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कपड़े सुखाने के इस क्लिप को अपनाएं और हज़ारों टन प्लास्टिक से धरती को बचाएं

Rutvik Jadhav made sustainable clothing peg

छत या बालकनी में कपड़े सुखाते समय इन्हें गिरने या उड़ने से बचाने के लिए लगभग हर घर में Clothing Peg का इस्तेमाल होता है। जिसे आम भाषा में कपड़े सुखाने वाली क्लिप कहा जाता है। ज्यादातर घरों में लोग, प्लास्टिक की क्लिप का इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि ये सस्ती होती हैं। लेकिन घर -घर में इस्तेमाल होने वाली ये क्लिप कचरे में पहुंचने पर प्रदुषण का कारण बनती हैं। कहने को तो यह बहुत छोटी-सी चीज है। लेकिन जिस स्तर पर इसका इस्तेमाल हो रहा है, उसे देखते हुए पर्यावरण पर भी इसका बहुत गहरा प्रभाव है। 

इसी बात को ध्यान में रखते हुए मुंबई के एक 21 वर्षीय युवक ने एक खास तरह की क्लिप तैयार की है। यह क्लिप सस्टेनेबल होने के साथ-साथ ,रीसायक्लेबल भी है। इसका नाम है- BLIP। बैंड और क्लिप- इन दो शब्दों को जोड़कर बना है ब्लिप। इसे तैयार किया है ऋत्विक जाधव ने, जो पेशे से प्रोडक्ट डिज़ाइनर हैं। 

ऋत्विक ने द बेटर इंडिया को बताया, “मुझे हमेशा से ही जगह-जगह फैला हुआ कचरा देखकर बुरा लगता था। मेरा परिवार मुंबई में रहता है लेकिन दादा-दादी गांव में रहते हैं। मैं बचपन में जब भी गांव जाता था तो देखता था कि सब तरफ हरियाली है और जगह-जगह कोई खास कचरा भी नहीं दिखता था। लेकिन आज आपको गांव और शहर में तो क्या, पहाड़ों और नदी-नालों में भी कचरा दिखाई पड़ेगा।” 

प्रोडक्ट डिजाइनिंग में अपनी डिग्री करने वाले ऋत्विक हमेशा से ही ऐसे प्रोडक्ट डिज़ाइन करना चाहते थे, जो लोगों के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ, पर्यावरण के अनुकूल भी हों। पढ़ाई के बाद वह बेंगलुरु की एक कंपनी के साथ इंटर्नशिप करने लगे। लेकिन इसके साथ-साथ उन्होंने ठाना कि वह अपने स्तर पर भी कुछ सस्टेनेबल प्रोजेक्ट करेंगे। 

Rutvik Jadhav

लॉकडाउन के दौरान किया डिज़ाइन

ऋत्विक ने आगे बताया कि एक दिन उन्होंने अपने दोस्त के साथ मिलकर खाना ऑर्डर किया। उनका खाना कार्डबोर्ड के डिब्बे में पैक होकर आया। लेकिन इसके साथ सांबर और चटनी प्लास्टिक के डिब्बों में थी। “हमें खाना खाने में लगभग आधा घंटा लगा होगा। उसके बाद, जब हम कचरा फेंकने लगे तो प्लास्टिक के डिब्बों को देखकर मुझे लगा कि बस आधे घंटे के इस्तेमाल के लिए हमने ऐसी चीज बनाई, जो अब सालों तक धरती को नुकसान पहुंचाएगी। तब मेरे मन में ख्याल आया कि हमें अपनी दैनिक रोजमर्रा की चीजों के सस्टेनेबल विकल्प तलाशने पर जोर देना चाहिए। एक बार में एक चीज पर काम करेंगे तो कामयाबी भी मिलेगी,” उन्होंने कहा। 

उनके दिमाग में ये सब विचार चल रहे थे कि एक दिन उनकी नजर कपड़े सुखाने वाली क्लिप पर पड़ गयी। उन्होंने सोचा कि यह क्लिप भले ही छोटी है लेकिन बहुत हानिकारक है। तो क्यों न इसी से शुरुआत की जाए। उन्होंने पहले लॉकडाउन के तीन महीनों को इसी काम में लगाया और ऐसा प्रोडक्ट डिज़ाइन करने में लग गए जो किफायती और सस्टेनेबल हो। 

