Site icon The Better India – Hindi

मुंबई डब्बावालों से मिली प्रेरणा, सुपारी के पत्तों से डिजाइन किया इको-फ्रेंडली टेकअवे पैकेजिंग

Eco Friendly Packaging Boxes by Srishti Garg

ऑफिस हो, सफर पर जाना हो या कहीं पार्टी हो, घर से खाना ले जाने की बात पर एक ही चीज़ नज़र के सामने घूमती है – एक के ऊपर एक रखकर बंद किया गया स्टील के डिब्बे वाला टिफिन। ऑफिस की टेबल हो या ट्रेन की सीट, टिफिन खुलते ही घर से लाए खाने की खुशबू चारो तरफ फैल जाती है। ऑफिस में काम करने वालों से लेकर स्कूल जाने वाले बच्चों तक, स्टील के ऐसे टिफिन के डिब्बे रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं। प्रोडक्ट डिज़ाइनर सृष्टि गर्ग ने ऐसे ही स्टील के टिफिन से प्रेरणा लेते हुए एक ऐसा टेकअवे डिब्बा डिज़ाइन किया है, जो इको-फ्रेंडली (Eco Friendly Packaging Boxes) भी है और जिसमें बड़े आराम से खाना ले जाया जा सकता है।

सृष्टि ने अपने इस टिफिन को ‘डिप इन टिफिन’ नाम दिया है। सृष्टि का मकसद रेस्तरां द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सिंगल-यूज़ फूड पैकेजिंग को खत्म करना है। इस थ्री-टियर इको-फ्रेंडली डिज़ाइन की मदद से लोग अपना खाना प्राकृतिक पैकेजिंग में ले जा सकेंगे। साथ ही इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री से काफी कम वेस्ट भी निकलेगा।

कैसे आया Eco Friendly Packaging Boxes का आइडिया?

‘डिप इन टिफिन’ डिजाइन को सुपारी के पत्तों के कटोरों से बनाया गया है, जिससे पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचता और इसका निपटारा करना भी आसान होता है। सृष्टि के मुताबिक, ‘डिप इन टिफिन’ यात्रा करने वालों के लिए बहुत उपयोगी है। स्टील के डिब्बों में खाना ले जाने के बाद, लोगों को अक्सर यह चिंता रहती है कि इसे कैसे वापस ले जाना है, लेकिन इस डिजाइन से उनकी यह चिंता खत्म हो सकती है।

द बेटर इंडिया से बात करते हुए सृष्टि ने बताया, “साल 2018 में इसकी शुरुआत हुई। मैं कॉलेज में एक कोर्स कर रही थी, जिसमें ब्रांडिंग के बारे में पढ़ाया जा रहा था। मुझे नाश्ता बेचने वाले फूड ब्रांड्स के लिए पैकेजिंग डिजाइन करनी थी। मैं अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ी रहना चाहती थी और लोगों को कुछ ऐसा देना चाहती थी, जिसे वे भारतीय संस्कृति से जोड़ सकें और इस काम के लिए डिब्बे से बेहतर कुछ और नहीं हो सकता था। 

परंपरा और सस्टेनेबिलिटी का संगम

पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सृष्टि ने एक ऐसे मटेरियल को चुना, जिसे आसानी से रीसायकल किया जा सके और साथ ही इसके प्रोडक्शन के काम के ज़रिए लोगों को रोज़गार दिया जा सके। डिजाइन के बारे में बात करते हुए सृष्टि कहती हैं कि यह सुपारी के पत्ते से बना एक तरह के सूप के कटोरे जैसा है। यह सामग्री आसानी से उपलब्ध भी है और इसका निपटारा भी जल्दी हो जाता है। साथ ही इससे पर्यावरण को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता।

एक बार जब सृष्टि ने प्रोडक्ट की सामग्री तय कर ली, तो उनका अगला कदम डिजाइन बनाना था। वह बताती हैं कि वह पैकेजिंग (Eco Friendly Packaging Boxes) को जटिल नहीं बनाना चाहती थीं और उनके दिमाग में डिब्बे के ऊपर डिब्बा रखने जैसा डिजाइन घूम रहा था। उन्होंने महसूस किया कि एक के ऊपर एक डिब्बे जोड़ने से लागत बढ़ेगी और वह नहीं चाहती थीं कि खर्च बढ़े। वह एक ऐसा टिफिन बनाना चाह रही थी, जिसे लोग आसानी से खरीद सकें। 

