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मॉम्सकार्टः एक इंजीनियर के आइडिया ने कई गृहिणियों को दिया बिज़नेस प्लेटफॉर्म

momskart

इंदौर के रहनेवाले 23 वर्षीय अमन पोरवाल हमेशा से पढ़ाई में अच्छे थे, लेकिन जब सिर्फ़ चार नंबर कम होने की वजह से उनका IIT में एडमिशन नहीं हो पाया, तब वह बेहद दुखी हुए। हालांकि, आज वह इस बात का कोई मलाल नहीं करते, बल्कि कहते हैं कि जो हुआ अच्छा हुआ! क्योंकि अगर उनका एडमिशन उस समय IIT में हो जाता, तो शायद आज वह ‘मॉम्सकार्ट’ जैसी सफल स्टार्टअप कंपनी न चला रहे होते।  

अमन, इंदौर में रहते हुए अपने स्टार्टअप ‘मॉम्सकार्ट’ के ज़रिए आज देशभर की महिलाओं को आईटी सर्विसेज़ और बिज़नेस प्लेटफॉर्म दे रहे हैं। यह स्टार्टअप एक सेलर और यूज़र बेस्ड प्लेटफॉर्म है, जहां से आप देशभर में मिलने वाले लोकल फ़ूड आइटम्स ख़रीद सकते हैं। 

वहीं, इस स्टार्टअप के ज़रिए घर से ही फ़ूड आइटम्स बनाने वाली महिलाएं, सेलर बनकर सिर्फ़ अपने शहर में ही नहीं, बल्कि देशभर में अपने प्रोडक्ट्स बेच सकती हैं।  

लोगों ने आइडियाज़ को बताया फालतू

Aman Porwal Founder Of Momskart

 इस बिज़नेस को शुरू करने से पहले, अमन ने कई तरह के बिज़नेस आइडियाज़ पर काम किया था। कई बार उनके आइडियाज़ को लोगों ने बिल्कुल फालतू भी कहा। लेकिन सपने को पूरा करने की ज़िद और अपनी मेहनत पर विश्वास के बदौलत, आखिरकार उन्होंने सफलता हासिल कर ही ली और मात्र एक साल पुराने अपने बिज़नेस के ज़रिए आज उनका टर्नओवर लाखों में पहुंच गया है।  

अमन कहते हैं, “मैं बचपन से खुद का ब्रांड बनाने का सपना देखता था। बचपन से मैं अलग-अलग रोज़गार के बारे में सोचता रहा, लेकिन इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते हुए मैंने अपना स्टार्टअप करने का मन बना लिया था।”

IIT में एडमिशन नहीं होने के बाद, अमन ने इंदौर के ही एक इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन ले तो लिया। लेकिन उनका मन किसी बड़ी कंपनी में नौकरी करने के बजाय, अपना काम शुरू करने के ओर ही लगा रहता था।

स्टार्टअप के पहले कई बार हुए असफल   

अमन बताते हैं, “मैं हमेशा IIM  इंदौर में होने वाले स्टार्टअप समिट में जाया करता था। वहां बड़े स्टेज पर लोगों को अपने स्टार्टअप पिच करते देख मुझे इतना अच्छा लगता था कि मैं भी अपने मन में अलग-अलग बिज़नेस आइडियाज़ को  वैसे ही बड़े स्टेज पर  पिच करने के बारे में सोचता था।”

अमन, कॉलेज में पढ़ते हुए कई तरह के स्टार्टअप आईडियाज़ पर काम करते रहते थे। पढ़ाई के साथ-साथ  ही उन्होंने एक कॉलेज असाइनमेंट का बिज़नेस शुरू किया। इसके तहत ‘असाइनमेंट  सॉल्यूशन’ नाम से उन्होंने एक फेसबुक पेज बनाकर उन लोगों के असाइनमेंट लिखने का काम शुरू किया,  जो फाइनल ईयर में नौकरी के साथ पढ़ाई करते थे और अपना असाइनमेंट खुद नहीं कर पाते थे। 

हालाँकि ,  इसके लिए उन्हे कॉलेज में डांट भी सुननी पड़ी, लेकिन इससे उन्होंने अच्छे पैसे कमाए और कई लोगों ने उनके इस आइडिया को काफ़ी  पसंद भी किया। इसके  बाद, कॉलेज में अपने एक प्रोफेसर, अतुल सर का उन्हें सपोर्ट मिला। अमन कहते हैं, “अतुल सर ने ही मेरे दिमाग को समझा और मुझे अच्छे बिज़नेस आइडियाज़ की ओर काम करने के लिए प्रेरित किया।”

MomsKart Team

इसके  बाद, अतुल सर की मदद से वह अलग-अलग शहरों के स्टार्टअप समिट में जाने लगे।  इसी दौरान उन्हें IIM  बेंगलुरु में भी अपने स्टार्टअप को लोगों के सामने प्रज़ेंट  करने का मौका मिला।  

वह बताते हैं, “मैंने बायोडिग्रेडेबल बेबी डायपर्स के आईडिया पर काम किया था, लेकिन उस दौरान मेरी अंग्रेज़ी  इतनी अच्छी नहीं थी। ऊपर से उतने बड़े मंच पर अपना बिज़नेस आइडिया बताना मेरे लिए एक बड़ी बात थी। उस जगह से मैंने काफ़ी  कुछ सीखा और उसी सीख को लेकर मैं वापस आया।”