ऋत्विक कहते हैं, “मैंने सबसे पहले बाजार में उपलब्ध क्लिप्स को देखा और समझने की कोशिश की। ज्यादातर प्लास्टिक के क्लिप इस्तेमाल होते हैं। इनके विकल्प में लकड़ी या मेटल के क्लिप हैं और ये भी सस्टेनेबल विकल्प नहीं है। इसके बाद मैंने देखा कि एक क्लिप में हम तीन चीजें इस्तेमाल कर रहे हैं- क्लिप के दोनों भाग और बीच में स्प्रिंग।”

उन्होंने तय किया कि वह ऐसी क्लिप बनाएंगे जिसमें सिर्फ एक ही चीज इस्तेमाल हो। क्योंकि जितनी कम चीज किसी प्रोडक्ट में इस्तेमाल होती हैं, इंडस्ट्री के लिए उतनी आसानी होती है। इसके लिए ऋत्विक ने ऐसा डिज़ाइन तैयार किया, जिसमें सिर्फ एक ही चीज हो। इसके बाद उन्होंने रॉ मटीरियल के लिए रिसर्च की। वह चाहते थे कि रॉ मटीरियल ऐसा हो, जो सालों-साल चले और इको फ्रेंडली भी हो। इसलिए उन्होंने प्राकृतिक रबर को चुना। 

‘ब्लिप’ की खासियत 

ऋत्विक कहते हैं कि ब्लिप मजबूत होने के साथ-साथ ‘यूजर फ्रेंडली’ है। लोग इसे इस्तेमाल करने के बाद आसानी से स्टोर भी कर सकते हैं। इसे बनाने के लिए उन्होंने रबर का इस्तेमाल किया है, जिसे बाद में रीसायकल किया जा सकता है। उपयोग में भी यह काफी अच्छा है। इसे आप सालों-साल इस्तेमाल कर सकते हैं। 

वहीं बात अगर इंडस्ट्री की करें तो उनका कहना है, “हमारे प्रोडक्ट ऐसे होने चाहिए जिन्हें बनाने में बहुत ज्यादा लागत न लगे। जैसे सामान्य क्लिप को बनाने में कंपनियों को अलग-अलग मोल्ड का इस्तेमाल करना पड़ता है। पहले इसके सभी कॉम्पोनेन्ट तैयार होते हैं और फिर इन्हें साथ में जोड़कर प्रोडक्ट तैयार होता है। लेकिन ब्लिप को आप सिर्फ एक ही मोल्ड में तैयार कर सकते हैं। इसे बनाने में कोई अलग-अलग प्रक्रिया नहीं होती है। इस कारण इंडस्ट्रीज के लिए भी इसका उत्पादन बहुत हद तक किफायती हो सकता है।” 

ऋत्विक ने अपने घर और आसपास के लोगों के घरों में इसकी टेस्टिंग की। सभी ने उनके ‘ब्लिप’ की तारीफ की है। उनकी माँ, कल्पना जाधव काफी समय से इसे इस्तेमाल कर रही हैं। उनका कहना है, “मैंने पहले कभी कपड़े सुखाने के लिए किसी और विकल्प के बारे में सोचा ही नहीं। लेकिन अब जबसे मैं ये ब्लिप इस्तेमाल कर रही हूँ तो पता चला कि एक छोटी सी चीज भी जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है। ब्लिप इस्तेमाल में बहुत अच्छा है और अगर प्रयोग न हो तो इसे आसानी से स्टोर किया जा सकता है। अब मैं भी अपनी जीवनशैली में छोटे-बड़े बदलाव करके प्रकृति के अनुकूल चलने की कोशिश में जुटी हूँ।”

ऋत्विक ने अपने इस प्रोटोटाइप को एक कंपनी को प्रेजेंट किया है। उन्होंने बताया कि कंपनी को उनका आईडिया अच्छा लगा है और जल्द ही, वे ब्लिप को बड़ी संख्या में उत्पादन भी शुरू करेंगे। 

“मुझे विश्वास है कि आने वाले कुछ समय में हम इसे बाजार में लॉन्च कर पाएंगे। मेरा उद्देश्य यही है कि हम घर-घर से प्लास्टिक की क्लिप्स को हटाकर, इनके सस्टेनेबल विकल्प लोगों को दें। एक बार ब्लिप के बाजार में लॉन्च होने के बाद मैं किसी और प्रोडक्ट पर काम करूंगा ताकि एक-एक करके हम लोगों की जिन्दगी से प्लास्टिक को कम कर पाएं,” उन्होंने अंत में कहा। 

अगर आप ब्लिप के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो ऋत्विक से jadhavrutvik24@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं। 

संपादन- जी एन झा

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