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न फ्रीज़र में रखने की ज़रूरत, न किसी वायरस की चिंता, पेश है कटहल से बना शाकाहारी मीट

साईराज ढोंड, गोवा के रहने वाले हैं। वह बताते हैं कि बचपन में कई सालों तक वह कटहल और चिकन के बीच अंतर समझ नहीं पाते थे। बचपन में वह अपनी दादी के हाथों से बनी मज़ेदार कटहल की सब्जी (kathal ki sabji), चिकन समझकर खा लेते थे।

कटहल एक लोकप्रिय फल है और इसे कई तरह से खाया जाता है। बाजार में कटहल का आटा, जूस, चॉकलेट्स और कॉफी जैसे कई उत्पाद मौजूद हैं।

भारत में तो कई दशकों से लोग कटहल बड़े चाव से खाते आ रहे हैं, लेकिन इसने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, मीट के शाकाहारी विकल्प के रुप में ध्यान आकर्षित किया है। 

बेहतरीन स्वाद के अलावा, कटहल में कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। इसमें उच्च मात्रा में पोटाशियम और फाइबर होता है, जो ब्लड-प्रेशर कम करने में मदद करता है। इसके अलावा कटहल में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं। 

साईराज, पेशे से वकील हैं। जब उन्होंने कटहल से मिलने वाले लाभ के बारे में जाना, तब उन्होंने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान, अपना स्टार्टअप ‘वकाओ फूड्स‘ शुरु करने का फैसला किया। साईराज कहते हैं कि टेरियकी जैक, बटर जैक, बीबीक्यू जैक और जैक बर्गर पैटी जैसे प्रोड्क्ट को बाज़ार में लाने के पीछे कई कारण थे।

साईराज (Sairaj Dhond, CEO and founder of Wakao Foods)

साईराज ने द बेटर इंडिया को बताया, “कोविड-19 का एक सकारात्मक पक्ष भी है। दरअसल इस महामारी की वजह से हम सभी स्वास्थ्य के प्रति थोड़े जागरूक हुए हैं। कोरोना वायरस से होने वाले मृत्यु दर और बाद में इम्यूनिटी बूस्टर की जब चर्चा होने लगी, तो मुझे अपनी दादी की बात याद आई, जो कटहल की खूब तारीफ करती थी। इसी बीच लॉकडाउन की वजह से अन्य लोगों की तरह मेरा व्यवसाय भी प्रभावित हुआ। ऐसे में, नवंबर में मैंने ‘वकाओ फूड्स’ शुरु करने का फैसला किया।”

हालांकि, साईराज का यह बिजनेस केवल चार महीने ही पुराना है, लेकिन यह शाकाहारियों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया है और लोगों को काफी पसंद भी आ रहा है। वकाओ फूड्स के प्रोड्क्ट गोवा में करीब 30 वीगन दुकानों में मिलने लगे हैं। ग्रैंड हयात और जेडब्लयू मैरियट जैसे बड़े होटल भी वकाओ फूड्स के प्रोड्क्ट की तारीफ करते हैं।

साईराज का कहना है कि एक अनजाने क्षेत्र में बिजनेस शुरु करना आसान नहीं है। वह कहते हैं कि लॉकडाउन और फिर बिगड़ती अर्थव्यवस्था ने इसे और ज़्यादा मुश्किल बना दिया है। हालांकि, अब वह अपने काम से खुश हैं। वह कहते हैं कि कटहल के विभिन्न उत्पादों के जरिए हम ग्लुटन फ्री खाद्य पदार्थों को देखने के तरीके में क्रांति ला सकते हैं।

अपने जुनून का पीछा करना

साईराज कहते हैं कि काम के लिए जुनून होना चाहिए।
वह कहते हैं, “यदि आपका काम आपको खुशी नहीं दे रहा है, तो उसे छोड़ देना ही बेहतर है। इससे आपकी मेहनत और समय की बचत होगी।”

