केरल में कुछ एम्बुलेंस चालकों ने मानवता की मिसाल कायम की है। उन्होंने मलप्पुरम में काम करने वाले एक प्रवासी मजदुर की मौत के बाद उसके शरीर को उसके परिवार के पास वाराणसी पहुँचाने की ज़िम्मेदारी उठाई है।
25 सितम्बर को एक सड़क दुर्घटना में 20 वर्षीय सिकन्दर की मौत हो गयी थी। जिसके बाद उसके परिवार वालों से सम्पर्क किया गया। लेकिन उसके परिवार वालों ने उसका शरीर लेने आने में असमर्थता दिखाई। ऐसे में चेम्मद के एम्बुलेंस चालकों ने निश्चय किया कि वे खुद सिकन्दर के पार्थिव शरीर को उसके घर पहुंचाएंगे।
ये चार एम्बुलेंस ड्राईवर हैं अब्दुल सत्तार, नजार, अब्दुल पथिरंगल और अब्दुल रहमान! इन्होंने 28 सितम्बर को सिकन्दर के पड़ोसी के साथ उसके घर, वाराणसी की यात्रा शुरू की। वे 2 अक्टूबर की दोपहर वाराणसी पहुंचे, जहाँ उन्होंने सिकन्दर के शरीर को वाराणसी पुलिस को सौंपा।
बेशक, इन चारों द्वारा उठाया गया यह कदम काबिल-ए-तारीफ है। हम इन सभी लोगों की सराहना करते हैं।