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सुनील छेत्री की दिल छू जाने वाली वीडियो को देख एक यूट्यूबर ने मैच की सारी टिकटें खरीदी!

फोटो: scroll.in

ह बहुत दुःख की बात है कि राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कप्तान को खुद एक वीडियो के जरिये मैच देखने आने के लिए देश के नागरिकों से अपील करनी पड़े।

पर कहते हैं न कि ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है और सुनील छेत्री की इस वीडियो ने वही कर दिखाया। देश के लोगों ने इस सच को जाना भी और प्रतिक्रिया भी दी। भारत बनाम केन्या मैच को देखने के लिए एक यूट्यूबर ने सम्पूर्ण स्टैंड और सभी मैचों के टिकट खरीद लिए।

दरअसल, मुंबई में चल रहे इंटरकॉन्टिनेंटल कप में लोगों की बहुत ही कम उपस्थिति देखी गयी। खेल की ओर लोगों की इस उदासीनता को देखकर, कप्तान ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया, और प्रशंसकों से बड़ी संख्या में मैच में भाग लेने का आग्रह किया।

 

इस वीडियो में छेत्री बहुत ही विनम्रता से लोगों से अपील करते हैं। उनका कहना है कि इंटरनेट पर आलोचना करने से बेहतर है कि आप स्टेडियम में आकर हम पर चिल्लाएं, हमें बुरा-भला कहें पर कम से कम इस खेल में भाग लें। क्या पता एक दिन आप सबकी आलोचना तारीफ़ में बदल जाये।

इस दो-मिनट की वीडियो पोस्ट में छेत्री सभी यूरोपियन क्लबों के प्रशंसकों से भी आने का आग्रह करते हैं। भारत में बड़ी संख्या में फुटबॉल समर्थक हैं, जो बड़े क्लबों और उनके खेल को देखते हैं, फिर भी देश में फुटबॉल नहीं देखते।

बहुत दुःख की बात है कि शनिवार को मुंबई में मैच के दौरान स्टेडियम का सिर्फ एक चौथाई भाग ही भरा हुआ था। हालाँकि भारत ने चीन की ताइपे को 5-0 से हरा 4-टीम टेबल में अपनी जगह बना ली और इसके लिए छेत्री ने हैट्रिक भी मारी थी।

खैर, छेत्री के वीडियो पर प्रतिक्रिया देखने को मिली। विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर जैसे बल्लेबाज भी छेत्री के समर्थन में आगे आये, जिसके चलते वीडियो वायरल हो गयी।

यूट्यूबर निकुंज लोटिया ने ट्विटर पर घोषणा की कि उन्होंने मुंबई मैच के लिए एक संपूर्ण स्टैंड खरीदा है। उन्होंने साथी फुटबॉल प्रशंसकों से टिकट के लिए उनसे संपर्क करने के लिए कहा।

फोटो: निकुंज लोटिया/इंस्टाग्राम

शायद, एक सुनहरा पल तब था जब ला लीगा के आधिकारिक हैंडल ने टीम के कप्तान के इस दिल छू जाने वाले संदेश का समर्थन किया।

संयोग से, छेत्री भारत की वरिष्ठ राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के लिए अपना 100 वां मैच खेलेंगे, और बाइचूंग भूटिया के बाद वे दूसरा व्यक्ति हैं इस उपलब्धि को हासिल करने वाले।

क्रिकेट-प्रेमी भारत में बाकी खेलों के लिए प्राथमिकता पाना मुश्किल है। पर इस घटना के बाद यक़ीनन भारतीयों को खेलों का समर्थन करने का अपना तरीका बदलना होगा।


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