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द बेटर इंडिया की कहानी का असर, गांव के एग्रो टूरिज्म से जुड़े 10 हज़ार किसान

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साल 2017 में राजस्थान के जयपुर में रहनेवाले इंद्रराज जाठ और सीमा सैनी ने एग्रीकल्चर से पढ़ाई पूरी की थी, तब उनके घरवाले चाहते थे कि वे कोई नौकरी करें। लेकिन पढ़ाई के दौरान ही, उन्होंने मन बना लिया था कि वह नौकरी करने के बजाय, खेती से जुड़ा ही कुछ काम करेंगे। सीमा ने एमएससी एग्रीकल्चर और इन्द्रराज ने बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई की है। आज ये दोनों राजस्थान के खोरा श्यामदास गांव में तक़रीबन डेढ़ हेक्टर जमीन किराए पर लेकर ‘ग्रीन वर्ल्ड फाउंडेशन’ नाम से एक Agritourism शुरू किया।
यहां वे सस्टेनेबल तरीके से खेती के साथ-साथ मुर्गी पालन, बकरी पालन, गाय पालन और ऊंट पालन भी करते हैं। लेकिन इन सबके लिए उन्हें बाहर से कुछ लेने की जरूरत नहीं पड़ती। पशुओं के चारे से लेकर खेत के लिए खाद तक सब कुछ वे यहां खुद ही तैयार करते हैं और खेत में बने प्रोडक्ट्स को यहां आए मेहमान खरीद लेते हैं।

उनके इस शानदार मॉडल के बारे में द बेटर इंडिया ने पिछले साल अप्रैल महीने में एक लेख प्रकाशित किया था। खेती को एक सफल बिज़नेस बनाने की इन दो युवा दोस्तों की पहल को लोगों ने खूब पसंद किया। हमारे उस लेख को पढ़कर सीमा और इंद्रराज को देशभर के ढेरों किसानों ने संपर्क किया।

इतना ही नहीं पहले जहाँ उनके फार्म पर महीने के महज 10 परिवार ही रहने आते थे, वहीं आज मेहमानों की संख्या बढ़कर दुगुनी हो गयी है। अपनी इस सफलता एक श्रेय वे द बेटर इंडिया की उस लेख को देते हैं। जिसे पढ़ने के बाद कई युवा किसान ऐसा ही एग्रो टूरिज्म बनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।

आपके प्यार ने गांव का एग्रो टूरिज्म हुआ देशभर में मशहूर

उन्होंने हाल ही में, राजस्थान के पाली जिले के एक किसान को इंटीग्रेटेड कृषि प्रणाली के तहत एक बढ़िया फार्म और टूरिज्म सेंटर तैयार करने में मदद की है। आज वह इस काम से गांव में रहते हुए अच्छा मुनाफा कमाने के साथ-साथ, कइयों के लिए प्रेरणा भी बनें हैं।
हमारी आगे भी यही कोशिश रहेगी कि अपनी कहानियों के ज़रिए हम खेती बाडी में हो रहे बदलाव और युवाओं के नए प्रयासों को आप तक लाते रहें। आप सीमा और इन्द्रराज से जुड़ने के लिए उन्हें यहां संपर्क कर सकते हैं।

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