क्या आप दुकानदार से छुट्टे पैसो की बजाय चॉकलेट दिए जाने से परेशान है? तो अब कुछ ही दिनों में आप छुट्टे पैसे ग्रामीण इलाके में पढने वाली लडकियों के शिक्षा के लिये दे सकते है। इस तरह का मोबाइल एप स्कूल में पढने वाली छात्राओं ने बनाया है।
हमारे देश में अगर किसी दुकान पर सामान लेने जाओ और छुट्टे ना हो तो दुकानदार ग्राहक के हाथ में चॉकलेट थमा देते है। दुकानदार हमेशा १, २ या ५ रुपये का छुट्टा ना होने पर आपको टॉफ़ी या चॉकलेट पकड़ा देते है। ग्राहक हमेशा हड़बड़ी में होता है या फिर उसे दुकानदार से बहस नहीं करनी होती है इसलिये वो चुपचाप टॉफ़ी लेके चल पड़ता है। बहुत बार ग्राहक को चॉकलेट लेने में दिलचस्पी नहीं होती है। मान लो अगर वही छुट्टे पैसे आप ग्रामीण इलाके में पढनेवाली छात्राओं के शिक्षा के लिये इस्तेमाल करे तो? बंगलुरु के न्यू होराइजन पब्लिक स्कूल में पढने वाली छात्राओं ने एक ऐसा ही एप बनाया है।
९ वी कक्षा में पढनेवाले ५ विद्यार्थी निधी नायर, आंचल अग्रवाल, सुच्रिथा राजकुमार, विधी कोठारी और अनुष्का पि. नायर कहती है “छुट्टे दान करो, जिंदगी सवारों”
स्कूल में पढाई के दौरान इन लडकियों ने समाज के लिये उपयुक्त एंड्राइड एप बनाया है। उन्होंने इस एप को नाम दिया है ‘ChangeEd’ जिसका अर्थ है छुट्टे पैसे दान करके शिक्षा का अवसर दे।
दुकानदार इस एप को मोबाइल में डाउनलोड कर सकते है और ग्राहक को बता सकते है कि छुट्टे पैसे इस अभिनव उपक्रम को दान कर सकते है। हमारे देश में बहुत सारे ग्राहकों को छुट्टे पैसे मिलने में मुश्किल होती है इसलिये अगर हर बार ऐसे छुट्टे पैसे दान किये गये तो कुछ ही दिनों में बहुत सारी राशि जमा हो सकती है। इकट्ठा की गयी पूरी राशि लडकियों की शिक्षा के लिये काम करनेवाली सामाजिक संस्था को दी जाने वाली है। ChangeEd एप पेमेंट गेटवे की मदद से छुट्टे पैसे जल्दी ट्रान्सफर करती है।
टेक्नोवेशन कॉम्पीटिशन में अंतिम राउंड में इस एप ने बाज़ी मारी है। टेक्नोवेशन एक ऐसी स्पर्धा आयोजित करती है जिसमे छात्राओं को एक ऐसा मोबाइल एप विकसित करना पड़ता है जो समाज के काम आये। न्यू होराइजन स्कूल की टीम को गोल्डमन साच कंपनी ने एप बनाने में मदद की है।
एप ने टेक्नोवेशन स्पर्धा में अंतिम राउंड तक बाज़ी मारी है।लडकियों की ये टीम फाइनल में जानेवाले ४ टीम में से एक है। अंतिम राउंड इस साल के जुलाई महीने में सन फ्रांसिस्को में होने वाला है।
न्यू होराइजन स्कूल के प्रिंसिपल लडकियों की तारीफ़ करते हुये कहते है “मुझे ख़ुशी है कि हमारे विद्यार्थीयो ने भारत के साक्षरता पर आधारित एप बनाया है जिसका फायदा ग्रामीण इलाके के गरीब विद्यार्थीयो को होगा।”
एप बनानेवाली टीम से अगर आप ज्यादा जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो nhpsoff@gmail.com ईमेल पर लिख सकते है।
मूल लेख रंजिनी सिवास्वामी द्वारा लिखित।