कुछ साल पहले ऐसा ही हुआ था, जब साईराज को महसूस हुआ कि उन्हें वकालत का पेशा छोड़ बिजनेस में कदम रखना चाहिए।
वह बताते हैं, “वकालत का पेशा छोड़, बिजनेस करने का फैसला मैंने रातों-रात लिया था। मैं 2014 में अपने परिवार के व्यवसाय में शामिल हो गया। कुछ अनुभव प्राप्त करने के बाद, मैंने अपना बिज़नेस शुरू किया, लेकिन यह लॉकडाउन के दौरान एक ठहराव की स्थिति में आ गया।” 

साईराज, फूड बिजनेस में हाथ आज़माना चाहते थे और इस तरह उन्होंने ‘वकाओ फूड्स’ की शुरुआत की। 

अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए साईराज कहते हैं, “कटहल और चिकन बनाने का तरीका करीब-करीब समान होता था और दोनों की ग्रेवी और स्वाद भी समान होता था।”
साईराज को यह पता था कि कटहल कमाल का सुपरफूड है। लेकिन, उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती थी, कटहल के प्रोसेसिंग टेक्निक के बारे में जानना और उन किसानों की पहचान करना जो साल भर मौसमी फल उगाते हैं। हालांकि, इंटरनेट और यूट्यूब से उन्हें काफी मदद मिली। सही जानकारी इकट्ठा करने के लिए, उन्होंने कई शेफ और कटहल के विशेषज्ञों से भी संपर्क किया।

जब हमने साईराज से पूछा कि कटहल को शाकाहारी मीट के विकल्प के रुप में बाज़ार में उतारने के बाद, क्या उन्हें इस बात का डर नहीं था कि ये केवल एक तरह के बाजार की जरुरत को पूरा करेगा?
इसके जवाब में उन्होंने कहा, “पूरे देश भर में कटहल खाया जाता है, चाहे वह किसी भी संस्कृति या धर्म के हों। और इसी बात पर हमने भरोसा किया। यह एक प्रमुख वीगन या शाकाहारी आइटम है। हमारी खासियत यह है कि हमारे उत्पाद पशु क्रूरता-मुक्त, पौष्टिक और स्वादिष्ट हैं, जिसे हर कोई स्वीकार करता है।”

100% प्राकृतिक

एक बार जब साईराज ने प्रोसेसिंग टेक्निक को अच्छी तरह से समझ लिया तब उन्होंने कटहल के लिए तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र से किसानों को चुना। आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, उन्होंने साल के अलग-अलग समय में कटहल उगाने वाले खेतों को चुना। इसके बाद, उन्होंने प्रोसेसिंग यूनिट शुरु करने के लिए FDA अनुमोदन और आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ली।

साईराज ने तीन रेडी-टू-कुक और दो रेडी-टू-ईट उत्पादों के साथ अपना बिजनेस शुरू किया। उनका दावा है कि सभी उत्पाद 100% प्राकृतिक हैं, और इनमें किसी भी तरह के आर्टिफिशियल रंग, केमिकल और प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल नहीं किया गया है। गोवा भर में, 27 ऑफ़लाइन स्टोर, ऑनलाइन बिक्री (भारत भर में) और 30 रिसॉर्ट्स और रेस्तरां के साथ पार्टनशिप करते हुए यह स्टार्टअप हर महीने 2-3 टन कटहल मीट तैयार करता है।
सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये उत्पाद साल भर तक खराब नहीं होते हैं और इन्हें फ्रीजर में रखने की भी ज़रुरत नहीं होती है।

इस स्टार्टअप ने हर फूड आइटम को इस तरह से डिजाइन किया है कि स्वाथ्य का ध्यान रखने वालों से लेकर मीट पसंद करने वाले तक इसका लुत्फ उठा सकते हैं। 

