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हरियाणा का यह चायवाला है भारत का नंबर वन लाइटवेट बॉक्सर, विजेंदर सिंह से मिली प्रेरणा!

राजेश कुमार कसाना उर्फ़ लुका

विजेंदर सिंह को अपना आदर्श मानने वाले राजेश कुमार कसाना लाइटवेट केटेगरी में भारत के नंबर वन बॉक्सर हैं। राजेश भी हरियाणा के भिवानी से हैं और विजेंदर के घर से कुछ ही दूर रहते हैं। लेकिन शायद विजेंदर जैसी शोहरत पाने के लिए उन्हें अभी बहुत संघर्ष करना है।

पुरे गाँव में ‘लुका’ के नाम से मशहूर राजेश अपना घर चलाने के लिए एक चाय की स्टॉल लगाते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया से हुई खास बातचीत में उन्होंने कहा, “10 रुपये की एक चाय और थोड़ा खाने का सामान बेचता हूँ। इसी से गुजारा कर रहा हूँ।” इस काम में उनकी मदद उनके भाई करते हैं।

गरीबी के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी है और लगातार बॉक्सिंग के सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वह सुबह 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक चाय की दुकान चलाते हैं। इसके बाद दुकान पर उनका भाई रहता है और वह थोड़ा आराम करने के बाद शाम लगभग 6 बजे से प्रैक्टिस शुरू करते हैं।

चाय की स्टॉल पर राजेश/मैच जीतने के बाद राजेश

राजेश बताते हैं कि उन्हें बॉक्सर बनते देखना उनके पिता का सपना था। उनके पिता की मौत कैंसर की बीमारी के चलते तभी हो गयी थी जब राजेश स्कूल में थे। इसके बाद राजेश की पढ़ाई भी छुट गयी क्योंकि उसे घर चलाने के लिए काम करना था। साल 2013 में अपनी इकलौती बहन को भी उन्होंने कैंसर की बीमारी में खो दिया।

राजेश ने अपने प्रफेशनल करियर की पहली फाइट मनप्रीत सिंह से की थी। उसके बाद से उन्होंने 10 में से 9 फाइट जीती, जबकि एक ड्रॉ रही। उनके बॉक्सिंग के लेवल का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वह लाइटवेट कटिगरी में भारत के नंबर वन बॉक्सर हैं। राजेश को अभी तक रॉयल स्पोर्ट्स प्रमोटर्स से बॉक्सिंग के लिए आर्थिक सहायता मिली है।

राजेश कसाना जय सिंह शेखावत के साथ

राजेश ने अपने प्रफेशनल करियर की पहली फाइट मनप्रीत सिंह से की थी। उसके बाद से उन्होंने 10 में से 9 फाइट जीती, जबकि एक ड्रॉ रही। उनके बॉक्सिंग के लेवल का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वह लाइटवेट कटिगरी में भारत के नंबर वन बॉक्सर हैं। राजेश को अभी तक रॉयल स्पोर्ट्स प्रमोटर्स से बॉक्सिंग के लिए आर्थिक सहायता मिली है।

हालांकि, अब वे अपने रोल मॉडल विजेंदर सिंह से मिलना चाहते हैं। राजेश ने विजेंदर से मिलने की कोशिश की, लेकिन वे मिल नहीं पाए। उनके बारे में राजेश कहते हैं, “मैं अब उनसे मिलना चाहता हूँ और यह जानना चाहता हूँ कि उनके जैसा प्रोफेशनल बॉक्सर कैसे बनूँ।”

हम उम्मीद करते हैं कि राजेश की विजेंदर सिंह से मिलने की तमन्ना जल्द से जल्द पूरी हो और भारत के इस उम्दा एथलीट के जीवन का संघर्ष भी खत्म हो।

मूल लेख: रिनचेन नोरबू वांगचुक

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