कॉलेज के समय से दोस्त रहे सुजय सोहानी और सुबोध जोशी ने मुंबई से अपनी पढ़ाई की और फिर लंदन चले गए. वहां उन्होंने काम करना शुरू किया। वहां, पहले तो वे शहर के एक मशहूर होटल में काम करते थे, लेकिन आज वड़ापाव बेचकर लाखों कमा रहे हैं।
दरअसल, साल 2010 तक सुजय सोहानी और सुबोध जोशी के लिए सब कुछ बहुत अच्छा था, लेकिन उसी साल रिसेशन के कारण उनकी नौकरी चली गई। परदेश में नौकरी जाना और परिवार के साथ के बिना रहना, यह दौर उन दोनों के लिए काफी मुश्किलों से भरा हुआ था।
एक समय तो ऐसा भी आया कि उनके पास खाना खरीदने के भी पैसे नहीं थे। इस मुश्किल समय में देश ही याद आता है, लेकिन उन्होंने वापस देश आने के बजाय देसी पकवान को वहां ले जाने का फैसला किया।
देसी वड़ापाव बेचकर बने लखपति
उन्होंने लंदन के जाने-माने आइसक्रीम पार्लर में थोड़ी जगह किराये पर लेकर वड़ा पाव बेचना शुरू किया। हालांकि, सफलता इतनी आसानी से भी नहीं मिली। शुरुआत में उनका काम बिल्कुल नहीं चला रहा था। लेकिन फिर उन्होंने लंदन की सड़कों पर जाकर लोगों को फ्री में वड़ा पाव देना शुरू किया।
धीरे-धीरे वहां रहनेवाले भारतीयों के साथ लंदन की पब्लिक को भी वड़ा पाव का स्वाद पसंद आने लगा। इसके बाद, उन्होंने वहां के एक पंजाबी रेस्टोरेंट के साथ कोलाबोरेशन किया और वहां से अपने वड़ा पाव को बेचने लगें।
आज उनका वड़ा पाव लंदन का एक पसंदीदा स्ट्रीट फ़ूड बन गया है, जिसे वह श्री कृष्णा वड़ा पाव नाम के रेस्टोरेंट में बेचते हैं। लंदन के अलावा, आस-पास के कई शहरों में भी उनके फ्रेंचाइजी खुल गए हैं, जहाँ वे 70 से ज़्यादा तरह के महाराष्ट्रीयन पकवान परोसते हैं। बिल्कुल छोटे स्तर पर शुरू हुआ काम आज एक ब्रांड बन गया है, जिसने दो दोस्तों को लखपति बना दिया है।
इतना ही नहीं उनकी कोशिश ने देसी स्वाद को विदेश में नई पहचान भी दिलाई है।
संपादन- अर्चना दुबे
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