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हर महीने अपनी जेब से रु. 20 हज़ार खर्च कर, 2200 छात्रों को देते हैं मुफ्त ऑनलाइन शिक्षा

Free Online Math Classes

हमारे देश में आज भी गुरुओं को भगवान का दर्जा दिया जाता है। जहाँ गुरु खुद से ज्यादा अपने छात्रों की शिक्षा को अहमियत देते हैं। वे शिक्षा को पैसों से नहीं तौलते। आज हम आपको एक ऐसे ही शिक्षक की काहानी बताने जा रहे हैं, जो देश-विदेश के हजारों छात्रों को गणित विषय की मुफ्त ऑनलाइन क्लासेज (Free Online Math Classes) देते हैं। हम बात कर रहे हैं, बठिंडा के एक सरकारी शिक्षक संजीव कुमार की। जिन्होंने शिक्षा के महत्व और छात्रों के प्रति अपने कर्तव्य को समझते हुए, यह बेहतरीन कदम उठाया। चलिए दिखाते हैं आपको उनकी ऑनलाइन क्लास का एक नज़ारा, जिसे देख कर शायद देशभर के अन्य शिक्षक भी ऐसा करने के लिए काफी प्रेरित होंगे।

शाम के चार बज चुके हैं। बठिंडा के रहने वाले संजीव कुमार, ऑनलाइन सेशन की तैयारी कर रहे हैं। संजीव कुमार को बच्चों को पढ़ाने का 18 साल का अनुभव है। वह केंद्रीय विद्यालय में गणित के शिक्षक हैं। लेकिन, संजीव इन दिनों डिजिटल स्पेस पर कुछ अलग कर रहे हैं। वह पिछले एक साल से स्कूल की नौकरी के साथ-साथ, बच्चों को मुफ्त में ऑनलाइन क्लास भी दे रहे हैं।

ऑनलाइन सेशन के लिए वह दो लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं। एक लैपटॉप पर ज़ूम ऐप चलता है और दूसरे पर वे नोट्स होते हैं, जिनकी चर्चा उन्हें ऑनलाइन सेशन में बच्चों के साथ करनी होती है। इसके अलावा, टेबल के पास एक ग्लास पानी रखा होता है। साथ ही, कुछ किताबें, मार्कर, पेन आदि भी रखी होती हैं और उनके पीछे एक व्हाइटबोर्ड लगा हुआ है। संजीव कुमार के ये ऑनलाइन सेशन हर रोज़ शाम के चार बजे से लेकर सात बजे तक चलते हैं।

दरअसल, संजीव कुमार दुनियाभर में ग्रेड आठ और उससे ऊपर के छात्रों के लिए ऑनलाइन गणित विषय की क्लास लेते हैं, वह भी बिलकुल मुफ्त।

A day in Sanjeev’s class.

संजीव कहते हैं, “लोगों की यह धारणा है कि सरकारी स्कूल के शिक्षक हर महीने केवल अपना वेतन लेते हैं और कोई काम नहीं करते हैं। मैं इस सोच को बदलना चाहता हूँ।” इस सोच को बदलने की दिशा में संजीव ने यह छोटा सा कदम उठाया है।

पिछले साल मार्च के महीने में, जब लॉकडाउन लगा तब संजीव एक ऐसा सिस्टम बनाना चाहते थे, जहाँ वे बच्चों को पढ़ाना जारी रख सकें। संजीव कहते हैं कि कुछ निजी संस्थान जिस तरह बच्चों से अतिरिक्त शुल्क वसूल रहे थे, उसे देख कर भी वह काफी ज़्यादा निराश थे।

संजीव कहते हैं, “मैंने रिसर्च की और यह समझने की कोशिश की कि बच्चों तक पहुँचने और उन्हें सिखाने के लिए, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कैसा किया जा सकता है।”

Sanjeev at the school in Bhatinda.

29 मार्च 2020 में, संजीव ने पहली बार गणित विषय पर ऑनलाइन क्लास ली, जिसमें 50 बच्चे शामिल हुए थे। संजीव कहते हैं, “पहली क्लास में दोस्तों और परिवार के बच्चे थे और यह मेरे लिए एक टेस्ट सेशन की तरह था।”

उनका प्रयोग बहुत अच्छा रहा और एक अप्रैल 2020 को उनके दूसरे सेशन में, 350 छात्रों शामिल हुए। वह कहते हैं, “तब मेरे लिए यह एक जिम्मेदारी बन गई। अब मुझे सुनिश्चित करना था कि मैं बच्चों को अच्छी तरह से सिखाऊं।”

