भारत के राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले वर्ष के अंत में, राम नाथ कोविंद ने अपने कार्यालय में एक परिवर्तन लाने का फैसला किया है- उनके कार्यालय में सभी प्लास्टिक की बोतलों को अब कांच की बोतलों से बदल दिया जायेगा!
पहले राष्ट्रपति भवन के कर्मचारी हर महीने 1 लीटर की लगभग 1200 बोतलें और आधा-लीटर की लगभग 500 बोतलें इस्तेमाल करते थे। किसी आयोजन के दौरान मेहमानों के लिए और ज्यादा पानी की बोतलें इस्तेमाल होती थी।
लेकिन अब और नहीं।
अब इन डिस्पोजेबल प्लास्टिक की बोतलों की जगह राष्ट्रपति कार्यालय में केवल मोनोग्रामयुक्त ग्लास की बोतलों का इस्तेमाल होगा।
25 जुलाई, 2018 से यह पतिवर्तन लागु हो चूका है। यहां तक कि आयोजनों के दौरान मेहमानों के लिए भी ग्लास की बोतलों का उपयोग होगा।
फोटो: ट्विटर/इंडिया मार्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर)
भारत के राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले वर्ष का जश्न मनाने के लिए, कोविंद ने रायसिना हिल पर राष्ट्रपति भवन एस्टेट और हैदराबाद में राष्ट्रपति निलायम (राष्ट्रपति आवास) में एक प्लांटेशन ड्राइव शुरू किया है।
फिलहाल, राष्ट्रपति निलायम के 97 एकड़ के 40% हिस्से में पेड़-पौधे लगे हैं। राष्ट्रपति कोविंद के तीन साल के वृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत तेलंगाना वन विभाग को इसमें 10.5 एकड़ जमीन पर मिट्टी प्रबंधन, नमी संरक्षण आदि करके वृक्षारोपण शुरू करेगा।
राष्ट्रपति भवन एस्टेट में कुल 1600 पेड़-पौधे लगाए गए हैं।
राष्ट्रपति कोविंद ने प्लास्टिक पर रोक लगाने की बड़ी पहल शुरू की है और कहते है न कि समाज सेवा घर से ही शुरू होती है तो कोविंद भी एक हरे-भरे भविष्य की नींव अपने घर से ही रख रहें हैं।
इस साल, कई राज्य सरकारों, कॉलेज संस्थानों और नगर निगमों ने भी हानिकारक प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है।
राष्ट्रपति भवन की तरह, आप भी प्लास्टिक से छुटकारा पा सकते हैं और इन वस्तुओं को पर्यावरण के अनुकूल चीज़ों के साथ बदल सकते हैं।
हो सकता है कि आपको ये वस्तुएं प्लास्टिक की तुलना में थोड़ी महंगी लगे, लेकिन अगर हम अपने पर्यावरण के लिए यह कर सकते हैं तो हमें जरूर करना चाहिए।
संपादन – मानबी कटोच