आपने अक्सर सुना होगा कि एक पुलिस वाला कभी भी छुट्टी पर नहीं होता है। इसी बात को मुंबई में पुलिस सब-इंस्पेक्टर वाई.एस मुल्ला और डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) शिवदीप लांडे ने साबित कर दिखाया है।
दरअसल, रविवार की रात वानखेड़े स्टेडियम के पास हुए एक एक्सीडेंट में मुल्ला और लांडे ने दो घायल लड़कियों को समय रहते अस्पताल पहुंचाया।
रविवार को ड्यूटी खत्म कर मुल्ला अपने परिवार के साथ मरीन ड्राइव घूमने गयी थीं। “रात के लगभग साढ़े बारह बजे मैंने एक बाइक के फिसलने की आवाज सुनी और देखा कि दो लड़कियां एक्टिवा से गिर गयी हैं। उनका खून बह रहा था,” मुल्ला ने बताया।
मुल्ला ने तुरंत लड़कियों के पास पहुंचकर उनकी मदद की। तभी डीसीपी लांडे भी वहां से गुजर रहे थे। उन्होंने सड़क के किनारे भीड़ देखी तो कारण पता करने आगे आये। उन्होंने लड़कियों को इस हालत में देख, तुरंत एक टैक्सी रुकवाई और खुद उन लड़कियों को अस्पताल लेकर गए।
इधर मुल्ला ने देखा कि डीसीपी के साथ कोई भी महिला पुलिसकर्मी नहीं है। इसलिए उन्होंने अपने परिवार को घर जाने के लिए कहा और खुद स्कूटी पर टैक्सी के पीछे-पीछे अस्पताल पहुंची। ताकि, किसी भी परिस्थिति में घायल लड़कियों की मदद हो सके।
दोनों लड़कियों को जीटी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लड़कियों की पहचान नेहा कनेकर (21 वर्षीय) और निशा वाघेला (18 वर्षीय) के रूप में हुई। बाद में पता चला कि दोनों लड़कियां अपने दोस्त तुषार गोले (24 वर्षीय) के साथ घूमने निकली थीं। तुषार बाइक चला रहा था और दोनों लड़कियां पीछे बैठी थीं।
हालाँकि, नेहा और निशा को दुर्घटना में काफी चोटें आयी हैं, लेकिन तुषार को कोई चोट नहीं आयी। इस मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गयी है क्योंकि यह आकस्मिक हुई घटना थी।
“हमारी मदद के लिए मैं पीएसआई मुल्ला और डीसीपी लांडे का पुरे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ। मैंने सुना कि मुल्ला ने ऑफ-ड्यूटी होते हुए भी हमारी मदद की,” नेहा कनेकर ने कहा।
हम इन पुलिसवालों के हौसलों की सराहना करते हैं और उम्मीद करते हैं कि बहुत से लोग इनसे प्रेरणा लेंगें।
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