Site icon The Better India – Hindi

23 की उम्र में मिलेट बिज़नेस शुरू कर बनीं किसानों का सहारा

Millet Food Business Satguru Superfood started by Palak Arora
23 साल की उम्र में मिलेट बिज़नेस शुरू कर किसानों की कर रहीं मदद | Millets |  SatGuru Superfoods

23 साल की उम्र में बिज़नेस शुरू कर पलक अरोड़ा न सिर्फ लोगों को रोज़गार दे रही हैं, बल्कि मिलेट उगा रहे किसानों का सहारा भी बनी हैं। साल 2020 में जब कोविड के कारण लोगों की नौकरियां जा रही थीं और खुद को हेल्दी रखना बड़ी चुनौती बन चुकी थी, उस वक्त फूड टेक्नॉलजिस्ट पलक ने दो समस्याओं का एक साथ हल ढूंढा और शुरुआत की अपने स्टार्टअप सतगुरू सुपरफूड की। 

द बेटर इंडिया से बात करते हुए पलक ने बताया, “सतगुरू सुपरफूड में हम मिलेट्स और दालों को स्प्राउट करके उनके रेडी टू कुक प्रोडक्ट्स बनाते हैं, वह भी पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके से। हमारे प्रोडक्ट्स प्रिज़र्वेटिव फ्री और बिना किसी एडेटिव के तैयार किए जाते हैं और इनकी सेल्फ लाइफ 3 महीने होती है।

पलक के ये रेडी टू इट फूड बड़ी ही आसानी से बनकर तैयार हो जाते हैं। उन्होंने हेल्थ और टेस्ट से भरपूर चिला, बाजरा मेथी पूरी, पुलाव, बीट रूट इडली जैसे कई मज़ेदार प्रोडक्ट्स तैयार किए हैं, जिन्हें आप 10 मिनट में पकाकर फटाफट खा सकते हैं।

कैसे आया सतगुरू सुपरफूड बिज़नेस का आइडिया?

पलक के स्टार्टअप के ज़रिए न सिर्फ किसानों को अपनी फसल के लिए सही जगह और दाम मिला है, बल्कि इससे उन्होंने 7 लोगों को सीधे तौर पर रोज़गार भी दिया है। इसके अलावा, ट्रांसपोर्टेशन और सप्लाई चेन से जुड़े बहुत सारे दूसरे लोगों को भी इसके ज़रिए काम मिला है।

उन्होंने बताया, “साल 2020 में लॉकडाउन के समय जब सब लोगों की जॉब्स जा रही थीं और मार्केट में जॉब्स की बहुत प्रॉब्लम हो गई थी, उस समय मैंने सोचा कि कुछ करना चाहिए और लोगों को जॉब्स प्रोवाइड करनी चाहिए। इसके लिए मैंने ऐसा एक हेल्दी फूड तैयार किया, जो बहुत आसानी से 10 मिनट में बन जाता है।”

पलक ने आगे बताया, “मैं जितने भी मिलेट्स हैं, उनको अपने लोकल किसानों से लेती हूं, ताकि मेरे आस पास के जो किसान हैं वे मुझसे जुड़े रहें और वे मिलेट उगाने के लिए और ज्यादा प्रोत्साहित हों। इससे हमारा पर्यावरण एकदम सही रहेगा और साथ ही हमारे ग्राहक भी हेल्दी रहेंगे।”

कैसे तैयार होते हैं ये प्रोडक्ट?

पलक बताती हैं, “सतगुरू सुपरफूड में रेडी टू कुक प्रोडक्ट्स बनाने के लिए मिलेट्स जैसे ही हमारी फैसिलिटी में आते हैं, उनको हम धोते हैं, उनकी सफाई होने के बाद, उनको भिगोया जाता है और फिर उनकी नियंत्रित तापमान में स्प्राउटिंग की जाती है। इसके बाद, फिर उनको सोलर ड्रायर्स में सुखाकर उनका रेसिपी फॉर्मुलेशन करके रेडी टू कुक प्रोडक्ट तैयार किया जाता है।”

ये पूरा प्रॉसेस नेचुरली करने में और एक पैक बनाने में 7 से 10 दिन का समय लगता है, क्योंकि ग्रेन्स को पहले भिगोने का कुछ समय होता है, फिर उनकी स्प्राउटिंग में 3 से 4 दिन लगते हैं और फिर उसमें सोलर ड्राई का समय होता है और वहां से रेसिपी फॉर्मुलेशन से पैक करने तक 7 से 10 दिन का समय लगता है।

आखिर में पलक कहती हैं, “मैं पब्लिक से यही कहना चाहूंगी कि आप मिलेट्स अपनी डायट में ज़रूर शामिल करें और हेल्दी रहें, लेकिन ध्यान रखें कि आपको मिलेट्स को सही तरीके से खाना है। आपको उसे अच्छे से भिगोना है और अगर आप उसे स्प्राउट करते हैं, तो वह आपकी बॉडी के लिए बहुत ही अच्छा होता है, साथ ही उससे आप हेल्दी रह सकते हैं।      

इतनी कम उम्र में, इतनी बड़ी सोच के साथ सतगुरू सुपरफूड बिज़नेस चला रहीं पलक न सिर्फ हमारे पांरपरिक अनाजों को प्रमोट कर रही हैं, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा भी बन चुकी हैं।

यह भी पढ़ेंः 67 की उम्र में कैसे किया शुगर, BP कंट्रोल? जानिए लता अम्मा का सीक्रेट मिलेट डायट प्लान

Exit mobile version