संजीव ने खुद भी सरकारी स्कूल से ही पढ़ाई की थी और आगे उन्होंने एक सरकारी स्कूल शिक्षक बनने का फैसला किया। वह लगभग 18 वर्षों से केन्द्रीय विद्यालय में पढ़ा रहे हैं। वह वर्तमान में ‘केंद्रीय विद्यालय बठिंडा छावनी स्कूल’ में आठवीं क्लास और इससे ऊपर की क्लास के बच्चों को गणित पढ़ाते हैं।

मुफ्त क्लासेज जारी रखने के लिए, खरीदा प्रीमियम जूम अकाउंट

संजीव कहते हैं कि जैसा कि उनके द्वारा आयोजित ऑनलाइन क्लासेज मुफ्त होती हैं, इन्हें चलाने के प्रयास में वह हर महीने अपनी जेब से 20 हजार रुपए लगाते हैं।

वह कहते हैं, “शुरू में मैंने मुफ्त जूम अकाउंट का उपयोग करना शुरू किया, लेकिन इससे मुझे मेरे क्लास के लिए केवल 40 मिनट का समय मिलता था। मैंने तब इस अकाउंट को अपग्रेड करने और अपग्रेडेड अकाउंट पर हर महीने 70 यूएस डॉलर खर्च करने का फैसला किया।”

अकाउंट अपग्रेड करने के बाद, संजीव अपनी हरेक ऑनलाइन क्लास में 500 छात्रों को शामिल कर सकते हैं। वह कहते हैं, “हालांकि, मैंने सुनिश्चित किया है कि मेरे पास सबसे बेहतर और तेज़ इंटरनेट कनेक्शन हो, लेकिन मैंने देखा है कि छत्तीसगढ़ और देश के दूसरे हिस्सों से छात्र अक्सर कनेक्टिविटी की समस्या के कारण लॉग आउट हो जाते हैं।”

इस परेशानी का हल निकालते हुए, संजीव हर सेशन के नोट्स बनाते हैं और नोट्स के पीडीएफ फाइल बना कर, सेशन में शामिल होने वाले सारे छात्रों को देते हैं।

संजीव की क्लास में आप ऐसे एनरोल कर सकते हैं

Free classes – how to enrol.

क्लास में एनरोल करने का सिस्टम काफी आसान है। छात्र अपना नाम, क्लास और स्कूल का नाम बताते हुए संजीव को 9464302178 पर व्हाट्सऐप मैसेज भेज सकते हैं। ये विवरण भेजे जाने के बाद, छात्र को एक कन्फर्मेशन मैसेज मिलेगा और उसे एक ब्रॉडकास्ट ग्रुप में जोड़ा जाएगा। सेशन का विवरण, सेशन शुरू होने से दस मिनट पहले भेजा जाएगा।

संजीव ये सेशन रोजाना अपनी स्कूल की ड्यूटी पूरी करने के बाद, शाम चार बजे से शाम सात बजे तक आयोजित करते हैं। सेशन में हर दिन तीन बैच चलते हैं, जिनमें ग्रेड आठ और उससे ऊपर के छात्र शामिल होते हैं। बठिंडा में शामिल होने वाले छात्रों के साथ शुरू हुए इस ऑनलाइन क्लास में, आज यूएई और मलेशिया के छात्र भी शामिल हो रहे हैं।

सादा जीवन उच्च विचार

A testimonial from a student

बिना किसी झिझक के संजीव कहते हैं, “मुझे हर महीने 80 हजार रुपये वेतन मिलता है। मेरी पत्नी भी एक शिक्षिका हैं और वह भी इतना ही कमाती हैं। हमारी ज़रूरतें सीमित हैं और हमने जानबूझकर प्रत्येक महीने 20 हजार रुपये अलग रखने का फैसला किया है। जिसका उपयोग हम बच्चों को पढ़ाने के लिए करते हैं। ”

सरकारी स्कूल और वहाँ पढ़ाने वाले बच्चों के बारे में जो लोगों की धारणा है, वह संजीव को काफी परेशान करती है। जिसे वह बदलने की कोशिश कर रहे हैं। आज दुनिया भर से छात्र संजीव के ऑनलाइन क्लास में शामिल हो रहे हैं और लाभ उठा रहे हैं। वह कहते हैं, “यह सब करके अगर मैं एक और सरकारी शिक्षक को, कुछ ऐसा ही करने के लिए प्रेरित कर पाया तो मैं इसे अपनी एक बड़ी सफलता मानूंगा।”

आप संजीव की अध्ययन सामग्री का उपयोग करने के लिए YouTube में लॉग इन कर सकते हैं या उनके फेसबुक पेज से भी जुड़ सकते हैं।

मूल लेख- विद्या राजा

संपादन- जी एन झा

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