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मजदूर माँ के जल जाने पर १३ वर्षीय बेटे ने बनाया एक सस्ता अग्नि रोधक यंत्र !

मिलनाडु में बसा सिवाकासी वहां के पटाखो के कारखानों का केंद्र है। यह पूरे देश की ९० प्रतिशत पटाखों की मांग को अकेले पूरा करने वाला क्षेत्र है। यही कारण है कि यह कई दुर्घटनाओ का भी केंद्र बना हुआ है ।

एक ऐसी ही पीड़िता (जिसे बड़ी ही मुश्किल से बचा लिया गया) के १३ वर्षीय बेटे ने एक ऐसे अग्नि रोधक यंत्र (fire extinguisher) का आविष्कार किया है जो ताप का अनुमान लगते ही पानी की बौछार करने लगता है।

Source: YouTube

१३  वर्षीय जयकुमार द्वारा बनाया गया या यंत्र काफी सस्ता है ।

जयकुमार ९व़ी कक्षा का छात्र है। उसकी माँ इस क्षेत्र के पटाखे के कारखाने में एक मजदूर के रूप में काम करती थी। एक रोज़ यहाँ हुए एक दुर्घटना में वह बुरी तरह जल गयीं। इसी समय इस किशोर ने ठाना कि वह किसी ऐसी चीज़ का आविष्कार करेगा जिससे उसकी माँ और उनके जैसे अन्य मजदूर सुरक्षित महसूस कर पाएं। उसने ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के साथ अग्नि के फैलने के पहले उसे बुझा देने के उपाय की ओर अपना ध्यान केन्द्रित किया।

अपने विज्ञान के शिक्षक, करुनाई दास के सहयोग से जल्द ही उसने एक ऐसे यंत्र का आविष्कार किया, जो ताप बढ़ते ही उसे महसूस कर एक अलार्म बजा देता है। यह अलार्म यंत्र में बनी पानी की टंकी और मोटर से जुडा होता है। अलार्म बजते ही पानी की बौछार छोड़ दी जाती है, जिस से कि समय रहते आग पर काबू पाया जा सकता है।

२७ फरवरी को आयोजित बियॉन्ड कार्लटन मेमोरियल फंक्शन में जयकुमार ने अपने  इस यन्त्र का प्रदर्शन किया, जिसमे उसने कार्डबोर्ड और सेंसर्स से फैक्ट्री का मॉडल बना कर पूरी प्रक्रिया को समझाया।

जयकुमार आविष्कारो के क्षेत्र में कोई नया नाम नहीं है। इसके पहले भी उसने एक एल पी जी गैस के रिसाव को पहचानने का यन्त्र बनाया है जो इस अग्नि रोधक यंत्र के सिद्धांत पर ही काम करता है। इस आविष्कार ने उसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई थी।

जयकुमार अभी अपने शिक्षक के साथ मिल कर इस यंत्र को बड़े पैमाने पर विकसित करने में जुटा हुआ है।

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