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विदेश में सबकुछ गंवा जीरो से की शुरुआत, भारत में पिज़्ज़ा बेच कमाने लगे लाखों

Gusto's Pizzeria in Vadodara

यह कहानी है गुजरात के वडोदरा में रहने वाले बिजल दवे की। बिजल शहर में अपना पिज़्ज़ा आउटलेट Gusto’s Pizzeria चला रहे हैं। जहां वह ग्राहकों को 40 से ज्यादा तरह के पिज़्ज़ा सर्व करते हैं। उनका आउटलेट इटालियन पिज़्ज़ा के लिए मशहूर है। उनके पिज़्ज़ा आउटलेट की ख़ास बात यह है कि यहां आपको ऑथेंटिक इटली स्टाइल के पिज़्ज़ा का स्वाद मिलेगा। क्योंकि बिजल ने पिज़्ज़ा बनाना इटली से ही सीखा है। बिजल कई सालों तक कांगो के एक रेस्तरां में पिज़्ज़ा बनाया करते थे।

द बेटर इंडिया से बात करते हुए बिजल ने बताया, “मैं 1992 में अपने एक दोस्त के साथ केन्या गया था। मैंने कंप्यूटर में डिप्लोमा किया है तो सोचा बाहर कोई अच्छी नौकरी मिल जाएगी। लेकिन वहां भी हमें धक्के ही खाने पड़े और अपने क्षेत्र की कोई नौकरी नहीं मिली। लेकिन अब गुजारा तो करना ही था। इसलिए मैंने एक होटल में नौकरी शुरू कर दी।”

होटल में पहले बिजल ने छोटे-मोटे काम किये जैसे बर्तन धोना, टेबल साफ़ करना आदि। लेकिन वह जो भी काम करते पूरे दिल से करते थे और इसलिए उन्हें कुछ ही महीनों में होटल के फ्रंट ऑफिस में काम मिल गया। फ्रंट ऑफिस में बिजल की मुलाक़ात ग्राहकों से होने लगी। उन्होंने बताया, “एक बार एक ग्राहक ने मुझे पूछा कि क्या मैं कांगो में उनके होटल में काम कर सकता हूं? मैं तैयार हो गया और कांगो चला गया। वहां मुझे किचन में काम करने का भी मौका मिला। उनका एक पिज़्ज़ेरिया भी था और मुझे वहां दिलचस्पी आने लगी।”

बिजल ने कांगो में पिज़्ज़ा बनाना सीखा। वह कहते हैं कि कुछ ही दिनों में होटल के मालिक को उन पर भरोसा हो गया कि वह पिज़्ज़ा बनाने में महारत हासिल कर सकते हैं। उन्होंने बताया, “इसलिए उन्होंने मुझे खासतौर पर पिज़्ज़ा बनाना सीखने के लिए इटली भेजा।” 

साल 2018 तक बिजल ने कांगो में ही काम किया। इतने सालों में उन्हें उस होटल में पार्टनरशिप भी मिल गयी थी। इसलिए वह जो भी कमाते, उसमें से कुछ अपने घर भेजते और कुछ वापस बिज़नेस में इन्वेस्ट करते थे। “लेकिन कांगो में उपद्रव बहुत होते हैं और 2018 में भी एक ऐसा ही उपद्रवी हमला हुआ और हमारा होटल उसमें जल गया। मेरे पास सेविंग्स के नाम भी कुछ ज्यादा नहीं था। इसलिए मैं अपने वतन लौट आया,” वह कहते हैं। 

Bijal Dave (Source)

जीरो से की शुरुआत 

अपना सबकुछ गंवाने के बाद एक बार फिर खड़े हो पाना मुश्किल तो था लेकिन नामुमकिन नहीं। अपने परिवार के सहयोग से बिजल ने अपने देश, अपने शहर में एक नयी शुरुआत करने की ठानी। लेकिन सवाल यह था कि क्या किया जाए? उन्होंने बताया, “जब भी मैं सोचता कि क्या करूं तो सिर्फ पिज़्ज़ा ही दिमाग में आता था। क्योंकि मैंने पिज़्ज़ा ही बनाना सीखा था और मुझे यकीन था कि मैं इस काम में सफलता हासिल कर सकता हूं। इसलिए मैंने 2019 में अपने घर से ‘Gusto’s Pizzeria’ की शुरुआत की। कुछ महीनों तक मैंने इसे क्लाउड किचन की तरह ही चलाया। लोग ऑनलाइन ऑर्डर करते थे और मैं घर से पिज़्ज़ा बनाकर देता था।”

