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शौक बना आय का जरिया, पेंसिल की नोक पर बनाते हैं अद्भुत डिज़ाइन

हम सब जानते हैं कि हमारे देश में अनगिनत कलाएं और एक से बढ़कर एक कलाकार हैं। देश में ऐसे भी कलाकार हैं, जो चावल के दाने पर भी आपका नाम लिख देंगे, तो कोई रेत पर एक से बढ़कर एक कलाकृति बना देगा। लेकिन आज हम आपको ऐसे कलाकार से मिलवा रहे हैं, जो Pencil Lead Art करते हैं। आपके नाम से लेकर, अंग्रेजी के सभी अक्षर और प्रतिमाओं तक, वह पेंसिल की बारीक़ सी लीड पर क्या कुछ नहीं बना देते हैं। उनकी इस कला को अभिनेत्री अक्षरा हसन ने भी सराहा है। हम बात कर रहे हैं चेन्नई के राजकुमार पी. की।

खुद को पेशे से आर्किटेक्ट और दिल से आर्टिस्ट बताने वाले 26 वर्षीय राजकुमार, लगभग छह सालों से Pencil Lead Art कर रहे हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि उनकी इस कला की शुरुआत दोस्तों के बीच ही एक प्रतियोगिता के दौरान हुई।

वह बताते हैं, “मैं अपनी डिग्री के दूसरे साल में था। इतिहास विषय के क्लास में मेरा मन नहीं लगता था, इसलिए उस क्लास के दौरान हम पीछे बेंच पर बैठकर कुछ न कुछ करते रहते थे, जैसे चॉक आर्ट या फिर ये लीड आर्ट। उन दिनों में मजाक-मस्ती में लीड आर्ट शुरू किया था, अब तो उसी में मन लगने लगा है।”

आज राजकुमार अपनी नौकरी के साथ-साथ, Pencil Lead Art भी करते हैं। पहले जो काम सिर्फ पैशन था, वह अब पार्ट-टाइम प्रोफेशन बनने लगा है।

Pencil Lead Art से बनाए बुद्ध, वर्ल्डकप और न जाने क्या-क्या!

राजकुमार ने यह कला खुद प्रैक्टिस करके और कुछ यूट्यूब वीडियो देखकर सीखी है। उन्होंने कभी भी, किसी प्रोफेशनल से खासतौर पर कोई क्लास नहीं ली। यह सिर्फ उनका शौक था, जिस कारण आज वह इस कला में माहिर हैं। उनका कहना है, “मेरे लिए ‘Lead Art’ एक थेरेपी की तरह है। अगर मैं कभी भी परेशान होता हूँ या तनाव में होता हूँ, तो कुछ न कुछ बनाने लगता हूँ। इसे बनाते-बनाते मेरा सब तनाव दूर हो जाता है। मुझे लगता है कि हर किसी में ऐसी कोई न कोई हॉबी होती है, जो उनके लिए तनाव को दूर करने का काम करती है।”

Lead Art and Teaching others as well

राजकुमार ने शुरुआत में कुछ आसान कलाकृतियां बनाई थीं ,जैसे अपना नाम लिखना, क्यूब बनाना आदि। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने मुश्किल चीजें भी की, जैसे बुद्ध की प्रतिमा, वर्ल्डकप, अक्षर, डीएनए, नृत्य सम्राट नटराज, आदि। उन्होंने अब तक लगभग 400 कलाकृतियां बनाई हैं। अपने इस काम के लिए राजकुमार अलग-अलग तरह की पेंसिल इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने बताया, “मैंने आर्किटेक्चर पढ़ा है, जिसमें अलग-अलग कामों के लिए अलग-अलग पेंसिल का इस्तेमाल होता है। इसलिए मुझे पेन्सिलों की अच्छी जानकारी है, जैसे 10बी, 12बी और ग्रेफाइट पेंसिल आदि। हर पेंसिल की लीड की मोटाई अलग-अलग होती है। मैं 0.5 मिमी से लेकर 4 मिमी तक की लीड पर आर्ट करता हूँ।”

