हाल ही में, बुधवार को स्वप्ना बर्मन ने एशियाई खेलों के हेप्टाथलॉन इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा है। हेप्टाथलॉन इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाली वे पहली भारतीय बन गयी हैं।
दरअसल, हेप्टाथलॉन इवेंट में सात प्रतियोगिताएं होती हैं, जिसमें हाई जम्प, जेवलिन थ्रो, लॉन्ग जम्प, शॉट पुट, 100 मीटर, 200 मीटर व 800 मीटर शामिल हैं। इन सात अलग-अलग प्रतियोगिताओं में अच्छे अंक हासिल कर उन्होंने गोल्ड पर अपना अधिकार बना लिया।
21 वर्षीय स्वप्ना ने सभी प्रतियोगिताओं में कुल 6026 अंक प्राप्त किये।
स्वप्ना का यहां तक का सफर आसान नहीं था। उनके इस सफर में पूर्व भारतीय क्रिकेटर राहुल द्रविड़ की भी अहम् भूमिका रही है।
जी हाँ, राहुल द्रविड़ एथलीट मेन्टरशिप प्रोग्राम ने 2017-18 साल में गो स्पोर्ट्स फाउंडेशन के जरिये 20 एथलीटों को चुना था। जिनमें से 2018 एशियाई खेलों और 2020 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए चयनित भारतीय एथलीटों को राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में सभी आवश्यक ट्रेनिंग व समर्थन देने का आश्वासन दिया गया।
अन्य 19 खिलाड़ियों के साथ स्वप्ना के लिए यह आर्थिक मदद और मार्गदर्शन बहुत कारगर साबित हुआ। इससे पहले भी राहुल द्रविड़ ने कई अन्य खिलाड़ियों को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है, जिनमें पृथ्वी शॉ और हार्दिक पांड्या जैसे नाम शामिल हैं।
हालांकि, उनके कई प्रशंसकों को पता नहीं है कि स्वर्ण पदक विजेता स्वप्ना के अलावा दत्तू भोकनाल, बी साईं प्रणित, किदंबी श्रीकांत, अंजुम मौदगील जैसे खिलाड़ियों के सपनों को मंजिल तक पहुंचाने में भी राहुल द्रविड़ का हाथ है।
इसके अलावा खेलों के दौरान स्वप्ना के दांत में भी बहुत दर्द था। उनके मसूड़ों में इन्फेक्शन फ़ैल गया था, जिसकी वजह से उन्हें अपने जबड़े को बैंडेज करके रखना पड़ा।
अत्यधिक पीड़ा के बावजूद उन्होंने सभी खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक जीता। पश्चिम बंगाल सरकार ने भी स्वप्ना के लिए 10 लाख रूपये के पुरस्कार की घोषणा की है। पश्चिम बंगाल एथलेटिक एसोसिएशन के सचिव कमल मैत्रा ने पीटीआई को बताया, “मुख्यमंत्री ने 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और स्वप्ना के लिए सरकारी नौकरी की घोषणा की है।”
गरीबी में बचपन गुजारने वाली स्वप्ना का एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जितने तक का सफर यकीनन प्रेरणादायक है।
संपादन – मानबी कटोच