लेकिन यह राह इतनी आसान नहीं थी। कई बार उन्हें कई-कई दिनों तक ऑर्डर भी नहीं आते थे। उनका तैयार किया हुआ सामान वेस्ट हो जाता था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी क्योंकि उन्हें अपने बनाए पिज़्ज़ा के स्वाद और गुणवत्ता पर पूरा भरोसा था। वह पूरी ईमानदारी से लगे रहे और धीरे-धीरे उनके ग्राहक बढ़ने लगे। उन्होंने अपनी कोई मार्केटिंग नहीं की बल्कि जो भी उनका पिज्जा खाता था, दूसरों को जरूर ट्राई करने के लिए कहता था। उनके ग्राहकों ने ही उनकी पब्लिसिटी की और लॉकडाउन के बाद, उन्होंने अपने घर के परिसर में ही एक छोटा-सा आउटलेट भी बना दिया। 

“मैंने कैंपस में ही चार-पांच टेबल लगा दी और दो लोगों को काम पर भी रख लिया। धीरे-धीरे ग्राहक बढ़ने लगे तो जगह कम पड़ने लगी। कई बार लोगों को टेबल के लिए खड़ा रहना पड़ता था। इसलिए मैंने बड़ी जगह पर शिफ्ट करने का फैसला किया। फिलहाल, हमारा जो आउटलेट है वह बड़ी जगह पर है और शाम तीन बजे से रात तक हमारा आउटलेट खुलता है। वीकेंड पर अन्य दिनों से ज्यादा भीड़ होती है,” उन्होंने कहा। 

आठ लोगों को दिया रोजगार

Different Pizza’s in his outlet (Source)

बिजल बताते हैं कि फ़िलहाल उन्होंने आठ लोगों को रोजगार दिया हुआ है। इन सब लोगों को वह पिज़्ज़ा बनाने से लेकर आउटलेट चलाने तक के सभी काम सिखाते हैं। उनका कहना है, “मैं अपने सभी कर्मचारियों को पिज़्ज़ा बनाना सिखाता हूं ताकि अगर कभी मैं आउटलेट में न रहूं तो भी काम चलता रहे। इसके अलावा, हम अच्छी से अच्छी गुणवत्ता के रॉ मटीरियल इस्तेमाल करते हैं। हमारा पूरा फोकस हमारे पिज़्ज़ा की गुणवत्ता और स्वाद पर रहता है। हमारे यहां एक बार आने वाला ग्राहक दोबारा जरूर आता है।”

उनके एक ग्राहक विजेश शाह कहते हैं, “अगर आपको ऑथेंटिक इटली का अनुभव चाहिए तो एक बार Gusto’s पिज़्ज़ा जरूर ट्राई करना चाहिए। यहां पर लोगों को पिज़्ज़ा में बहुत सी वैरायटी और टेस्ट ट्राई करने का मौका मिलेगा। यहां पर मिलने वाले पिज़्ज़ा आपने पहले शायद ही वडोदरा में कहीं और ट्राई किए हों।” 

बिजल ने लगभग एक लाख रुपए की इन्वेस्टमेंट से अपना काम शुरू किया था। आज वह हर महीने लगभग चार लाख रुपए तक की कमाई कर रहे हैं। अपने पिज़्ज़ेरिया की फ्रेंचाईजी को लेकर वह कहते हैं कि हो सकता है आने वाले समय में वह अपनी फ्रेंचाईजी दें। लेकिन वह उसी इंसान को फ्रेंचाईजी देंगे जो खुद पिज़्ज़ा बनाना सीखकर यह काम करना चाहता है। “बहुत से लोग सिर्फ पैसा लगाते हैं और दूसरों के भरोसे आउटलेट को छोड़ देते हैं। लेकिन मैं सिर्फ पैसा कमाने की चाह रखने वाले लोगों के साथ काम नहीं कर सकता हूं। मैं चाहता हूं कि जो भी मेरी चेन को आगे बढ़ाये, उसमें यह स्किल भी हो ताकि हम ऑथेंटिक टेस्ट को आगे बढ़ा सकें,” वह कहते हैं। 

आज के युवाओं के लिए बिजल सिर्फ यही संदेश देते हैं कि पैसे के पीछे भागने से ज्यादा जरूरी है कि स्किल और पैशन के पीछे भागा जाए। अगर आप पूरे दिल से कोई काम करना सीखते हैं और मेहनत करते हैं तो आप खुद ही ढेर सारा पैसा कमा लेंगे। लेकिन अगर हुनर ही नहीं होगा तो काम नहीं चल पायेगा। उनके एक हुनर ने उन्हें सब कुछ खोने के बाद भी कभी हारने नहीं दिया। इसलिए वह सभी को अपने हुनर पर मेहनत करने की सलाह देते हैं। 

अगर आप बिजल से संपर्क करना चाहते हैं तो उनके इंस्टाग्राम अकाउंट @pizzeriagustos से जुड़ सकते हैं। 

संपादन- जी एन झा

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