बर्गर, टैकोस जैसे मज़ेदार खाने को बनाया पौष्टिक

वकाओ फूड्स का सबसे ज़्यादा बिकने वाला उत्पाद जैक बर्गर पैटी है, जिसे बच्चे और वीगन काफी ज़्यादा पसंद करते हैं। शादियों में भी यह आईटम लोगों को खूब भाता है। साईराज बताते हैं कि वीगन खाने में सीमित विकल्प होने के कारण, उनके एक शाकाहारी दोस्त ने यह लाइफस्टाइल छोड़ दिया था। लेकिन जब उन्होंने यह बर्गर चखा, तो उन्होंने फिर से वीगन लाइफस्टाइल अपना लिया है। रेडी-टू-कुक रॉ जैक, मीट का एक स्वस्थ विकल्प है। टैकोस या फ्रेंकी रोल के लिए टेरियाकी जैक और बारबिक्यू जैक स्वादिष्ट स्लाइडर्स या फिलिंग बनाते हैं। इसके अलावा, बटर जैक का लुत्फ चावल के साथ लिया जा सकता है।

ब्लैक शील्ड बिस्ट्रो एंड ब्लैकमार्केट रेस्टोरेंट के प्रह्लाद सुखतंकर कहते हैं, “वकाओ उत्पादों के साथ काम करने पर हमें खुशी है। हम मुख्य रूप से कच्चे कटहल का उपयोग करते हैं, जो कच्चे स्वाद और मीट की बनावट को बनाए रखने के लिए अच्छी तरह से पैक किया जाता है और वैक्यूम-सील किया जाता है। यह हम तक साफ और इस्तेमाल करने लायक बन कर आता है, जिससे हमें सफाई और कटाई में कम समय लगता है और हमारी टीम क्रीएटिविटी पर ठीक से फोकस करती है। हम इसका उपयोग विभिन्न व्यंजनों जैसे क्रोकेट, टोस्टास और अन्य स्वादिष्ट व्यंजनों को बनाने के लिए करते हैं। हमें उम्मीद है कि भविष्य में हम द ब्लैक शीप बिस्ट्रो और ब्लैकमार में कई और स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए भी इनका उपयोग करेंगे।”

चुनौती और भविष्य की योजना

मीट के विकल्प के बारे में लोगों को शिक्षित करना और उन्हें इसके स्वाद का आश्वासन देना आसान नहीं है। इस तरह के प्रोड्क्ट की मार्केटिंग अभी भी एक चुनौती है। लेकिन सोशल मीडिया इस काम में काफी मददगार साबित हुआ है। यहाँ विज्ञापन के बहुत सारे रास्ते हैं। ऐसे समय में जब लोगों से व्यक्तिगत रुप से मिलने-जुलने पर कई तरह की पाबंदियां हैं, विभिन्न हितधारकों, जैसे कि किसानों और खुदरा विक्रेताओं के साथ समन्वय करना एक और समस्या है।

इस स्टार्टअप को बिक्री में गिरावट की परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। हालाँकि, इन सबके बावजूद, साईराज कभी परेशान नहीं हुए। अब वह मुंबई, बेंगलुरु, लखनऊ और दिल्ली जैसे शहरों में अपने उत्पाद बेचने की तैयारी में जुट गए हैं। वह कटहल से बने नए उत्पादों को भी अपने बिजनेस में शामिल करने में लगे हैं, जिसकी टेस्टिंग जारी है।

वह कहते हैं, “मेरी इच्छा है कि देश के हर रेस्तरां में नियमित मेन्यू के साथ वीगन मेन्यू भी हो।”

यदि आप किसी भी कटहल प्रेमी या किसान से पूछेंगे तो वह आपको बताएंगे कि कटहल को साफ करना और काटना कितना कठिन काम है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में ‘वकाओ फूड्स’ के रेडी-टू-ईट प्रोड्क्ट गेम-चेंजर साबित होंगे।

वकाओ फूड से संपर्क करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

मूल लेख : गोपी करेलिया 

संपादन- जी एन झा

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