साल 2008 में असम की कनिका तालुकदार पर अचानक दुःखों का पहाड़ टूट गया, जब एक बीमारी में उनके पति का निधन हो गया। इस घटना के बाद उनके ऊपर अपनी चार महीने की बच्ची की जिम्मेदारी आ गई।
उस समय कनिका वापस अपने माता-पिता के पास बोरझार गांव में आकर रहने लगीं। लेकिन वह उनपर बोझ नहीं बनना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने गांव के सेल्फ हेल्प ग्रुप के साथ मिलकर छोटे-छोटे काम करना शुरू किया।
इन कामों में वह महीने के 1000-2000 रुपये ही कमा पाती थीं। आर्थिक दिक्क्तों के साथ उन्हें अपनी बेटी के भविष्य की भी चिंता थी। ऐसे में साल 2014 में उन्हें पास के कृषि विज्ञान केंद्र में चल रही एक वर्कशॉप में भाग लेने का मौका मिला। वहां उन्हें कृषि से जुड़ें छोटे-छोटे उद्योगों के बारे में पता चला। जिसमें मशरुम उगाने से लेकर मछलीपालन जैसे काम शामिल थें।
इसी वर्कशॉप में कनिका को वर्मीकम्पोस्ट बिज़नेस का भी पता चला। लेकिन इससे पहले उन्हें खेती या कम्पोस्ट बनाने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। फिर कुछ अपना खुद का काम शुरू करने के मकसद से उन्होंने KVK जाकर वर्मीकम्पोस्ट बनाना सीखा।
महज 500 रुपयों का निवेश करके शुरू किया काम
कनिका ने ट्रेनिंग तो ले ली लेकिन अपना काम शुरू करने के लिए उनके पास पैसे ज़्यादा नहीं थे। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र से मिले मात्र एक किलों केंचुए से ही अपना बिज़नेस शुरू कर दिया। अपनी सेविंग के महज 500 रुपये लगाकर उन्होंने, बेम्बू और लोकल मटेरियल से वर्मीकम्पोस्ट बेड बनाया।
यह कनिका की मेहनत और लगन ही थी जिसके दम पर उन्होंने पहले ही साल 800 किलो वर्मीकम्पोस्ट बनाया और इसे 10 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचकर अच्छा मुनाफा भी कमाया। इस सफलता ने उनका हौसला और बढ़ा दिया। फिर कनिका ने अपने मुनाफ़े के पैसों से कम्पोस्ट बेड की संख्या और बढ़ा दी।
उन्होंने 10×3 फीट आकार के 10 वर्मीकम्पोस्ट बेड तैयार किए। इसके अलावा, उन्होंने अपने परिवार की 1.5 बीघा जमीन पर 85×35 फीट का वर्मीकम्पोस्ट बेड भी बनाया। इस तरह आज वह एक महीने में 35 टन तक वर्मीकम्पोस्ट का उत्पादन कर रही हैं और इससे तीन लाख का टर्नओवर कमा रही हैं।
इतना ही नहीं कनिका अपनी जैसी दूसरी महिलाओं को गांव में ही वर्मीकम्पोस्ट बनाना सीखा रही हैं और उन्हें भी आत्मनिर्भर बनने में मदद रही हैं।
कनिका ने अपने प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए ‘जय वर्मीकम्पोस्ट’ नाम से एक ब्रांड भी बनाया है। इसी ब्रांड के तहत, वह वर्मीकम्पोस्ट और वर्मीवॉश बेचती हैं, जिनकी कीमत 12 रुपये प्रति किलोग्राम, 70 रुपये प्रति लीटर के करीब है।
आज कनिका के प्रोडक्ट्स आस-पास की नर्सरी, कृषि विज्ञान केंद्र सहित ऑनलाइन भी बिक रहे हैं। इस तरह महज 10 साल के अंदर खुद का एक सफल बिज़नेस खड़ा करके कनिका अपनी जैसी कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी हैं।
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