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“मैंने अपनी हीरो को खो दिया”- सुषमा की मदद से मिली थी इन लोगों को नयी राह!

“मैं कभी नहीं भूलूंगी कि कैसे सुषमा स्वराज ने मेरी मदद की थी जब मैं जर्मनी में बिना पासपोर्ट और पैसों के फंस गयी थी। उन्होंने मेरी खैरियत जानने के लिए खुद फ़ोन किया। और उन्होंने ऐसे ही और हजारों लोगों की मदद की…. यह खबर बहुत दुखद है…”

ट्विटर यूजर अग्रता ने भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए यह ट्वीट किया।

साल 2015 में अग्रता बर्लिन में फंस गयी थीं। उनके पास न तो उनका पासपोर्ट था और न ही पैसे। ऐसे में उन्होंने भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद की गुहार लगाई। स्वराज ने बिना किसी देरी के अग्रता की मदद की।

6 अगस्त 2019, मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से सुषमा स्वराज का निधन हो गया। 67 वर्षीया स्वराज का तीन साल पहले किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था और पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत काफ़ी नाजुक चल रही थी।

नौ बार संसद की सदस्या रहने वाली, दिल्ली की पहली महिला मुख्य मंत्री सुषमा स्वराज को विदेश मंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के लिए हमेशा याद रखा जायेगा। विदेश मंत्री की ज़िम्मेदारियाँ बखूबी निभाते हुए उन्होंने कई बार साबित किया कि वह आम लोगों की नेता हैं और साधारण से साधारण व्यक्ति भी उनके पास अपनी समस्याओं के समाधान के लिए जा सकता है।

ट्विटर पर हमेशा तत्पर रहने वाली सुषमा स्वराज ने सोशल मीडिया को अग्रता जैसे कई आम नागरिकों की मदद करने का सशक्त माध्यम बनाया।

आज द बेटर इंडिया के साथ जानिए ऐसे ही कुछ वाकयों के बारे में जब सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर न सिर्फ़ भारतीयों को, बल्कि दूसरे देशों के लोगों के भी दिल जीते!

 

1. जब वाशिंगटन में छुट्टी वाले दिन भी खुली इंडियन एम्बेसी

11 अक्टूबर 2016 को करनाल की निवासी सरिता तकरू ने सुषमा स्वराज और विदेश मंत्रालय को ट्विटर पर टैग करते हुए लिखा कि उनके पति का देहांत हो गया है और उनका इकलौता बेटा अभय कौल अमेरिका में है। अभय को अपने पिता के अंतिम संस्कार पर पहुँचने के लिए वीज़ा नहीं मिल पा रहा था। क्योंकि उस समय दशहरा की छुट्टी होने की वजह से इंडियन एम्बेसी बंद थी।

तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस ट्वीट पर तुरंत प्रतिक्रिया करते हुए अमेरिका में भारतीय अफ़सरों को एम्बेसी खोलकर अभय को तुरंत वीज़ा देने के निर्देश दिए। सुषमा स्वराज की इस तुरंत कार्यवाही के चलते अभय समय पर अपने घर पहुँचकर अपने पिता का अंतिम संस्कार कर पाए।

 

2. जब भारतीय बॉक्सर को मिला एक दिन में पासपोर्ट

पिछले साल नवंबर में भारत की जूनियर बॉक्सर झलक को युक्रेन के अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग टूर्नामेंट ‘वलेरिया देम्यनोवा मेमोरियल’ के लिए चुना गया था। लेकिन परेशानी थी कि झलक के पास पासपोर्ट नहीं था और इस वजह से उन्होंने सभी उम्मीदें छोड़ दीं थीं।

पर झलक की उम्मीदों को सुषमा स्वराज ने नहीं टूटने दिया। जब एक ट्विटर यूजर अदिति शर्मा ने झलक की परेशानी के बारे में ट्वीट किया, तो इस ट्वीट के एक दिन बाद ही ग़ाज़ियाबाद रीजनल पासपोर्ट ऑफिस से झलक को उनका पासपोर्ट मिल गया।

झलक

यह सब संभव हुए सुषमा स्वराज की तुरंत किये गए हस्कीतक्षेप की वजह से। इस बारे में ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था, “झलक- मैंने दिए हुए नंबर पर बात की है। तुम्हें सुबह तक तुम्हारा पासपोर्ट मिल जायेगा, और अब तुम्हें देश के लिए मेडल जीतना है।”

साभार: ट्विटर

 

3. जब पाकिस्तानी बच्चे को मिला मेडिकल वीज़ा

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के माहौल में भी सुषमा स्वराज ने अपने पद की गरिमा को बनाये रखते हुए बहुत बार  इंसानियत का संदेश दिया।

31 मई 2017 को एक पाकिस्तानी नागरिक ने सुषमा स्वराज को टैग करते हुए ट्वीट किया कि उनके बेटे के दिल के इलाज के लिए उन्हें भारत आना है। लेकिन तनाव के चलते उन्हें मेडिकल वीज़ा नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि भारत और पाकिस्तान के मुद्दों के बारे में उनका तीन महीने का बेटा नहीं जानता है… तो उसे मेडिकल ट्रीटमेंट क्यों न मिले?

सुषमा स्वराज ने तुरंत इस पाकिस्तानी नागरिक की मदद करते हुए उन्हें मेडिकल वीज़ा दिलवाया। उनके इस मददगार कदम के चलते उस बच्चे का इलाज सही समय पर हो पाया। सुषमा की इस नेकदिली के लिए उन्हें भारत और पाकिस्तान, दोनों ही देशों से सराहना मिली।

 

 

4. दुबई से सही-सलामत घर पहुंची भारतीय लड़की

दुबई में मानव तस्करों के चंगुल में फंसी एक भारतीय लड़की को भी सुषमा स्वराज ने सही-सलामत घर वापस पहुँचाया था। साल 2015 में देव तम्बोली नामक एक ट्विटर यूजर ने ट्वीट किया कि उनकी बहन नौकरी के लिए दुबई गयी थी, पर अब उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया है।

देव के ट्वीट पर तुरंत कार्यवाही करते हुए सुषमा स्वराज ने यह सुनिश्चित किया कि उनकी बहन सही-सलामत घर लौटे।

 

5. मूक-बधीर गीता लौटी अपने देश

साल 2015 में गीता नामक एक मूक-बधिर भारतीय लड़की को सुषमा स्वराज के प्रयत्नों से पाकिस्तान से वापस देश लाया गया था। स्वराज के निधन पर गीता ने भी उनके लिए अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी है, आप इस विडियो में देख सकते हैं,

ऐसे और भी कई मौके थे जब सुषमा स्वराज और उनकी टीम ने लोगों की मदद की। अपनी इस उदार छवि के लिए सुषमा स्वराज हमेशा याद की जाएँगी।

संपादन – मानबी कटोच 


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