसी के उपलक्ष्य में, द बेटर इंडिया ने एक अनोखी पहल शुरू की है, जिसके तहत देश के ‘जल योद्धाओं’ को सम्मानित किया जाएगा।

‘इंडियाज़ वॉटर वॉरियर अवॉर्ड’ अपने आप में एक अलग तरह की पहल है, जिसका उद्देश्य उन लोगों का सम्मान करना है, जिन्होंने जल संरक्षण और पानी से जुड़ी हर चीज़ में अलग और अनोखा काम किया है।

पानी बचाने के लिए लोगों नें उठाए कई कदम

सालों से देश भर के नागरिकों द्वारा व्यक्तिगत प्रयास किए गए हैं, जिससे पानी बचाने में मदद मिली है। जबकि कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने झीलों और जल निकायों को फिर से बहाल करने के लिए काफी काम किया है।

ऐसे ही इंडियाज़ वॉटर वॉरियर्स में एक हैं बेंगलुरू के रहनेवाले प्रभात विजयन ने एक बहुत ही सरल सिस्टम बनाया है, जिसके ज़रिए आरओ वॉटर प्यूरीफायर से डिस्चार्ज होने वाले पानी को आसानी से घर पर फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है। इस सिस्टम से सलाना 24,000 लीटर पानी बचाने में मदद मिलती है।

वहीं, ‘कोवई कुलंगल पाधुकप्पु अमैप्पु (केकेपीए)’ नाम के एक एनजीओ के संस्थापक मणिकंदन ने पांच तालाबों, चार झीलों और तीन नहरों को पुनर्जीवित करने में मदद की है।

कई शिक्षण संस्थान और सरकारी अधिकारी भी वॉटर एरेटर और आरओ से निकले वाले पानी को संग्रहित करने के लिए बेहतरीन संग्रह प्रणाली स्थापित करके इस काम में अपना योगदान दे रहे हैं।

वहीं, बेंगलुरु के एक स्कूल, ट्रायो वर्ल्ड एकेडमी ने माता-पिता और बच्चों से अनुरोध किया है कि वे अपनी पानी की बोतलें हरे भरे लॉन में रखे बड़े कंटेनरों या भंडारण कुओं में खाली करें।

इससे स्कूल को प्रतिदिन 50 लीटर पानी बचाने में मदद मिलती है, जिसका उपयोग बागवानी के लिए किया जाता है।

ये पढ़ने और सुनने में भले ही छोटी पहल की तरह लगते हैं, लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं कि पानी की बूंद-बूंद से ही समुद्र बनता है।

तो आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं? आप उन जल योद्धाओं को इंडियाज़ वॉटर वॉरियर्स अवॉर्ड के लिए नामित करने के लिए तैयार हो जाइए, जिन्हें आप जानते हैं या फिर वह योद्धा आप खुद भी हो सकते हैं!

India’s water warriors is a first-of-its-kind initiative

इंडियाज़ वॉटर वॉरियर्स अवॉर्ड के लिए कैसे करें नोमिनेट?

किसे नामांकित किया जा सकता है?

कोई भी व्यक्ति या संगठन जो निम्नलिखित में से किसी एक या सभी क्षेत्रों में काम कर रहा होः

  1. जल संरक्षण
  2. जल संचयन
  3. रिजुवनेशन (कायाकल्प)
  4. जल निकायों की बहाली
  5. जल संकट प्रबंधन
  6. सीवेज ट्रीटमेंट
  7. जल योजना

इंडियाज़ वॉटर वॉरियर्स पुरस्कार विजेता को क्या मिलेगा?

संपादनः अर्चना दुबे

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