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दुनिया की पहली जेट स्प्रे वाली व्हीलचेयर

चल-फिर न पाने वाले बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए वाशरूम जाना या अपने खुद के छोटे-छोटे काम करना एक बहुत बड़ी चुनौती होती है। ऐसे में यह स्थिति उनकी भावनाओं के साथ-साथ, उनके आत्मसम्मान को भी चोट पहुँचाती है। ऐसे लोगों को ध्यान में रखकर ही कोयम्बटूर की श्रुति बाबू ने बनाई है दुनिया की पहली व्हीलचेयर जिसमें वाटर क्लीनिंग सिस्टम है।

सहायता नाम की व्हीलचेयर में चलने में असक्षम मरीज और बुजुर्ग बिना किसी की मदद के टॉयलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह इनोवेशन श्रुति के जीवन की एक घटना से प्रेरित है। वह एक Biomedical Engineer हैं और जब वह अपने फेलोशिप प्रोग्राम पर थीं तब अस्पताल में अक्सर मरीजों को टॉयलेट इस्तेमाल करने के दौरान परेशान होते हुए देखती थीं। उन्हें टॉयलेट इस्तेमाल करने में कई लोगों की मदद लगती थी। काफी रीसर्च करने पर उन्हें पता चला कि अभी तक कोई ऐसी व्हीलचेयर बनी ही नहीं, जिसमें क्लीनिंग सिस्टम मौजूद हो।

मोबिलिटी की शिकायत वाले मरीजों के लिए यह दिक्क्त उनके आत्मसम्मान पर भी असर करती है। इसलिए श्रुति चाहती थीं कि कुछ ऐसा किया जाए कि यह दिक्कत दूर हो सके। उनकी इस चेयर ने अब उस दिक्कत को 90% तक कम कर दिया है। उन्होंने एक ऐसी चेयर डिज़ाइन की जिसमें छोटा वॉटर टैंक और जेट स्प्रे दोनों मौजूद हैं। इसमें एक बटन की मदद से कोई भी टॉयलेट इस्तेमाल के बाद, अपने आप को साफ कर सकता है।

इससे उन्होंने मरीजों का ख्याल रखने वाले लोगों की संख्या भी कम कर दी है। इसकी मदद से किसी को 3 की जगह बस 1 केयरटेकर की जरूरत पड़ती है।
श्रुति की बनाई यह व्हीलचेयर न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर के 140 देशों में पेटेंट के साथ आज 300 से अधिक लोगों की मदद कर रही है।

अगर आपको भी किसी अपने के लिए इस सुविधा की जरूरत है तो सहायता कर सकती है आपकी सहायता।
इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए आप श्रुति को यहां सम्पर्क करें।

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