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EV का है जमाना: इको-फ्रेंडली व किफायती इलेक्ट्रिक गाड़ियां बना रही हैं ये 5 कंपनियां

भारत में पिछले छह-सात सालों में इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री काफी ज्यादा विकसित हुई है। सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एसएमईवी) के मुताबिक, भारत में 2019-20 में ई-रिक्शा को छोड़कर इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री, 20% तक बढ़ी है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती बिक्री के पीछे की एक बड़ी वजह है, इलेक्ट्रिक सेक्टर में बढ़ रहे उद्यम और इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में ग्राहकों के बीच बढ़ती जागरूकता। 

ये उद्यम, ग्राहकों की जरूरत के हिसाब से ईवी वाहन बना रहे हैं। साथ ही, लोगों के बीच बढ़ते प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों की खपत को लेकर, जागरूकता भी बढ़ा रहे हैं। कहीं न कहीं, ये उद्यम भारत के हरित भविष्य में अपना योगदान भी दे रहे हैं। इलेक्ट्रिक साइकिल, स्कूटर और ई-रिक्शा आदि के बाद मारुती, टाटा मोटर्स जैसी कई कंपनियां, इलेक्ट्रिक कार के क्षेत्र में भी आगे बढ़ रही हैं। उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में, देश के सभी गाँव तथा शहरों की सड़कों पर हमें ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन दिखेंगे। 

आज हम आपको ऐसी पाँच ईवी कंपनियों के बारे में बता रहे हैं, जो इस उद्देश्य को पूरा करने में अपना योगदान दे रही हैं। 

1.अथर एनर्जी (Ather Energy): 

Source: Ather Energy Team

बेंगलुरु स्थित इस कंपनी को साल 2013 में दो IIT मद्रास ग्रैजुएट्स, तरुण मेहता और स्वप्निल जैन ने मिलकर शुरू किया था। दूसरी, इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों की तरह, इनका उद्देश्य भी भारतीय ग्राहकों के लिए अच्छी क्षमता वाले इलेक्ट्रिक वाहन बनाने का है। यह कंपनी भारतीय सड़कों के हिसाब से इलेक्ट्रिक स्कूटर बना रही है और दो मॉडल उन्होंने लॉन्च किए हैं- अथर 450X और अथर 450 प्लस। 

कंपनी के मुताबिक, अथर 450X स्कूटर को 85 किमी प्रति घंटा की क्षमता से चलाया जा सकता है। इसमें दो डिस्क ब्रेक हैं और 22 लीटर का स्टोरेज है। इसमें छह किलोवाट की PMSM मोटर और लिथियम आयन बैटरी लगी हुई है। इलेक्ट्रिक स्कूटर के साथ, इसकी चार्जिंग के लिए कंपनी अपना खुद का ‘चार्जिंग डॉट’ उपलब्ध कराती है। इसके अलावा, कंपनी द्वारा अपनी एक मोबाइल एप भी लॉन्च की गयी है, जिससे आप कहीं भी अपने स्कूटर का चार्जिंग स्टेटस चेक कर सकते हैं। 

साथ ही, कंपनी द्वारा अब तक 8 शहरों में लगभग 74 सार्वजनिक चार्जिंग डॉट, ‘अथर ग्रिड’ लगवाए गए हैं ताकि आप जरूरत पड़ने पर इनका फायदा उठा सकें। फिलहाल, कंपनी बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, जयपुर, मैसूर, पुणे और अहमदाबाद जैसे शहरों में काम कर रही है। साल 2022 तक कंपनी का उद्देश्य 6500 चार्जिंग डॉट सेटअप करने का है।

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2. PURE ईवी (PURE EV):

PURE का मतलब है- पावर यूजिंग रिन्यूएबल एनर्जी (Power Using Renewable Energy) और यह स्टार्टअप IIT हैदराबाद द्वारा इन्क्यूबेट किया गया है। PURE ईवी, PuREnergy की इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण यूनिट है, जिसे IIT- हैदराबाद के प्रोफेसर डॉ. निशांत डोंगरी और IIT बॉम्बे के पूर्व छात्र रोहित वडेरा ने 2016 में शुरू किया था। यह कंपनी ग्राहकों को इलेक्ट्रिक साइकिल और स्कूटर उपलब्ध कराती है। आने वाले कुछ महीनों में, कंपनी द्वारा एक इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल का मॉडल ‘ETRYST 350’ भी लॉन्च किया जा रहा है। 

कंपनी द्वारा विकसित ‘EPLUTO’, एक प्रीमियम इलेक्ट्रिक स्कूटर मॉडल है। इस स्कूटर की दिलचस्प बात यह है कि इसकी बैटरी पोर्टेबल है। आप अपने घर या दफ्तर में, किसी भी 16amp सॉकेट में आप इस इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी को चार्ज कर सकते हैं। कंपनी की इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल के मॉडल को जल्द ही बाजार में लॉन्च किया जायेगा। द हिन्दू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस मोटरसाइकिल की गति 85 किमी प्रति घंटा है और एक बार फुल चार्ज होने पर, यह लगभग 120 किमी तक चल सकती है। 

