पंजाब के छोले और गरमा गर्म भटूरे किसे पंसद नहीं होते? ज़रा सोचिए अगर ये छोले भटूरे आपको मुफ्त में मिलें तो? अगर ऐसा हो, तो कोई भी इंसान खिलाने वाले की छोटी-मोटी शर्त तो मान ही लेगा। चंडीगढ़ में फ़ूड स्टॉल चलानेवाले संजय राणा भी ऐसा ही कुछ काम करके लोगों में जागरूकता लाने की कोशिश कर रहे हैं।
दरअसल, बूस्टर खुराक की धीमी गति के बीच, सरकार ने 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के सभी लोगों को एहतियाती खुराक मुफ्त में देने के लिए एक अभियान की घोषणा की है। इस अभियान में सरकार का साथ देने के लिए संजय ने उन लोगों को मुफ्त में छोले भटूरे खिलाने का फैसला किया है, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज़ भी ले लिया है।
45 वर्षीय संजय राणा, चंडीगढ़ में अपनी साइकिल पर छोले भटूरे का फूड स्टॉल चलाते हैं। छोले-भटूरे का स्टॉल तो वह पिछले 15 सालों से चला रहे हैं। लेकिन उन्होंने जनता के बीच बूस्टर खुराक के प्रति जागरूकता लाने के मकसद से फ्री में छोल-भटूरे खिलाने का काम शुरू किया है। संजय सिर्फ उन लोगों को मुफ्त में खाना खिलाते हैं, जिन्होंने उसी दिन बूस्टर डोज़ ली होती है।
संजय राणा के प्रयासों की प्रधानमंत्री ने भी की सराहना
संजय ने पिछले साल मई-जून के समय भी इसी तरह की पेशकश की थी। कई लोग वैक्सीन को लेकर गलत-गलत अफ़वाहें फैला रहे थे। लेकिन समय के साथ हालात बेहद गंभीर हो गए थे। ऐसे में संजय ने अपनी साइकिल के ठेले पर एक पोस्टर लगाया था कि कोरोना की वैक्सीन लगवाकर आएं और एक प्लेट फ्री में छोले भटूरे खाएं।
लोगों के बीच टीकाकरण को लेकर जो भी गलतफहमियां थीं, उन्हें दूर करने के लिए उन्होंने इस ऑफर की पेशकश की थी। उस दौरान रोज़ उनके ठेले पर 50 से ज्यादा लोग फ्री में खाना खाने आते थे, जिसके बाद उनका यह ऑफर और वह खुद भी काफी सुर्ख़ियों में आ गए थे।
पंजाब के गवर्नर और चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने भी उस समय संजय राणा की तारीफ की थी। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में उनका ज़िक्र किया था।
कहां से मिला संजय राणा को यह आईडिया?
मूल रूप से हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले संजय को यह आईडिया उनकी बेटी और भतीजी ने दिया था, जिसके बाद उन्हें लगा कि शायद ऐसा करके वह सरकार की किसी तरह से मदद कर सकते हैं और इसी सोच के साथ उन्होंने फ्री में छोले भटूरे देना शुरू किया।
हालांकि, उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि उनका यह काम एक दिन देश के प्रधानमंत्री को भी पसंद आएगा।
एक छोटा सा स्टॉल चलाने वाले का नाम जब खुद प्रधानमंत्री ने लिया, तो उनके साथ-साथ पूरे परिवार का सिर फक्र से ऊँचा हो गया था और उनके पास छोले खाने वालों की संख्या भी बढ़ गई। कुछ समय के बाद, उन्होंने इस ऑफर को बंद कर दिया था। लेकिन एक बार फिर से चंडीगढ़ वालों को यह स्पेशल ऑफर मिल रहा है।
हमें पूरा यकीन है कि संजय राणा की यह कोशिश ज़रूर कामयाब होगी और चंडीगढ़ में हर कोई जल्द से जल्द बूस्टर डोज़ लेने पहुंचेगा। साथ ही देश के अन्य जगहों पर भी लोग प्रेरित होकर बूस्टर डोज़ लेने ज़रूर जाएंगे।
संपादनः अर्चना दुबे
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