उन्होंने बताया कि सबसे पहले पेंसिल को छीलते समय ध्यान रखना पड़ता है कि लीड ज्यादा न टूटे। फिर बहुत ही बारीकी से उस पर कारीगरी की जाती है। पहले राजकुमार सामान्य चाकू से ही यह काम करते थे, लेकिन फिर उनके दोस्तों ने उन्हें प्रोफेशनल चाकू गिफ्ट किया। अपनी एक कलाकृति को तैयार करने में, उन्हें आधे घंटे से लेकर छह-सात घंटे तक का समय लग जाता है। वह कहते हैं कि अगर उन्हें कुछ आसान सा बनाना है, तो मुश्किल से आधा घंटा लगता है। लेकिन अगर वह कुछ कठिन और अलग बना रहे हैं, तो ज्यादा समय लग जाता है।

बना एक अतिरिक्त आय का जरिया

राजकुमार ने बताया कि वह अपने खास दोस्तों और परिवारजनों को उनके जन्मदिन या सालगिरह के मौके पर अपने हाथ से बना हुआ कुछ देना पसंद करते हैं। उन्होंने अपने कई दोस्तों को ‘लीड आर्टवर्क’ गिफ्ट किए हैं। उनके दोस्तों और जाननेवालों के जरिये दूसरों को भी उनकी इस कला के बारे में पता चलने लगा और दूसरे लोग भी उनसे अलग-अलग तरह के आर्टवर्क बनवाने लगे।

वह कहते हैं कि खासकर लॉकडाउन में लोगों ने उनसे बहुत से आर्टवर्क बनवाये हैं। “लॉकडाउन में मार्किट बंद थी और ऐसे में बहुत से लोगों ने मुझे ऑर्डर दिए, ताकि वे अपने खास लोगों को कुछ खास गिफ्ट कर सकें। पिछले एक महीने में, मैंने सिर्फ इन ऑर्डर्स से लगभग 30 हजार रुपए की कमाई की है। मेरे बनाए आर्टवर्क 500 रुपए से शुरू होकर 5000 रुपए तक के होते हैं। इसमें मैं अपनी लागत- पेंसिल, चाकू और आर्टवर्क की फ्रेमिंग आदि के अलावा, अपनी मेहनत और समय को शामिल करता हूँ,” उन्होंने कहा।

Gifting Lead Art and Akshra Hassan with his Lead Art

चेन्नई के अलावा, उन्होंने बेंगलरू में भी लोगों को ऑर्डर्स भेजे हैं। वह कहते हैं कि चेन्नई के ऑर्डर्स वह खुद डिलीवर कर देते हैं, लेकिन बाहर के ऑर्डर्स के लिए वह कुरियर सर्विस की मदद लेते हैं। अपनी इस कला के लिए उन्हें ग्राहकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। अभिनेत्री अक्षरा हसन ने भी उनके काम की तारीफ की है, इसलिए धीरे-धीरे उनके ऑर्डर भी बढ़ रहे हैं। अपनी इस कला को ‘फुल-टाइम रोजगार’ बनाने के बारे में वह कहते हैं कि उन्होंने अब तक इस बारे में नहीं सोचा है, क्योंकि वह और भी दूसरी चीजें कर रहे हैं, जैसे अब वह पेपर आर्ट पर भी काम कर रहे हैं।

दूसरे लोगों को भी वह अपने पैशन को पैसे कमाने का जरिया बनाने की सलाह देते हैं। वह कहते हैं कि अगर आपमें कोई ऐसा हुनर है, जिससे करियर बनाया जा सकता है, तो आपको जरूर इसमें आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि, उन्होंने अपनी शुरुआत सिर्फ शौकिया तौर पर की थी, लेकिन आज उन्हें अच्छा लगता है, जब लोग उनके काम की तारीफ करते हैं। इसलिए वह सबसे कहते हैं कि अपने शौक और सीखने की चाह को कभी न छोड़ें। अगर आप उनके बनाये आर्टवर्क देखना चाहते हैं या फिर उनसे संपर्क करना चाहते हैं तो उन्हें इंस्टाग्राम पेज पर फॉलो कर सकते हैं।

संपादन- जी एन झा

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