सृष्टि एक ऐसा डिज़ाइन बनाने का सोच रही थीं, जो मुंबई के डिब्बावालों के डिब्बों जैसा हो। मार्केट में अपनी जगह बनाने की बात करते हुए वह कहती हैं कि, लोग नई बातचीत या नए बदलाव को जल्दी स्वीकार नहीं कर पाते हैं।

ईको-फ्रेंडली पैकेजिंग, डिप इन टिफिन

यह भी पढ़ेंः आटे और गुड़ से बने हैं ये कप, जिनमें चाय पीने के बाद, बिस्किट की तरह खा सकते हैं आप

और अधिक यूज़र फ्रेंडली बनाने पर कर रही हैं काम

इस ईको-फ्रेंडली पैकेजिंग (Eco Friendly Packaging Boxes) को बनाने की प्रक्रिया में पेपर की मोटाई की मुख्य भूमिका थी। शुरुआत में सृष्टि ने इडली, वड़ा और अप्पम के साथ टेस्टिंग करने का फैसला किया। सृष्टि अपने प्रोडक्ट की अनोखी विशेषताओं पर बात करते हुए कहती हैं कि इसे एक टिफिन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है या अगर ज्यादा खाना ले जा रहे हैं, तो स्टील की टिफिन की तरह ही एक के ऊपर एक डिब्बा रखकर ले जा सकते हैं। 

सृष्टि का मानना है कि जब हम सस्टेनेबिलिटी की ओर बढ़ते हैं, तो आमतौर पर हम उन्हीं डिजाइनों की तरफ जाते हैं जो पहले से उपलब्ध हैं और इस प्रक्रिया में असली मतलब खो देते हैं।

वह कहती हैं कि उनके प्रोडक्ट्स का डिजाइन ऐसा है, जो लोगों को उनके भारतीय जड़ों की याद दिलाता है। इसकी सामग्री अपने आप में एक इंडस्ट्री है, जो दक्षिण भारत में कई लोगों के लिए रोज़गार पैदा कर रही है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका क्राफ्ट्समैन की होती है और इस तरह, ये डिज़ाइन यह सुनिश्चित करता है कि इकोसिस्टम किसी भी तरह से बिगाड़े न।

हालांकि सृष्टि का डिज़ाइन अभी भी एक प्रोटोटाइप है, वह फूड चेन और डिलिवरी पार्टनर के साथ इस कॉन्सेप्ट पर आगे चर्चा करने की योजना बना रही हैं, जिससे उन्हें पता चल सके कि इसे और ज्यादा यूजर फ्रेंड्ली कैसे बनाया जा सकता है। 

हर तरह का फूड आइटम रख सकते हैं इन Eco Friendly Packaging Boxes में

फिलहाल, सृष्टि काफी सतर्क हैं। वह कहती हैं, “मैं अंतिम स्ट्रक्चर के बजाय, यह समझना चाहती हूं कि ज्यादा लोगों को क्या पसंद आएगा और फूड चेन के लिए क्या बेहतर होगा! वह इस डिजाइन को विकसित करने और आम सहमति पर आने के लिए पूरी तैयार हैं, जिससे दोनों पक्षों को फायदा हो सके।

सूखी स्नैक कंपनियों के लिए इको फ्रेंडली टिफिन (Eco Friendly Packaging Boxes) काफी बढ़िया विकल्प है, लेकिन सृष्टि कहती हैं कि गीले फूड आइटम के साथ काम करने वाले ब्रांड एक ऐसा डिज़ाइन पसंद करेंगे, जिसमें ग्रेवी आइटम भी ले जाया जा सके। इसलिए, सृष्टि अभी इसपर और काम कर रही हैं।

अगर तापमान की बात की जाए, तो सृष्टि के मुताबिक टिफिन अच्छा काम करेगा। टिफिन को फ्रिज में रखने से कोई समस्या नहीं होगी, न ही गर्मी से कोई असर पड़ेगा। वह दावा करती हैं कि बिना किसी समस्या के रसम, सांभर आदि सुपारी के पत्ते और उससे बने कंटेनरों में रखा जा सकता है। 

कागज की पैकेजिंग की तरह ही, इस पैकेजिंग का निपटान होने में लगभग 90 से 100 दिन लगते हैं।

मूल लेखः कृस्टल डिसूजा

संपादनः अर्चना दुबे

यह भी पढ़ेंः मुफ्त में सिखाते हैं बांस के कूड़ेदान और बर्तन बनाना, ताकि प्रकृति रहे सुरक्षित

Exit mobile version