माँ के नाश्ते से मिला बिज़नेस आइडिया 

इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने से पहले अमन समझ चुके थे कि उन्हें बिज़नेस ही करना है लेकिन कोई सॉलिड प्लान नहीं था, जिसपर वह गंभीरता से काम कर सकें।  अमन ने बताया, “मेरे सारे दोस्त जब कैंपस प्लेसमेंट के ज़रिए नौकरी के बारे में सोच रहे थे, तब भी मैं स्टार्टअप के बारे में ही सोच रहा था।

मुझे लगने लगा था कि अब वक़्त आ गया है किसी एक आइडिया पर फोकस करने का।  तभी मुझे अपनी माँ से एक अच्छा बिज़नेस आइडिया मिला।” दरअसल, अमन की माँ घर में ही अचार बनाकर  दोस्तों और रिश्तेदारों को बेचा करती थीं।  अमन ने सोचा कि क्यों न उनके इस काम को ही आगे बढ़ाया जाए।  

फिर उन्होंने फेसबुक पर  ‘मॉम  मेड नमकीन वाला’ नाम का एक पेज बनाया और अपनी माँ के ही नहीं, बल्कि  आस-पास के एरिया में घर से छोटा बिज़नेस चला रहीं  कुछ और महिलाओं के प्रोडक्ट्स को भी इस पेज के ज़रिए  बेचना शुरू किया। 

Aman at the exhibition

इधर-उधर से मदद लेकर की बिज़नेस की शुरुआत  

अमन, पढ़ाई के साथ-साथ ‘मॉम  मेड नमकीन वाला’ चलाते रहे  लेकिन साल 2020 में पढ़ाई ख़त्म होने के बाद  उन्होंने इसे एक स्टार्टअप की तरह लॉन्च करने और  इसकी रिब्रांडिंग करने का फैसला किया। उन्होंने अपने दोस्त शुभम जैन की मदद से एक ऐप बनाया और अपने पिता के दोस्त से पैसे की मदद लेकर, बिज़नेस को रजिस्टर कराया।  

इस ऐप से अमन  ने इंदौर की ऐसी कई महिलाओं को जोड़ा, जो घर से  ही काम कर रही थीं। 

लॉकडाउन के बाद, मिली बिज़नेस को सफलता 

अमन ने साल 2020 के   मार्च महीने में अपने ऐप की शुरुआत की, जिसके कुछ दिनों बाद  ही देश में लॉकडाउन लग गया।  अमन कहते हैं, “मेरे सारे दोस्तों के पास नौकरी थी, वे वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे, लेकिन मैं कुछ नहीं कर पा रहा था।  मेरा काम शुरू होने से पहले ही बंद हो गया था। फिर भी मैंने उस दौरान उम्मीद नहीं छोड़ी और अपने काम को कैसे चलाया  जाए इसपर फोकस किया।” 

अमन ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में हर जगह अपने स्टार्टअप को रजिस्टर कराते थे, लेकिन हर जगह उनके काम को नापसंद कर दिया जाता था।  लॉकडाउन के दौरान, उन्होंने समय का इस्तेमाल करते हुए कई ऑनलाइन कोर्स  किए और  देशभर में सप्लाई चेन बनाने के बारे में अच्छी  रिसर्च कर डाली ।  

 अमन के जीवन का टर्निंग पॉइंट तब आया, जब  उनके आइडिया को IIM  अहमदाबाद में आयोजित एक समिट में एक लाख का प्राइज़ मिला। इसके बाद अपने काम पर उनका विश्वास और बढ़ गया। उन्हें कई जगहों से मीडिया कवरेज भी मिला।

IIT खड़गपुर से भी मिला अवॉर्ड

IIM अहमदाबाद के बाद, अमन ने देश के हर एक प्रतिष्ठत संस्थान में अपने आइडिया को पिच करना शुरू किया; ताकि उन्हें ज़्यादा  इन्वेस्टमेंट मिल सके । इतना ही नहीं, 2021 में उन्हें IIT खड़गपुर से भी बेस्ट स्टार्टअप का अवॉर्ड मिला, जिसके बाद वह दुबई एक्सपो में भी गए।

इस तरह कंपनी को थोड़ा-थोड़ा फंड भी मिलने लगा और 2021 में ‘मॉम्सकार्ट’  ने एक अच्छी रफ़्तार पकड़ ली।  

आज देश की 1000 महिलाएं  अपने प्रोडक्ट्स को ‘मॉम्सकार्ट’ पर बेच रही हैं। मात्र 23 साल की उम्र में अमन अपने स्टार्टअप के ज़रिए 25 लाख का टर्नओवर कमा रहे हैं।  अमन की कहानी बताती है कि अगर अपने सपने पर यक़ीन हो,  तो तमाम मुश्किलों के बावजूद,   सफलता ज़रूर  मिलती है। 

मॉम्सकार्ट से संपर्क करने के लिए यहां क्लिक करें।  

संपादन-अर्चना दुबे

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