उत्तर-प्रदेश के मुज़फ्फरनगर के लद्देवाला क्षेत्र में पिछले 26 सालों से मुस्लिम परिवार एक मंदिर की देख-रेख कर रहे हैं। दरअसल, साल 1990 में बाबरी मस्जिद के गिरने के बाद इस क्षेत्र में भी दंगों की आग भड़की। और इसी के चलते यहां रह रहे 20 हिन्दू परिवार यह जगह छोड़कर चले गए।
जिसके बाद से इस मंदिर की देखभाल यहां के मुस्लिम परिवार करते हैं। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि मंदिर साफ़-सुथरा रहे और दिवाली पर हर साल वे मंदिर का रंग-रोगन भी करवाते हैं। नदीम खान ने बताया कि स्थानीय लोग चंदा इकट्ठा करके मंदिर की मरम्मत करवाते हैं।
यहां के एक स्थानीय निवासी, 60 वर्षीय मेहराबीन अली ने बताया, “जितेंद्र कुमार मेरे सबसे करीबी दोस्तों में से एक था। मैंने तनाव के बावजूद उसे जाने से रोकने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने कई अन्य परिवारों के साथ जाते वक़्त यह वादा किया कि वे एक न एक दिन वापस आ जाएंगे। तब से यहां के निवासियों ने मंदिर का ख्याल रखा है।”
हालांकि, मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है। 1992 में यह जगह छोड़ते वक़्त हिन्दू परिवार मंदिर की मूर्ति भी अपने साथ ले गए थे। क्षेत्र में रहने वाले लगभग 35 मुसलमान परिवार अभी भी दशकों पहले छोड़कर गए अपने पड़ोसियों की वापसी की उम्मीद करते हैं।
एक और निवासी गुलज़ार सिद्दकी ने बताया, “यहां कोई हिन्दू परिवार नहीं रहता है। लेकिन यदि हम लोगों ने किसी को भी उनके पूजा-स्थल को नुकसान पहुंचाने दिया तो उनका विश्वास हम पर से उठ जायेगा।”
इससे पहले हमने आपको मुज़फ्फरनगर के नन्हेड़ा गाँव के रामवीर कश्यप के बारे में बताया था, जो लगभग 120 साल पुरानी मस्जिद की देख-रेख करते हैं। आप पूरी कहानी यहां पढ़ सकते हैं।
संपादन – मानबी कटोच