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3. एम्पीयर व्हीकल (Ampere Vehicles):

Mitra; Photo Source: Ampere Vehicles

हेमलता अन्नामलाई ने 2008 में तमिलनाडु के कोयंबटूर में अपनी कंपनी, ‘Ampere Vehicles Pvt. Ltd’ की शुरुआत की, जो शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग इलेक्ट्रिक-वाहन बना रही है। हेमलता कहती हैं, “हम चाहते हैं कि, हाई-टेक टेक्नोलॉजी तक हर किसी की पहुँच हो। यही वजह है कि हमारा उद्देश्य, उन्नत (एडवांस्ड) और टिकाऊ (सस्टेनेबल) परिवहनों को ग्रामीण और अर्ध-शहरी (सेमी अर्बन) क्षेत्रों तक ले जाना है।”

कंपनी द्वारा इलेक्ट्रिक स्कूटर के साथ-साथ, कम लागत और बिना धुएं वाले तीन पहियों (थ्री-व्हीलर) वाले वाहन भी बनाए जा रहे हैं। कंपनी ने इलेक्ट्रिक स्कूटर के छह मॉडल लॉन्च किए हैं और इसके अलावा, अन्य ई-वाहन भी बना रही है।  उनका ई-वाहन, ‘मित्र’, खासतौर पर कचरा ढोने के लिए बनाया गया है। यह वाहन दो तरह की क्षमता वाला है। एक 250 किलोग्राम क्षमता वाला और दूसरा, 450 किलोग्राम की क्षमता वाला। इसी तरह, उनके एक और वाहन, ‘त्रिसूल’ को कताई मिलों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस थ्री-व्हीलर का लक्ष्य कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, उनकी उत्पादकता को बढ़ाना है। मिल के अंदर परिवहन को आसान बनाते हुए, समय की बचत करना है।

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4. युलु (Yulu):

यह स्टार्टअप साल 2017 में अमित गुप्ता, आरके मिश्रा, नवीन दचुरी और हेमंत गुप्ता ने शुरू किया था। बेंगलुरु स्थित इस स्टार्टअप ने एक इलेक्ट्रिक साइकिल- ‘युलु मूव’ और एक इलेक्ट्रिक स्कूटर- ‘युलु मिरेकल’ लॉन्च किया है। युलु एक ऐसी कंपनी है, जो अपनी मोबाइल एप के माध्यम से लोगों को कहीं आने-जाने के लिए परिवहन के इको-फ्रेंडली विकल्प उपलब्ध कराती है। युलु के वाहनों को आप एप के जरिए, कुछ देर के लिए किराए पर ले सकते हैं और अपने तय स्थान पर पहुँच कर, इसे किसी पास के युलु जोन पर पार्क कर सकते हैं। 

युलु ने अपनी शुरुआत इलेक्ट्रिक साइकिल से की थी लेकिन, 2019 में उन्होंने इलेक्ट्रिक स्कूटर भी लॉन्च किया। यह ई-स्कूटर लिथियम आयन बैटरी से चलता है। इसे खासतौर पर, शहरों के ज्यादा ट्रैफिक वाले इलाकों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह 25 किमी/घंटा की गति से चलता है। इसका वजन 40 किलोग्राम है और एक बार चार्ज होने पर यह 70 किमी तक चल सकता है। फिलहाल, कंपनी के पास 10, 000 ईवी हैं और इनकी सर्विस बेंगलुरु, दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई और अहमदाबाद में उपलब्ध हैं। इन शहरों में आप युलु की सुविधा लेने के लिए आप इसका मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड कर सकते हैं।

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5. Batt:RE:

जयपुर स्थित इस इलेक्ट्रिक वाहन स्टार्टअप को निश्चल चौधरी द्वारा 2017 में शुरू किया गया। इस स्टार्टअप का उद्देश्य, ई-साइकिल और ई-स्कूटर के माध्यम से कार्बन फुटप्रिंट्स और ध्वनि प्रदूषण जैसी समस्याओं का समाधान करना है। कंपनी द्वारा इलेक्ट्रिक साइकिल के अलावा, इलेक्ट्रिक स्कूटर के कई मॉडल लॉन्च किए गए हैं। 

कंपनी के ‘Batt:RE ONE’ स्कूटर में LFP बैटरी है, जिसे स्कूटर से निकाला जा सकता है और फिर दोबारा स्कूटर में लगाया जा सकता है। इसकी बैटरी को चार्ज होने में ढाई घंटे का समय लगता है। इसमें एंटी-थेफ्ट अलार्म और एक यूएसबी चार्जर की सुविधा भी है। इसके अलावा, उन्होंने ‘gps:ie’ स्कूटर भी लॉन्च किया है, जो एक स्मार्ट व्हीकल है और इसमें सिम कार्ड लग सकता है। इसमें जीपीएस ट्रैकर, डिवाइस मैनेजमेंट, डिवाइस स्टेटस अलर्ट और सिक्योर पार्क जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। 

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संपादन- जी एन झा

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